By गाँव कनेक्शन
By Dr. Satyendra Pal Singh
कृषि के विकास पर बात की जाए तो कम से कम 7000 से 13000 ईसा वर्ष पूर्व ही खेती का विकास हो चुका था। तब से लेकर अब तक खेती में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।
कृषि के विकास पर बात की जाए तो कम से कम 7000 से 13000 ईसा वर्ष पूर्व ही खेती का विकास हो चुका था। तब से लेकर अब तक खेती में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।
By Gaon Connection
कृषि के विकास पर बात की जाए तो कम से कम 7000 से 13000 ईसा वर्ष पूर्व ही खेती का विकास हो चुका था। तब से लेकर अब तक खेती में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।
कृषि के विकास पर बात की जाए तो कम से कम 7000 से 13000 ईसा वर्ष पूर्व ही खेती का विकास हो चुका था। तब से लेकर अब तक खेती में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।
By गाँव कनेक्शन
अगर आप उत्तर प्रदेश के हैं और गोपालन से जुड़ा कोई व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपके लिए प्रदेश सरकार ने नई योजना शुरू की है।
अगर आप उत्तर प्रदेश के हैं और गोपालन से जुड़ा कोई व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपके लिए प्रदेश सरकार ने नई योजना शुरू की है।
By Gaon Connection
अगर आप उत्तर प्रदेश के हैं और गोपालन से जुड़ा कोई व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपके लिए प्रदेश सरकार ने नई योजना शुरू की है।
अगर आप उत्तर प्रदेश के हैं और गोपालन से जुड़ा कोई व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपके लिए प्रदेश सरकार ने नई योजना शुरू की है।
By Deepanshu Mishra
By Arvind Shukla
By Arvind Shukla
पिछले कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली पशु गाय है। देश में करीब 50 नस्लों की गायें पाई जाती हैं। जिनमें सबसे ज्यादा संख्या गिर गायों (6857784) की है। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती के फायदे बताए। इस तरह की खेती में गाय मुख्य आधार है। संसद में एक सवाल के जवाब सरकार देश में देसी गायों की संख्या, नस्ल और उनके लिए किए जा रहे कार्यक्रमों को गिनाया है।
पिछले कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली पशु गाय है। देश में करीब 50 नस्लों की गायें पाई जाती हैं। जिनमें सबसे ज्यादा संख्या गिर गायों (6857784) की है। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती के फायदे बताए। इस तरह की खेती में गाय मुख्य आधार है। संसद में एक सवाल के जवाब सरकार देश में देसी गायों की संख्या, नस्ल और उनके लिए किए जा रहे कार्यक्रमों को गिनाया है।
By Dr SB Misra
देश में गोशालाओं की भारी कमी है और उनके प्रबंधन में निर्बाध भ्रष्टाचार हैं, पशु चिकित्सा भगवान भरोसे तो गाय का जयकारा बोलने से क्या होगा।
देश में गोशालाओं की भारी कमी है और उनके प्रबंधन में निर्बाध भ्रष्टाचार हैं, पशु चिकित्सा भगवान भरोसे तो गाय का जयकारा बोलने से क्या होगा।
By Diti Bajpai