By Gaon Connection
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
By Diti Bajpai
By गाँव कनेक्शन
बारिश के मौसम में पशुओं में थनैला जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए इस समय किन ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ संदीप तलवार।
बारिश के मौसम में पशुओं में थनैला जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए इस समय किन ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ संदीप तलवार।
By Gaon Connection
बारिश के मौसम में पशुओं में थनैला जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए इस समय किन ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ संदीप तलवार।
बारिश के मौसम में पशुओं में थनैला जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए इस समय किन ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ संदीप तलवार।
By Dr. Satyendra Pal Singh
ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालक थनैला रोग के शुरूआती लक्षणों को देखकर इस रोग की भयानकता का अंदाजा नहीं लगा पाते हैं और वह इलाज के लिए टोने-टोटकों में समय जाया करते रहते हैं। जिसके चलते यह रोग काबू से बाहर हो जाता है।
ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालक थनैला रोग के शुरूआती लक्षणों को देखकर इस रोग की भयानकता का अंदाजा नहीं लगा पाते हैं और वह इलाज के लिए टोने-टोटकों में समय जाया करते रहते हैं। जिसके चलते यह रोग काबू से बाहर हो जाता है।
By Diti Bajpai
थनैला रोग एक जीवाणु जनित रोग है। यह रोग ज्यादातर दुधारू पशु गाय, भैंस, बकरी को होता है। इस बीमारी से देश में 60 प्रतिशत गाये, भैंसे और बकरी पीड़ित है। यही नहीं इसके कारण दुग्ध उत्पादकों को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
थनैला रोग एक जीवाणु जनित रोग है। यह रोग ज्यादातर दुधारू पशु गाय, भैंस, बकरी को होता है। इस बीमारी से देश में 60 प्रतिशत गाये, भैंसे और बकरी पीड़ित है। यही नहीं इसके कारण दुग्ध उत्पादकों को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
By गाँव कनेक्शन
बारिश के मौसम में पशुओं को ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत होती है, ख़ासकर दुधारू पशुओं की। इस समय कई बीमारियाँ हो सकती हैं, ऐसे में कुछ ज़रूरी उपाय अगर कर लेंगे तो अपने पशुओं को बरसाती बीमारी से बचा सकते हैं।
बारिश के मौसम में पशुओं को ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत होती है, ख़ासकर दुधारू पशुओं की। इस समय कई बीमारियाँ हो सकती हैं, ऐसे में कुछ ज़रूरी उपाय अगर कर लेंगे तो अपने पशुओं को बरसाती बीमारी से बचा सकते हैं।
By Gaon Connection
बारिश के मौसम में पशुओं को ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत होती है, ख़ासकर दुधारू पशुओं की। इस समय कई बीमारियाँ हो सकती हैं, ऐसे में कुछ ज़रूरी उपाय अगर कर लेंगे तो अपने पशुओं को बरसाती बीमारी से बचा सकते हैं।
बारिश के मौसम में पशुओं को ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत होती है, ख़ासकर दुधारू पशुओं की। इस समय कई बीमारियाँ हो सकती हैं, ऐसे में कुछ ज़रूरी उपाय अगर कर लेंगे तो अपने पशुओं को बरसाती बीमारी से बचा सकते हैं।
By गाँव कनेक्शन
गांव कनेक्शन और एनिमॉल (Animall) ऐप के साझा प्रयास से राजस्थान में पशुपालकों को आय बढ़ाने और पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
गांव कनेक्शन और एनिमॉल (Animall) ऐप के साझा प्रयास से राजस्थान में पशुपालकों को आय बढ़ाने और पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
By Diti Bajpai