By Arvind Shukla
By Nidhi Jamwal
पिछले एक हफ्ते में भारी बारिश की वजह से मध्य महाराष्ट्र की नदियां उफान पर हैं। अगले कुछ दिनों में भी बारिश थमने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों का अंदाजा नहीं था कि ऐसे अचानक से बाढ़ आ जाएगी। सरकार भी बाढ़ के लिए तैयार नहीं थी, इसलिए वह इससे बचने के लिए तैयारियां नहीं कर सकी। लेकिन अब यही बाढ़ लोगों के लिए प्रलयकारी साबित हो रही है।
पिछले एक हफ्ते में भारी बारिश की वजह से मध्य महाराष्ट्र की नदियां उफान पर हैं। अगले कुछ दिनों में भी बारिश थमने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों का अंदाजा नहीं था कि ऐसे अचानक से बाढ़ आ जाएगी। सरकार भी बाढ़ के लिए तैयार नहीं थी, इसलिए वह इससे बचने के लिए तैयारियां नहीं कर सकी। लेकिन अब यही बाढ़ लोगों के लिए प्रलयकारी साबित हो रही है।
By Shirish Khare
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने 1 मई तक बंद कर रखे हैं साप्ताहिक बाजार, प्रदेश में सबसे ज्यादा काजू उत्पादन करने वाले सिंधुदुर्ग, सांगली और कोल्हापुर आदि जिलों के किसानों को हो रही दिक्कत।
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने 1 मई तक बंद कर रखे हैं साप्ताहिक बाजार, प्रदेश में सबसे ज्यादा काजू उत्पादन करने वाले सिंधुदुर्ग, सांगली और कोल्हापुर आदि जिलों के किसानों को हो रही दिक्कत।
By Gaon Connection
मेघालय की हल्दी अब ख़ास हो गई है, उसे भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग दे दिया गया है; इसका सबसे ज़्यादा फायदा जैंतिया हिल्स के लाकाडोंग क्षेत्र के किसानों को होगा जहाँ ये सबसे ज़्यादा होती है।
मेघालय की हल्दी अब ख़ास हो गई है, उसे भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग दे दिया गया है; इसका सबसे ज़्यादा फायदा जैंतिया हिल्स के लाकाडोंग क्षेत्र के किसानों को होगा जहाँ ये सबसे ज़्यादा होती है।
By गाँव कनेक्शन
मेघालय की हल्दी अब ख़ास हो गई है, उसे भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग दे दिया गया है; इसका सबसे ज़्यादा फायदा जैंतिया हिल्स के लाकाडोंग क्षेत्र के किसानों को होगा जहाँ ये सबसे ज़्यादा होती है।
मेघालय की हल्दी अब ख़ास हो गई है, उसे भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग दे दिया गया है; इसका सबसे ज़्यादा फायदा जैंतिया हिल्स के लाकाडोंग क्षेत्र के किसानों को होगा जहाँ ये सबसे ज़्यादा होती है।
By Shirish Khare
महाराष्ट्र में मुंबई की फिल्मी दुनिया की चकाचौंध से अलग प्रदेश में हजारों तमाशा कलाकार भी हैं. जो लोगों का मनोरंजन करते हैं, लेकिन पिछले दो साल से सब कुछ बंद है। वजह है कोरोना के चलते लगाई गईं पाबंदियां। तमाशा मंडल से जुड़े हजारों कलाकारों के सामने आज भूखे से मरने की नौबत आ गई है। कर्ज में डूबे इन कलाकारों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है, कि उन्हें भी कुछ राहत दी जाए।
महाराष्ट्र में मुंबई की फिल्मी दुनिया की चकाचौंध से अलग प्रदेश में हजारों तमाशा कलाकार भी हैं. जो लोगों का मनोरंजन करते हैं, लेकिन पिछले दो साल से सब कुछ बंद है। वजह है कोरोना के चलते लगाई गईं पाबंदियां। तमाशा मंडल से जुड़े हजारों कलाकारों के सामने आज भूखे से मरने की नौबत आ गई है। कर्ज में डूबे इन कलाकारों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है, कि उन्हें भी कुछ राहत दी जाए।
By गाँव कनेक्शन
By Diti Bajpai
By Diti Bajpai
हल्दी की मांग पूरे साल रहती है। अगर कुछ बातों का ध्यान रखकर वैज्ञानिक विधि से हल्दी की खेती की जाए तो किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
हल्दी की मांग पूरे साल रहती है। अगर कुछ बातों का ध्यान रखकर वैज्ञानिक विधि से हल्दी की खेती की जाए तो किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
By Arvind Shukla