By Gaon Connection
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
By Gaon Connection
गोवा की पहाड़ियों में एक किसान पिछले 38 सालों से नंगे पाँव प्राकृतिक खेती कर रहा है- बिना जुताई, बिना केमिकल, बिना पेड़ काटे। संजय पाटिल ने 10 एकड़ जंगल को खेती में बदल दिया और साबित किया कि प्रकृति को न छेड़ें, तो वह दोगुना लौटाती है।
गोवा की पहाड़ियों में एक किसान पिछले 38 सालों से नंगे पाँव प्राकृतिक खेती कर रहा है- बिना जुताई, बिना केमिकल, बिना पेड़ काटे। संजय पाटिल ने 10 एकड़ जंगल को खेती में बदल दिया और साबित किया कि प्रकृति को न छेड़ें, तो वह दोगुना लौटाती है।
By Gaon Connection
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
By Arvind Shukla
गाँव कनेक्शन की इस विशेष सीरीज की दूसरी कड़ी में बात कर रहे हैं गाय की उपयोगिता, फ़ायदे और नुकसान पर
गाँव कनेक्शन की इस विशेष सीरीज की दूसरी कड़ी में बात कर रहे हैं गाय की उपयोगिता, फ़ायदे और नुकसान पर
By Dr. Satyendra Pal Singh
भारत में लगभग 50 स्वदेशी गाय नस्लें हैं, जो न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि की रीढ़ भी हैं। जानिए गिर, साहीवाल, थारपारकर जैसी गायों का इतिहास, वर्तमान चुनौतियाँ और संरक्षण की राह।
भारत में लगभग 50 स्वदेशी गाय नस्लें हैं, जो न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि की रीढ़ भी हैं। जानिए गिर, साहीवाल, थारपारकर जैसी गायों का इतिहास, वर्तमान चुनौतियाँ और संरक्षण की राह।
By Diti Bajpai
By Diti Bajpai
गिर गाय को भारत की सबसे ज्यादा दुधारू गाय माना जाता है। इस गाय के शरीर का रंग सफेद, गहरे लाल या चॉकलेट भूरे रंग के धब्बे होते है। इनके कान लम्बे होते हैं और लटकते रहते हैं।
गिर गाय को भारत की सबसे ज्यादा दुधारू गाय माना जाता है। इस गाय के शरीर का रंग सफेद, गहरे लाल या चॉकलेट भूरे रंग के धब्बे होते है। इनके कान लम्बे होते हैं और लटकते रहते हैं।
By Gaon Connection
भारत का दूध उत्पादन 2024 में 239.30 मिलियन टन पहुंचा, जिसमें गाय का योगदान 53.12% और भैंस का 43.62% है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश शीर्ष उत्पादक राज्य हैं। जानिए राज्यवार दूध उत्पादन के आंकड़े, डेयरी सेक्टर के तथ्य और भविष्य की संभावनाएं।
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By Diti Bajpai
By Gaon Connection
मकर संक्रांति के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटे कद की गायों को चारा खिलाते नज़र आए। सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस गाय को बछड़ा बता रहे हैं, तो कुछ इन गायों की मासूमियत के दीवाने हो रहे हैं। आखिर क्यों ये गाय है इतनी ख़ास और कहाँ है इनका मूल निवास, इसी से जुड़ी है ये रिपोर्ट।
मकर संक्रांति के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटे कद की गायों को चारा खिलाते नज़र आए। सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस गाय को बछड़ा बता रहे हैं, तो कुछ इन गायों की मासूमियत के दीवाने हो रहे हैं। आखिर क्यों ये गाय है इतनी ख़ास और कहाँ है इनका मूल निवास, इसी से जुड़ी है ये रिपोर्ट।