By Deepak Heera Rangnath
एक रोज़ कान्हा ने रंग उठाकर राधा के चेहरे पर पोत दिया। मैं काला और तुम क्यों गोरी? लो जी, दोनों एक रंग हो गए। उसी पल से शुरू हुआ ये रंगों का त्यौहार।
एक रोज़ कान्हा ने रंग उठाकर राधा के चेहरे पर पोत दिया। मैं काला और तुम क्यों गोरी? लो जी, दोनों एक रंग हो गए। उसी पल से शुरू हुआ ये रंगों का त्यौहार।
By Satish Malviya
मध्य प्रदेश में कान्हा राष्ट्रीय पार्क से विस्थापित हुए आदिवासियों ने अपनी जगह के लिए दावा करने के लिए सालों तक संघर्ष किया है। बैगा जनजाति के 32 परिवारों का एक समूह अब बफर ज़ोन के चिचरंगपुर गाँव में रहता है, जहां एक गैर-लाभकारी संस्था उन्हें खेती और आजीविका के अन्य साधनों का प्रशिक्षण दे रही है।
मध्य प्रदेश में कान्हा राष्ट्रीय पार्क से विस्थापित हुए आदिवासियों ने अपनी जगह के लिए दावा करने के लिए सालों तक संघर्ष किया है। बैगा जनजाति के 32 परिवारों का एक समूह अब बफर ज़ोन के चिचरंगपुर गाँव में रहता है, जहां एक गैर-लाभकारी संस्था उन्हें खेती और आजीविका के अन्य साधनों का प्रशिक्षण दे रही है।
By दिति बाजपेई
By गाँव कनेक्शन
By Chandrakant Mishra
प्रदेश सरकार ने अनुपूरक बजट में ग्रामीण और शहरी जनता का पूरा ध्यान रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कांजी हाउस और नगरीय क्षेत्रों में कान्हा गोशालाओं का निर्माण कराने के लिए करीब 74 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
प्रदेश सरकार ने अनुपूरक बजट में ग्रामीण और शहरी जनता का पूरा ध्यान रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कांजी हाउस और नगरीय क्षेत्रों में कान्हा गोशालाओं का निर्माण कराने के लिए करीब 74 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
By Mohit Asthana
By Gurpreet Singh
गुरप्रीत सिंह पेशे से इंजीनियर हैं और उनका शौक है बेकार लगने वाली चीजों को खूबसूरत और उपयोगी चीजों में बदलना। अपने कॉलम 'कबाड़ से कलाकारी' में इस बार गुरप्रीत हमें सिखा रहे हैं कि कैसे मिट्टी के टूटे-फूटे बर्तनों को फेंकने की जगह अपनी कलाकारी का इस्तेमाल कर घर को सजाने के काम में लाएं
गुरप्रीत सिंह पेशे से इंजीनियर हैं और उनका शौक है बेकार लगने वाली चीजों को खूबसूरत और उपयोगी चीजों में बदलना। अपने कॉलम 'कबाड़ से कलाकारी' में इस बार गुरप्रीत हमें सिखा रहे हैं कि कैसे मिट्टी के टूटे-फूटे बर्तनों को फेंकने की जगह अपनी कलाकारी का इस्तेमाल कर घर को सजाने के काम में लाएं
By Diti Bajpai
By Diti Bajpai
By Gurpreet Singh
गुरप्रीत सिंह पेशे से इंजीनियर हैं और उनका शौक है बेकार लगने वाली चीजों को खूबसूरत और उपयोगी चीजों में बदलना। अपने कॉलम 'कबाड़ से कलाकारी' में गुरप्रीत इस बार सिखा रहे हैं पुराने अखबारों का इस्तेमाल करके उनसे डस्टबिन बैग बनाना।
गुरप्रीत सिंह पेशे से इंजीनियर हैं और उनका शौक है बेकार लगने वाली चीजों को खूबसूरत और उपयोगी चीजों में बदलना। अपने कॉलम 'कबाड़ से कलाकारी' में गुरप्रीत इस बार सिखा रहे हैं पुराने अखबारों का इस्तेमाल करके उनसे डस्टबिन बैग बनाना।