By Gaon Connection
सरकार ने खेती को टिकाऊ और लाभदायक बनाने के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को मैदान में उतार दिया है। मानसून पूर्वानुमान, कीट पहचान और कृषि योजनाओं की जानकारी अब AI से किसानों तक पहुँच रही है, जिससे पैदावार बढ़ने और नुकसान घटने की उम्मीद है।
सरकार ने खेती को टिकाऊ और लाभदायक बनाने के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को मैदान में उतार दिया है। मानसून पूर्वानुमान, कीट पहचान और कृषि योजनाओं की जानकारी अब AI से किसानों तक पहुँच रही है, जिससे पैदावार बढ़ने और नुकसान घटने की उम्मीद है।
By Gaon Connection
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने सूर्य प्रताप शाही 14 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रबी सीजन की तैयारी, उर्वरक, बीज की उपलब्धता, PM - कुसुम योजना, गन्ने के दाम में बढ़ोतरी और किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता से जुड़े कई ज़रूरी फैसलों पर जानकारी दी। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में बीज और उर्वरक की कोई कमी नहीं है और सरकार किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई बड़े कदम उठा रही है।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने सूर्य प्रताप शाही 14 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रबी सीजन की तैयारी, उर्वरक, बीज की उपलब्धता, PM - कुसुम योजना, गन्ने के दाम में बढ़ोतरी और किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता से जुड़े कई ज़रूरी फैसलों पर जानकारी दी। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में बीज और उर्वरक की कोई कमी नहीं है और सरकार किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई बड़े कदम उठा रही है।
By Ashwani Nigam
By गाँव कनेक्शन
By Arvind Kumar Singh
By गाँव कनेक्शन
By Ashwani Nigam
By गाँव कनेक्शन
अलग-अलग फसलों के प्रीमियम निर्धारण को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए, ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।
अलग-अलग फसलों के प्रीमियम निर्धारण को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए, ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।
By Manish Mishra
By Sarah Khan
तमिलनाडु के तंजावुर जिले के कई किसानों की शिकायत है कि चक्रवात में धान की फसल बर्बाद होने के एक साल बाद भी उन्हें मुआवजे की राशि नहीं मिली है। पिछले साल प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत उन्होंने अपनी फसल का बीमा कराया था और प्रीमियम राशि का भुगतान भी किया था। लेकिन बेमेल डेटा और विसंगति के कारण उन्हें अभी तक एक पैसा नहीं मिल पाया है।
तमिलनाडु के तंजावुर जिले के कई किसानों की शिकायत है कि चक्रवात में धान की फसल बर्बाद होने के एक साल बाद भी उन्हें मुआवजे की राशि नहीं मिली है। पिछले साल प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत उन्होंने अपनी फसल का बीमा कराया था और प्रीमियम राशि का भुगतान भी किया था। लेकिन बेमेल डेटा और विसंगति के कारण उन्हें अभी तक एक पैसा नहीं मिल पाया है।