By Arvind shukkla
By गाँव कनेक्शन
By Dr Mannoj Murarka
विशेषज्ञों का कहना है कि जीएम फसलों के बारे में जिन लाभों का वायदा किया गया था, वे प्राप्त नहीं हुए हैं और इन फसलों की वजह से खेती में तमाम दिक्क्तें आ रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि जीएम फसलों के बारे में जिन लाभों का वायदा किया गया था, वे प्राप्त नहीं हुए हैं और इन फसलों की वजह से खेती में तमाम दिक्क्तें आ रही हैं।
By Arvind Shukla
भारत में लोगों के खाने-पीने की चीजों पर निगरानी रखने वाली केंद्रीय एजेंसी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण ने जीएम फूड को विनियमित करने के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिस पर लोगों की राय मांगी गई थी। खाने, खेती और पर्यावरण के जानकार इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। जाऩिए क्या है मुद्दा
भारत में लोगों के खाने-पीने की चीजों पर निगरानी रखने वाली केंद्रीय एजेंसी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण ने जीएम फूड को विनियमित करने के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिस पर लोगों की राय मांगी गई थी। खाने, खेती और पर्यावरण के जानकार इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। जाऩिए क्या है मुद्दा
By Dr. Satyendra Pal Singh
खाद्य जीएम फसलें मानव स्वास्थ, पर्यावरण और खेती-किसानी के लिए कितनी उपयोगी होगीं यह आने वाले कुछ वर्षों के बाद ही तय होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वैज्ञानिकों की देखरेख में कराये गये प्रदर्शनों के बाद दावा किया गया है कि जीएम सरसों की डीएमएच 11 किस्म भारत की कई स्थानीय सरसों की प्रजातियों के मुकाबले 30 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन देने की क्षमता रखती है।
खाद्य जीएम फसलें मानव स्वास्थ, पर्यावरण और खेती-किसानी के लिए कितनी उपयोगी होगीं यह आने वाले कुछ वर्षों के बाद ही तय होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वैज्ञानिकों की देखरेख में कराये गये प्रदर्शनों के बाद दावा किया गया है कि जीएम सरसों की डीएमएच 11 किस्म भारत की कई स्थानीय सरसों की प्रजातियों के मुकाबले 30 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन देने की क्षमता रखती है।
By Neeraj Tiwari
By Arvind Kumar Singh
By गाँव कनेक्शन
By गाँव कनेक्शन
1974 में ग्लाइफोसेट को बाजार में उतारा गया था। 1995 में दुनिया भर में 5.1 करोड़ किलो ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल होता था जो 2014 में बढ़कर 75 करोड़ किलो हो गया- यानि लगभग 15 गुना। इस बढ़ोतरी के पीछे जीएम फसलों के चलन को जिम्मेदार बताया गया है।
1974 में ग्लाइफोसेट को बाजार में उतारा गया था। 1995 में दुनिया भर में 5.1 करोड़ किलो ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल होता था जो 2014 में बढ़कर 75 करोड़ किलो हो गया- यानि लगभग 15 गुना। इस बढ़ोतरी के पीछे जीएम फसलों के चलन को जिम्मेदार बताया गया है।
By डॉ दीपक आचार्य