मौसम बारिश और गिरी फ़सल कीमतें, किसानों की कमाई में रिकॉर्ड गिरावट: रिपोर्ट
मौसम बारिश और गिरी फ़सल कीमतें, किसानों की कमाई में रिकॉर्ड गिरावट: रिपोर्ट

By Gaon Connection

बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।

बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।

हर साल उजड़ते खेत, टूटती उम्मीदें… प्राकृतिक आपदाओं पर संसद में बड़ी चर्चा
हर साल उजड़ते खेत, टूटती उम्मीदें… प्राकृतिक आपदाओं पर संसद में बड़ी चर्चा

By Gaon Connection

प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।

प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।

मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी
मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी

By Gaon Connection

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

कहानी बीजों की, मिट्टी की और एक किसान की जिसने भविष्य को बचाने की ठान ली
कहानी बीजों की, मिट्टी की और एक किसान की जिसने भविष्य को बचाने की ठान ली

By Gaon Connection

जब सिक्कों के बजाए “बीजों की गुल्लक” भरने वाला किसान बने देश की असली धरोहर। मध्य प्रदेश के गाँव में बाबूलाल दहिया ने जो दास्तान लिखी है, वो सिर्फ कृषि की नहीं, पहचान, संस्कृति और भविष्य की है। जानिए कैसे एक छोटे से सीड बैंक ने हज़ारों बीजों, बीत चुके वक़्त और आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों को संजो रखा है।

जब सिक्कों के बजाए “बीजों की गुल्लक” भरने वाला किसान बने देश की असली धरोहर। मध्य प्रदेश के गाँव में बाबूलाल दहिया ने जो दास्तान लिखी है, वो सिर्फ कृषि की नहीं, पहचान, संस्कृति और भविष्य की है। जानिए कैसे एक छोटे से सीड बैंक ने हज़ारों बीजों, बीत चुके वक़्त और आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों को संजो रखा है।

जलकुंभी अब बनेगी कमाई: ICRISAT का सोलर हार्वेस्टर आया ग्रामीणों के साथ
जलकुंभी अब बनेगी कमाई: ICRISAT का सोलर हार्वेस्टर आया ग्रामीणों के साथ

By Gaon Connection

भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।

भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।

मिट्टी को मार रही है पराली की आग: जानिए कैसे बचाएं अपनी ज़मीन की जान
मिट्टी को मार रही है पराली की आग: जानिए कैसे बचाएं अपनी ज़मीन की जान

By Divendra Singh

मिट्टी सिर्फ धूल या रेत नहीं, बल्कि एक जीवित दुनिया है जहाँ अनगिनत सूक्ष्मजीव और केंचुए जीवन का चक्र चलाते हैं। लेकिन जब खेतों में पराली जलती है, तो यह जीवंत संसार धीरे-धीरे मरने लगता है। यह लेख बताता है कि मिट्टी कब “सजीव” होती है, कब “निर्जीव”, और किसान इसे कैसे पहचान सकते हैं और बचा सकते हैं।

मिट्टी सिर्फ धूल या रेत नहीं, बल्कि एक जीवित दुनिया है जहाँ अनगिनत सूक्ष्मजीव और केंचुए जीवन का चक्र चलाते हैं। लेकिन जब खेतों में पराली जलती है, तो यह जीवंत संसार धीरे-धीरे मरने लगता है। यह लेख बताता है कि मिट्टी कब “सजीव” होती है, कब “निर्जीव”, और किसान इसे कैसे पहचान सकते हैं और बचा सकते हैं।

कौड़ियों के भाव यूपी में धान बेचने को मजबूर किसान, हर कुंटल पर 300-400 का नुकसान
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By गाँव कनेक्शन

बाराबंकी : धान का समर्थन मूल्य न मिलने पर उग्र हुए किसान, प्रशासन से मिला आश्वासन
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By Akash Singh

धान की फसल में बालियां बनते समय किसान को रखना चाहिए इन बातों का ध्यान
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By Divendra Singh

धान में बालियां आने पर खेत में पर्याप्त नमी रखनी चाहिए, लेकिन वातावरण में तापमान अधिक होने और नमी रहने से खेत में रोग व कीट भी प्रभावी हो जाते हैं।

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यूपी: धान खरीद में निजी एजेंसियां नहीं दखा रहीं रुचि
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By Ashwani Nigam

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