By Kirti Shukla
कब्र खोदने का काम करने वाले मुन्ना पिछले तीस साल से यह काम कर रहे हैं, लेकिन कोविड की दूसरी लहर में जितने शवों को उन्होंने दफनाया है पहले कभी नहीं किया था। कई बार तो उन्हें एक दिन में 10-10 कब्रें खोदनी पड़ीं। A day in the life of... सीरीज में एक और जिंदगी की कहानी
कब्र खोदने का काम करने वाले मुन्ना पिछले तीस साल से यह काम कर रहे हैं, लेकिन कोविड की दूसरी लहर में जितने शवों को उन्होंने दफनाया है पहले कभी नहीं किया था। कई बार तो उन्हें एक दिन में 10-10 कब्रें खोदनी पड़ीं। A day in the life of... सीरीज में एक और जिंदगी की कहानी
By गाँव कनेक्शन
By Ashutosh Ojha
By Divendra Singh
बेगम अख़्तर यानी अख़्तरी फैज़ाबाद जिनकी ठुमरी और गज़ल आज भी लोगों को दीवाना बना देती है, उनका नवाबों के शहर लखनऊ से भी वास्ता है। आज आपको लिए चलते हैं उसी जगह जहाँ उनके चाहने वाले एक बार ज़रूर आते हैं।
बेगम अख़्तर यानी अख़्तरी फैज़ाबाद जिनकी ठुमरी और गज़ल आज भी लोगों को दीवाना बना देती है, उनका नवाबों के शहर लखनऊ से भी वास्ता है। आज आपको लिए चलते हैं उसी जगह जहाँ उनके चाहने वाले एक बार ज़रूर आते हैं।
By गाँव कनेक्शन
By Diti Bajpai
By Shrinkhala Pandey
By गाँव कनेक्शन
By Sumit Yadav
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बक्सर में गंगा घाट पर पिछले दिनों काफी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इतना ही नहीं, जो लोग दाह संस्कार का खर्च (15,000 रुपये) नहीं उठा सकते थे, उन्होंने 700 रुपये में दफनाने का विकल्प चुना, जिससे घाट पर कई अस्थायी कब्रें बना दी गईं। हालांकि अब प्रशासन ने घाट पर दफनाने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बक्सर में गंगा घाट पर पिछले दिनों काफी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इतना ही नहीं, जो लोग दाह संस्कार का खर्च (15,000 रुपये) नहीं उठा सकते थे, उन्होंने 700 रुपये में दफनाने का विकल्प चुना, जिससे घाट पर कई अस्थायी कब्रें बना दी गईं। हालांकि अब प्रशासन ने घाट पर दफनाने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
By Deepak Acharya