यूपी में बाढ़ का कहर: पांच नदियों के संगम पचनदा इलाके से बाढ़ की आंखों देखी रिपोर्ट, "ऐसा सैलाब जीवन में नहीं देखा"
यूपी में बाढ़ का कहर: पांच नदियों के संगम पचनदा इलाके से बाढ़ की आंखों देखी रिपोर्ट, "ऐसा सैलाब जीवन में नहीं देखा"

By Arvind Shukla

यमुना, चंबल, सिंध, पहुंज और कुआरी नदियों में आए सैलाब से यूपी के औरैया, इटावा और जालौन जिले के सैकड़ों गांव बाढ़ Flood की चपेट में हैं। तबाही के बीच गांव कनेक्शन औरैया जिले में पांच नदियों के संगम इलाके में पहुंचा, जहां कई किलोमीटर तक सिर्फ पानी ही पानी है।

यमुना, चंबल, सिंध, पहुंज और कुआरी नदियों में आए सैलाब से यूपी के औरैया, इटावा और जालौन जिले के सैकड़ों गांव बाढ़ Flood की चपेट में हैं। तबाही के बीच गांव कनेक्शन औरैया जिले में पांच नदियों के संगम इलाके में पहुंचा, जहां कई किलोमीटर तक सिर्फ पानी ही पानी है।

जब बाढ़ आने वाली होती है तो लोग क्या करते हैं, पढ़िए बाढ़ से पहले का एक दृश्य
जब बाढ़ आने वाली होती है तो लोग क्या करते हैं, पढ़िए बाढ़ से पहले का एक दृश्य

By गाँव कनेक्शन

उत्तर प्रदेश: इस समय 15 जिलों के 1500 से अधिक गाँव हैं बाढ़ से प्रभावित
उत्तर प्रदेश: इस समय 15 जिलों के 1500 से अधिक गाँव हैं बाढ़ से प्रभावित

By गाँव कनेक्शन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं। 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री का भी वितरण किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं। 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री का भी वितरण किया।

ग्राउंड रिपोर्ट: घाघरा की बाढ़ से कई गांवों में कटान, जलस्तर घटने-बढ़ने से दहशत में ग्रामीण
ग्राउंड रिपोर्ट: घाघरा की बाढ़ से कई गांवों में कटान, जलस्तर घटने-बढ़ने से दहशत में ग्रामीण

By Arvind Shukla

यूपी के 24 जिलों के सैकड़ों बाढ़ की चपेट में हैं। गंगा-यमुना के साथ घाघरा, शारदा और राप्ती जैसी नदियों में सैलाब से 8 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। घाघरा एल्गिन ब्रिज पर लाल निशान के ऊपर इस साल 60 दिन बही है तो बलिया में 51 दिन ऐसा हुआ जबकि पिछले साल 24 दिन ऐसा हुआ था।

यूपी के 24 जिलों के सैकड़ों बाढ़ की चपेट में हैं। गंगा-यमुना के साथ घाघरा, शारदा और राप्ती जैसी नदियों में सैलाब से 8 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। घाघरा एल्गिन ब्रिज पर लाल निशान के ऊपर इस साल 60 दिन बही है तो बलिया में 51 दिन ऐसा हुआ जबकि पिछले साल 24 दिन ऐसा हुआ था।

बाढ़: सैलाब में किसी की गाय-भैंस बह गई तो कहीं चारे का संकट, हजारों पशुओं के बीमार होने का खतरा
बाढ़: सैलाब में किसी की गाय-भैंस बह गई तो कहीं चारे का संकट, हजारों पशुओं के बीमार होने का खतरा

By Arvind Shukla

देश के कई राज्यों में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। घर और सड़कें टूटी हैं तो हजारों एकड़ फसलों का नुकसान हुआ है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई जगह लोगों की गाय-भैंसे और बकरियां बह गई हैं तो कई जिलों में चारे का संकट है। पशु जानकारों के मुताबिक बाढ़ जैसी आपदा में पशु भी लोगों की तरह टेंशन का शिकार होते हैं।

देश के कई राज्यों में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। घर और सड़कें टूटी हैं तो हजारों एकड़ फसलों का नुकसान हुआ है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई जगह लोगों की गाय-भैंसे और बकरियां बह गई हैं तो कई जिलों में चारे का संकट है। पशु जानकारों के मुताबिक बाढ़ जैसी आपदा में पशु भी लोगों की तरह टेंशन का शिकार होते हैं।

UP Flood: 13 जिलों के 382 गांव बाढ़ की चपेट में, सीएम ने कहा- राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी
UP Flood: 13 जिलों के 382 गांव बाढ़ की चपेट में, सीएम ने कहा- राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी

By गाँव कनेक्शन

उत्तर प्रदेश में बाढ़ का प्रकोप जारी है। फिलहाल 13 जिलों के 382 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान से आए पानी के चलते एक समय 30 के करीब जिले बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इस वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका पूर्वांचल है।

उत्तर प्रदेश में बाढ़ का प्रकोप जारी है। फिलहाल 13 जिलों के 382 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान से आए पानी के चलते एक समय 30 के करीब जिले बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इस वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका पूर्वांचल है।

बेमौसम चुपके से आई बाढ़ में सैकड़ों गांवों की खुशियां डूब गईं, पीड़ित बोले- नहीं मिला संभलने का मौका
बेमौसम चुपके से आई बाढ़ में सैकड़ों गांवों की खुशियां डूब गईं, पीड़ित बोले- नहीं मिला संभलने का मौका

By Virendra Singh

घाघरा में पानी बढ़ेगा, लेकिन पूरा सैलाब आ जाएगा इसका ग्रामीणों को अंदाजा ही नहीं था, इसलिए जब उत्तराखंड से छोड़े गए पानी से नदियों से उफनाया पानी लोगों के घरों में घुसा तो वो सिर्फ किसी तरह अपनी जान बचा पाए।

घाघरा में पानी बढ़ेगा, लेकिन पूरा सैलाब आ जाएगा इसका ग्रामीणों को अंदाजा ही नहीं था, इसलिए जब उत्तराखंड से छोड़े गए पानी से नदियों से उफनाया पानी लोगों के घरों में घुसा तो वो सिर्फ किसी तरह अपनी जान बचा पाए।

यूपी बाढ़ ग्राउंड रिपोर्ट: मिर्जापुर के 406 गांवों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा
यूपी बाढ़ ग्राउंड रिपोर्ट: मिर्जापुर के 406 गांवों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा

By Brijendra Dubey

मिर्जापुर में गंगा नदी को खतरे के निशान से ऊपर बहते हुए पांच दिन हो गए हैं। गंगा और कर्णावती नदियों के बढ़ते जल स्तर ने जिले के 400 से अधिक गांवों को बाहरी दुनिया से काट दिया है, जिसकी वजह से बाढ़ प्रभावित ग्रामीण खाने की कमी से जूझ रहे हैं और सुरक्षित जगह की तलाश में पलायन कर रहे हैं।

मिर्जापुर में गंगा नदी को खतरे के निशान से ऊपर बहते हुए पांच दिन हो गए हैं। गंगा और कर्णावती नदियों के बढ़ते जल स्तर ने जिले के 400 से अधिक गांवों को बाहरी दुनिया से काट दिया है, जिसकी वजह से बाढ़ प्रभावित ग्रामीण खाने की कमी से जूझ रहे हैं और सुरक्षित जगह की तलाश में पलायन कर रहे हैं।

यूपी चुनाव 2022: घाघरा और उसके तटबंध के बीच फंसे ग्रामीणों को कौन पार लगाएगा?
यूपी चुनाव 2022: घाघरा और उसके तटबंध के बीच फंसे ग्रामीणों को कौन पार लगाएगा?

By Virendra Singh

हर साल घाघरा नदी की बाढ़ बाराबंकी के गांवों को पानी में बहा ले जाती है। फसल बर्बाद हो जाती और लाखों ग्रामीणों को अपने गाँवों को छोड़ अस्थायी झोपड़ियों और तिरपाल में आसरा लेना पड़ता है। उनमें से कितने तो ऐसे हैं जो बार-बार आने वाली इस बाढ़ की वजह से गरीबी की दलदल में फंसते चले जा रहे हैं। इससे वो कभी बाहर आ पाएंगे इसकी उम्मीद उन्हें कम ही है। इस साल उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनावों को लेकर इन लोगों की क्या प्रतिक्रिया है? क्या कहता है गाँव सीरीज की ग्राउंड रिपोर्ट।

हर साल घाघरा नदी की बाढ़ बाराबंकी के गांवों को पानी में बहा ले जाती है। फसल बर्बाद हो जाती और लाखों ग्रामीणों को अपने गाँवों को छोड़ अस्थायी झोपड़ियों और तिरपाल में आसरा लेना पड़ता है। उनमें से कितने तो ऐसे हैं जो बार-बार आने वाली इस बाढ़ की वजह से गरीबी की दलदल में फंसते चले जा रहे हैं। इससे वो कभी बाहर आ पाएंगे इसकी उम्मीद उन्हें कम ही है। इस साल उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनावों को लेकर इन लोगों की क्या प्रतिक्रिया है? क्या कहता है गाँव सीरीज की ग्राउंड रिपोर्ट।

सिद्धार्थनगर में बाढ़ के बीच जाकर मुख्यमंत्री योगी ने समझा पीड़ितों का दर्द
सिद्धार्थनगर में बाढ़ के बीच जाकर मुख्यमंत्री योगी ने समझा पीड़ितों का दर्द

By Sujeet Agrihari

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.