By vineet bajpai
By Virendra Singh
पिछले साल कोविड लॉकडाउन के चलते आलू की कीमतें 42 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं थीं, क्योंकि सप्लाई चैन प्रभावित हुई थी। मुनाफा कमाने की उम्मीद में किसानों ने इस साल बड़े पैमाने पर आलू की खेती की, लेकिन बंपर फसल ने अब कीमतों में गिरावट ला दी है।
पिछले साल कोविड लॉकडाउन के चलते आलू की कीमतें 42 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं थीं, क्योंकि सप्लाई चैन प्रभावित हुई थी। मुनाफा कमाने की उम्मीद में किसानों ने इस साल बड़े पैमाने पर आलू की खेती की, लेकिन बंपर फसल ने अब कीमतों में गिरावट ला दी है।
By Virendra Shukla
By Devinder Sharma
By Arvind shukkla
By Kirti Shukla
By गाँव कनेक्शन
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By Mithilesh Dhar
टमाटर की कीमत न मिलने से किसान परेशान हैं। मध्य प्रदेश में तो किसान ने नाराज होकर उपज सड़क पर ही फेंक दिया तो वहीं उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी कीमत सही न मिलने की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
टमाटर की कीमत न मिलने से किसान परेशान हैं। मध्य प्रदेश में तो किसान ने नाराज होकर उपज सड़क पर ही फेंक दिया तो वहीं उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी कीमत सही न मिलने की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
By Mithilesh Dhar