By गाँव कनेक्शन
By Navin Rangiyal
इंदौर की यह शाम मौसिक़ी की यह उन शामों में से थी जो मुझे याद रह जाने वाली थी। मैं दर्शक दीर्घा में सिमट आया। सुरों को जानने वाले कुछ बेहद जहीन और महफिलों की शामों को खराब करने के लिए आने वाले कुछ बदमिज़ाज श्रोताओं के बीच मैंने अपने लिए एक ऐसा कोना तलाशा जहाँ मैं किसी रद्दकरदा सामान की तरह इत्मीनान से उन्हें सुनता रहूँ और कोई मेरी सुनवाई को न छेड़े।
इंदौर की यह शाम मौसिक़ी की यह उन शामों में से थी जो मुझे याद रह जाने वाली थी। मैं दर्शक दीर्घा में सिमट आया। सुरों को जानने वाले कुछ बेहद जहीन और महफिलों की शामों को खराब करने के लिए आने वाले कुछ बदमिज़ाज श्रोताओं के बीच मैंने अपने लिए एक ऐसा कोना तलाशा जहाँ मैं किसी रद्दकरदा सामान की तरह इत्मीनान से उन्हें सुनता रहूँ और कोई मेरी सुनवाई को न छेड़े।
By Shweta Dixit
श्वेता दीक्षित बुलंदशहर के सलेमपुर कायस्थ गाँव के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका हैं, उनके स्कूल में बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं दिया जाता है, बल्कि कई तरह के हुनर भी सिखाया जाता है।
श्वेता दीक्षित बुलंदशहर के सलेमपुर कायस्थ गाँव के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका हैं, उनके स्कूल में बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं दिया जाता है, बल्कि कई तरह के हुनर भी सिखाया जाता है।
By Sanjeev Sharma
संजीव शर्मा, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अतरौली ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजमार्गपुर के अध्यापक हैं। साथ ही दूसरे राज्यों के शिक्षकों को प्रशिक्षित भी करते हैं। आज टीचर्स डायरी में जानते हैं उनके अनुभव।
संजीव शर्मा, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अतरौली ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजमार्गपुर के अध्यापक हैं। साथ ही दूसरे राज्यों के शिक्षकों को प्रशिक्षित भी करते हैं। आज टीचर्स डायरी में जानते हैं उनके अनुभव।
By Shaheen Afroz
शाहीन अफ़रोज़ राजस्थान में टोंक के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोठी नातमाम में उप प्रधानाचार्य हैं। उन्होंने खुद भी यहीं से पढ़ाई की है। टीचर्स डायरी में अपने अनुभव साझा करते हुए बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने खँडहर स्कूल का कायाकल्प कर दिया है।
शाहीन अफ़रोज़ राजस्थान में टोंक के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोठी नातमाम में उप प्रधानाचार्य हैं। उन्होंने खुद भी यहीं से पढ़ाई की है। टीचर्स डायरी में अपने अनुभव साझा करते हुए बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने खँडहर स्कूल का कायाकल्प कर दिया है।
By हिमानी दीवान
World Tourism Day Special: दिल्ली की चंपा गली - देश की राजधानी दिल्ली में एक गांव है सैदुलाजाब। यह छोटा-सा गांव दिल्ली जैसे बड़े शहर में गुमनाम सा नजर आता है। यहां पहुंचना मुश्किल नहीं है, मगर इस गांव की खासियत तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ती है। इस गांव की खासियत है इसकी चंपा गली।
World Tourism Day Special: दिल्ली की चंपा गली - देश की राजधानी दिल्ली में एक गांव है सैदुलाजाब। यह छोटा-सा गांव दिल्ली जैसे बड़े शहर में गुमनाम सा नजर आता है। यहां पहुंचना मुश्किल नहीं है, मगर इस गांव की खासियत तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ती है। इस गांव की खासियत है इसकी चंपा गली।
By Deepak Acharya