By Gaon Connection
गेहूँ दुनिया की बड़ी आबादी का एक प्रमुख भोजन है, जिसे अच्छे विकास और उत्पादक फसल की नींव रखने के लिए अपने वनस्पति वृद्धि के दौरान ख़ास पर्यावरणीय परिस्थितियों की ज़रूरत होती है।
गेहूँ दुनिया की बड़ी आबादी का एक प्रमुख भोजन है, जिसे अच्छे विकास और उत्पादक फसल की नींव रखने के लिए अपने वनस्पति वृद्धि के दौरान ख़ास पर्यावरणीय परिस्थितियों की ज़रूरत होती है।
By Dr SK Singh
गेहूँ दुनिया की बड़ी आबादी का एक प्रमुख भोजन है, जिसे अच्छे विकास और उत्पादक फसल की नींव रखने के लिए अपने वनस्पति वृद्धि के दौरान ख़ास पर्यावरणीय परिस्थितियों की ज़रूरत होती है।
गेहूँ दुनिया की बड़ी आबादी का एक प्रमुख भोजन है, जिसे अच्छे विकास और उत्पादक फसल की नींव रखने के लिए अपने वनस्पति वृद्धि के दौरान ख़ास पर्यावरणीय परिस्थितियों की ज़रूरत होती है।
By गाँव कनेक्शन
गेहूँ की बुवाई चल रही है, लेकिन कई बार सही मात्रा में पोषक तत्व का इस्तेमाल नहीं करने से इसका असर उत्पादन पर पड़ता है; इसलिए आज पोषक तत्वों पर विस्तार से बता रहे हैं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ एसपी दत्ता।
गेहूँ की बुवाई चल रही है, लेकिन कई बार सही मात्रा में पोषक तत्व का इस्तेमाल नहीं करने से इसका असर उत्पादन पर पड़ता है; इसलिए आज पोषक तत्वों पर विस्तार से बता रहे हैं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ एसपी दत्ता।
By Gaon Connection
From parathas and rotis to pizza and burgers, you simply cannot ignore the presence of wheat in your meals. But have you ever wondered how it is produced? Read on to know how farmers cultivate this staple crop.
From parathas and rotis to pizza and burgers, you simply cannot ignore the presence of wheat in your meals. But have you ever wondered how it is produced? Read on to know how farmers cultivate this staple crop.
By गाँव कनेक्शन
From parathas and rotis to pizza and burgers, you simply cannot ignore the presence of wheat in your meals. But have you ever wondered how it is produced? Read on to know how farmers cultivate this staple crop.
From parathas and rotis to pizza and burgers, you simply cannot ignore the presence of wheat in your meals. But have you ever wondered how it is produced? Read on to know how farmers cultivate this staple crop.
By गाँव कनेक्शन
अक्टूबर महीने से किसान गेहूँ की बुवाई शुरू कर देते हैं, अगर बढ़िया उत्पादन पाना है तो बीज चयन से लेकर बुवाई के तरीकों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
अक्टूबर महीने से किसान गेहूँ की बुवाई शुरू कर देते हैं, अगर बढ़िया उत्पादन पाना है तो बीज चयन से लेकर बुवाई के तरीकों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
By Kushal Mishra
By Gaon Connection
इस वर्ष मार्च माह के पहले ही सप्ताह से मौसम में आई गिरावट को देखते हुए वैज्ञानिकों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले दो-तीन सप्ताह तक यदि ऐसा ही मौसम बना रहा तो कोई कारण नहीं है कि गेहूं की फसल का उत्पादन प्रभावित हो और जैसा कि मौसम वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि अगले दो सप्ताह तक तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी।
इस वर्ष मार्च माह के पहले ही सप्ताह से मौसम में आई गिरावट को देखते हुए वैज्ञानिकों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले दो-तीन सप्ताह तक यदि ऐसा ही मौसम बना रहा तो कोई कारण नहीं है कि गेहूं की फसल का उत्पादन प्रभावित हो और जैसा कि मौसम वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि अगले दो सप्ताह तक तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी।
By Dr. Satyendra Pal Singh
इस वर्ष मार्च माह के पहले ही सप्ताह से मौसम में आई गिरावट को देखते हुए वैज्ञानिकों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले दो-तीन सप्ताह तक यदि ऐसा ही मौसम बना रहा तो कोई कारण नहीं है कि गेहूं की फसल का उत्पादन प्रभावित हो और जैसा कि मौसम वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि अगले दो सप्ताह तक तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी।
इस वर्ष मार्च माह के पहले ही सप्ताह से मौसम में आई गिरावट को देखते हुए वैज्ञानिकों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले दो-तीन सप्ताह तक यदि ऐसा ही मौसम बना रहा तो कोई कारण नहीं है कि गेहूं की फसल का उत्पादन प्रभावित हो और जैसा कि मौसम वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि अगले दो सप्ताह तक तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी।
By Shyam Dangi
ये ख़बर उन किसानों के लिए अहम है जो अब तक गेहूं की बुवाई नहीं कर पाए हैं। इंदौर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक किसानों के पिछौती बुवाई के लिए ये कुछ खास किस्मों की बुवाई का सुझाव देते हैं।
ये ख़बर उन किसानों के लिए अहम है जो अब तक गेहूं की बुवाई नहीं कर पाए हैं। इंदौर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक किसानों के पिछौती बुवाई के लिए ये कुछ खास किस्मों की बुवाई का सुझाव देते हैं।