By Suvigya Jain
By Dr SB Misra
जो भी हो विपक्ष अपने घोषणा पत्रों में वादे कर रहा था और मोदी सरकार ने बजट प्रस्ताव में वोटर के सामने लोकलुभावन प्रस्ताव पेश कर दिया जो अधिक विश्वसनीय कहे जा सकते हैं। देखना होगा आने वाले चुनाव में वोटरों पर इसका कितना प्रभाव पड़ता है, देश पर पड़ने वाला प्रभाव बाद में दिखेगा।
जो भी हो विपक्ष अपने घोषणा पत्रों में वादे कर रहा था और मोदी सरकार ने बजट प्रस्ताव में वोटर के सामने लोकलुभावन प्रस्ताव पेश कर दिया जो अधिक विश्वसनीय कहे जा सकते हैं। देखना होगा आने वाले चुनाव में वोटरों पर इसका कितना प्रभाव पड़ता है, देश पर पड़ने वाला प्रभाव बाद में दिखेगा।
By गाँव कनेक्शन
सरकार का अगला बजट गरीब, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए ख़ास हो सकता है। टैक्सपेयर्स जहाँ उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि इस बार उनके लिए इनकम टैक्स सेक्शन 80C की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है, वहीँ किसानों को उनके लिए इस बार कुछ विशेष मिलने की चाह है, उनकी माँग है कि रेल की तरह उनका भी अलग बजट हो।
सरकार का अगला बजट गरीब, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए ख़ास हो सकता है। टैक्सपेयर्स जहाँ उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि इस बार उनके लिए इनकम टैक्स सेक्शन 80C की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है, वहीँ किसानों को उनके लिए इस बार कुछ विशेष मिलने की चाह है, उनकी माँग है कि रेल की तरह उनका भी अलग बजट हो।
By Gaon Connection
सरकार का अगला बजट गरीब, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए ख़ास हो सकता है। टैक्सपेयर्स जहाँ उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि इस बार उनके लिए इनकम टैक्स सेक्शन 80C की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है, वहीँ किसानों को उनके लिए इस बार कुछ विशेष मिलने की चाह है, उनकी माँग है कि रेल की तरह उनका भी अलग बजट हो।
सरकार का अगला बजट गरीब, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए ख़ास हो सकता है। टैक्सपेयर्स जहाँ उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि इस बार उनके लिए इनकम टैक्स सेक्शन 80C की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है, वहीँ किसानों को उनके लिए इस बार कुछ विशेष मिलने की चाह है, उनकी माँग है कि रेल की तरह उनका भी अलग बजट हो।
By Divendra Singh
By Arvind Kumar Singh
By Arvind Kumar Singh
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बजट सत्र के अपने अभिभाषण में खेती-किसानी सहित तमाम क्षेत्रों की उपलब्धियों का ज़िक्र किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बजट सत्र के अपने अभिभाषण में खेती-किसानी सहित तमाम क्षेत्रों की उपलब्धियों का ज़िक्र किया।
By Suvigya Jain
उत्पादन बढ़ने से अगर सही में भारतीय कृषि और भारतीय गांव में सुधार हो रहा है तो सकल घरेलू उत्पाद में भी कृषि की हिस्सेदारी बढती हुई दिखनी चाहिए थी। लेकिन इसके उलट हर साल कृषि उत्पादन बढने के बावजूद देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा घटता जा रहा है
उत्पादन बढ़ने से अगर सही में भारतीय कृषि और भारतीय गांव में सुधार हो रहा है तो सकल घरेलू उत्पाद में भी कृषि की हिस्सेदारी बढती हुई दिखनी चाहिए थी। लेकिन इसके उलट हर साल कृषि उत्पादन बढने के बावजूद देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा घटता जा रहा है
By गाँव कनेक्शन
सत्तर साल में खेती किसानी के विकास के लिए हमने क्या क्या नहीं बदल डाला, उन्नत बीज का इस्तेमाल करके हरित क्रांति कर डाली। देश खाद्य उत्पादन में आत्म निर्भर बना। खेती के लिए ट्रेक्टर और दूसरे औजारों को इस्तेमाल करके समय धन और उर्जा की बचत में रिकार्ड बना डाले
सत्तर साल में खेती किसानी के विकास के लिए हमने क्या क्या नहीं बदल डाला, उन्नत बीज का इस्तेमाल करके हरित क्रांति कर डाली। देश खाद्य उत्पादन में आत्म निर्भर बना। खेती के लिए ट्रेक्टर और दूसरे औजारों को इस्तेमाल करके समय धन और उर्जा की बचत में रिकार्ड बना डाले