श्रावस्ती में बढ़ रही है गिद्धों की संख्या
श्रावस्ती में बढ़ रही है गिद्धों की संख्या

By Divendra Singh

अगर गिद्ध खत्म हुए तो खतरे में पड़ जाएगी सबकी सेहत
अगर गिद्ध खत्म हुए तो खतरे में पड़ जाएगी सबकी सेहत

By गाँव कनेक्शन

अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने लुप्तप्राय गिद्धों के संरक्षण के लिए जारी किया 'ब्रिंग बैक दि वल्चर' पोस्टर
अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने लुप्तप्राय गिद्धों के संरक्षण के लिए जारी किया 'ब्रिंग बैक दि वल्चर' पोस्टर

By गाँव कनेक्शन

अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने गिद्धों की प्रत्येक प्रजाति के संरक्षण की जानकारी के साथ भारत में गिद्धों की विभिन्न प्रजातियों पर एक पोस्टर जारी किया है।

अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने गिद्धों की प्रत्येक प्रजाति के संरक्षण की जानकारी के साथ भारत में गिद्धों की विभिन्न प्रजातियों पर एक पोस्टर जारी किया है।

भारत के चार और वेटलैंड्स को मिली रामसर सचिवालय से मान्यता
भारत के चार और वेटलैंड्स को मिली रामसर सचिवालय से मान्यता

By गाँव कनेक्शन

गुजरात का थोल, वाधवाना और हरियाणा के सुल्तानपुर, भिंडावास को शामिल किया गया है। इसके साथ ही इसके साथ ही भारत में रामसर स्थलों की संख्या 46 हो गई है।

गुजरात का थोल, वाधवाना और हरियाणा के सुल्तानपुर, भिंडावास को शामिल किया गया है। इसके साथ ही इसके साथ ही भारत में रामसर स्थलों की संख्या 46 हो गई है।

अमरनाथ हमला: तू इधर-उधर की बात न कर
अमरनाथ हमला: तू इधर-उधर की बात न कर

By रवीश कुमार

क्या इंसान अपने अस्तित्व को ख़त्म करने की तैयारी कर रहा है?
क्या इंसान अपने अस्तित्व को ख़त्म करने की तैयारी कर रहा है?

By Dr SB Misra

जो बायोलॉजिकल आँकड़े आ रहे हैं, उसके हिसाब से एक दिन मानव जाति का अस्तित्व ही संकट में पड़ सकता है। घटती हुई प्रजनन क्षमता के कारण आबादी घटने की आशंका हो या फिर दूसरे जनसंख्या विस्फोट का डर, दोनों ही परिस्थितियाँ भयावह है। उससे बचने का एक ही उपाय, “भारतीय जीवन दर्शन” और “जीवन शैली” को अपनाने का तरीका है।

जो बायोलॉजिकल आँकड़े आ रहे हैं, उसके हिसाब से एक दिन मानव जाति का अस्तित्व ही संकट में पड़ सकता है। घटती हुई प्रजनन क्षमता के कारण आबादी घटने की आशंका हो या फिर दूसरे जनसंख्या विस्फोट का डर, दोनों ही परिस्थितियाँ भयावह है। उससे बचने का एक ही उपाय, “भारतीय जीवन दर्शन” और “जीवन शैली” को अपनाने का तरीका है।

गांव बुलेटिन: यूपी से लेकर पंजाब तक इस हफ्ते की बड़ी ख़बरें
गांव बुलेटिन: यूपी से लेकर पंजाब तक इस हफ्ते की बड़ी ख़बरें

By गाँव कनेक्शन

नमस्कार, गांव बुलेटिन में आप सबका एक बार फिर स्वागत है। गांव बुलेटिन के जरिए हमारा प्रयास है, जो लोग किन्हीं कारणों से लगातार वेबसाइट पर नहीं आ पाते हैं उन्हें इस हफ्तेभर में प्रकाशित खबरों की झलक दिखाई जाए।

नमस्कार, गांव बुलेटिन में आप सबका एक बार फिर स्वागत है। गांव बुलेटिन के जरिए हमारा प्रयास है, जो लोग किन्हीं कारणों से लगातार वेबसाइट पर नहीं आ पाते हैं उन्हें इस हफ्तेभर में प्रकाशित खबरों की झलक दिखाई जाए।

पर्यावरण संकट का हल: लौटना होगा अपनी जड़ों की ओर
पर्यावरण संकट का हल: लौटना होगा अपनी जड़ों की ओर

By Dr SB Misra

पर्यावरण संकट आज मानव अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है, लेकिन समाधान हमारे सामने है—हमारी अपनी सनातन संस्कृति में। कैसे हमारे पूर्वजों की प्रकृति के प्रति श्रद्धा, पंचतत्वों की समझ, और जैव विविधता के साथ संतुलित जीवन शैली आज की सबसे ज़रूरी पर्यावरणीय रणनीति बन सकती है।

पर्यावरण संकट आज मानव अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है, लेकिन समाधान हमारे सामने है—हमारी अपनी सनातन संस्कृति में। कैसे हमारे पूर्वजों की प्रकृति के प्रति श्रद्धा, पंचतत्वों की समझ, और जैव विविधता के साथ संतुलित जीवन शैली आज की सबसे ज़रूरी पर्यावरणीय रणनीति बन सकती है।

विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण असंतुलन क्यों है ख़ेती के लिए चुनौती
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण असंतुलन क्यों है ख़ेती के लिए चुनौती

By Gaon Connection

आज समय की माँग है कि गाँवों में भी पर्यावरण की ज़रूरत को देखते हुए अधिक से अधिक पौधें लगाए जाए। पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद हो और किसान कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करें।

आज समय की माँग है कि गाँवों में भी पर्यावरण की ज़रूरत को देखते हुए अधिक से अधिक पौधें लगाए जाए। पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद हो और किसान कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करें।

विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण असंतुलन क्यों है ख़ेती के लिए चुनौती
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण असंतुलन क्यों है ख़ेती के लिए चुनौती

By Dr. Satyendra Pal Singh

आज समय की माँग है कि गाँवों में भी पर्यावरण की ज़रूरत को देखते हुए अधिक से अधिक पौधें लगाए जाए। पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद हो और किसान कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करें।

आज समय की माँग है कि गाँवों में भी पर्यावरण की ज़रूरत को देखते हुए अधिक से अधिक पौधें लगाए जाए। पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद हो और किसान कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करें।

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.