जलवायु परिवर्तन बारिश और मौसम के पैटर्न को कर रहा है प्रभावित
जलवायु परिवर्तन बारिश और मौसम के पैटर्न को कर रहा है प्रभावित

By गाँव कनेक्शन

जलवायु परिवर्तन बारिश और मौसम के पैटर्न को कर रहा है प्रभावित: अगस्त के महीने में सिर्फ 12 दिनों के दौरान भारी बारिश की एक हजार से अधिक घटनाएं हुई हैं। कर्नाटक में तो सिर्फ 24 घंटे में ही सामान्य औसत से 3000 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज की गई.

जलवायु परिवर्तन बारिश और मौसम के पैटर्न को कर रहा है प्रभावित: अगस्त के महीने में सिर्फ 12 दिनों के दौरान भारी बारिश की एक हजार से अधिक घटनाएं हुई हैं। कर्नाटक में तो सिर्फ 24 घंटे में ही सामान्य औसत से 3000 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज की गई.

मई 2021 में कोविड संक्रमण और मौत का हर दूसरा मामला ग्रामीण भारत से था
मई 2021 में कोविड संक्रमण और मौत का हर दूसरा मामला ग्रामीण भारत से था

By Nidhi Jamwal

'स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2021' की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने 53% नए मामले और कोरोना वायरस के कारण 52% मौतें भारत के ग्रामीण इलाकों में हुईं है। चिंता की बात यह है कि ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य कर्मियों की बेहद कमी है। सीएचसी स्तर पर 76.1 प्रतिशत विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है।

'स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2021' की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने 53% नए मामले और कोरोना वायरस के कारण 52% मौतें भारत के ग्रामीण इलाकों में हुईं है। चिंता की बात यह है कि ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य कर्मियों की बेहद कमी है। सीएचसी स्तर पर 76.1 प्रतिशत विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है।

अब राजस्थान सरकार ने 18 कीटनाशकों को किया प्रतिबंधित
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By Mithilesh Dhar

कुम्हड़ा किसानों को इस वजह से मालामाल करता है आगरा का पेठा
कुम्हड़ा किसानों को इस वजह से मालामाल करता है आगरा का पेठा

By गाँव कनेक्शन

मिठाई बाज़ार में आगरे का पारंपरिक पेठा अब लड्डू और बर्फी को टक्कर दे रहा है। ऐसे में पेठे की बढ़ती माँग से कुम्हड़ा की ख़ेती किसानों के लिए अच्छा विकल्प है। पारंपरिक फ़सलों से मुँह मोड़ चुके कई किसान इसकी ख़ेती पर अब ज़ोर दे रहे हैं। कितना आसान है इसकी ख़ेती और कैसे बनती है पेठे की मिठाई जानिए यहाँ।

मिठाई बाज़ार में आगरे का पारंपरिक पेठा अब लड्डू और बर्फी को टक्कर दे रहा है। ऐसे में पेठे की बढ़ती माँग से कुम्हड़ा की ख़ेती किसानों के लिए अच्छा विकल्प है। पारंपरिक फ़सलों से मुँह मोड़ चुके कई किसान इसकी ख़ेती पर अब ज़ोर दे रहे हैं। कितना आसान है इसकी ख़ेती और कैसे बनती है पेठे की मिठाई जानिए यहाँ।

कुम्हड़ा किसानों को इस वजह से मालामाल करता है आगरा का पेठा
कुम्हड़ा किसानों को इस वजह से मालामाल करता है आगरा का पेठा

By Gaon Connection

मिठाई बाज़ार में आगरे का पारंपरिक पेठा अब लड्डू और बर्फी को टक्कर दे रहा है। ऐसे में पेठे की बढ़ती माँग से कुम्हड़ा की ख़ेती किसानों के लिए अच्छा विकल्प है। पारंपरिक फ़सलों से मुँह मोड़ चुके कई किसान इसकी ख़ेती पर अब ज़ोर दे रहे हैं। कितना आसान है इसकी ख़ेती और कैसे बनती है पेठे की मिठाई जानिए यहाँ।

मिठाई बाज़ार में आगरे का पारंपरिक पेठा अब लड्डू और बर्फी को टक्कर दे रहा है। ऐसे में पेठे की बढ़ती माँग से कुम्हड़ा की ख़ेती किसानों के लिए अच्छा विकल्प है। पारंपरिक फ़सलों से मुँह मोड़ चुके कई किसान इसकी ख़ेती पर अब ज़ोर दे रहे हैं। कितना आसान है इसकी ख़ेती और कैसे बनती है पेठे की मिठाई जानिए यहाँ।

मौसम का बदलाव किसान के पेट पर लात मार रहा है
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By वसंती हरिप्रकाश

'स्किन सफर रथ' करेगा स्किन से जुड़े हर समस्याओं का समाधान
'स्किन सफर रथ' करेगा स्किन से जुड़े हर समस्याओं का समाधान

By Chandrakant Mishra

चर्म रोगों की गिरफ्त में आ रहे लोगों को सही जानकारी के जरिए बचाया जा सकता है, 16 फरवरी को लखनऊ शहर में आएगा स्किन सफर रथ

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अगर हमें शुद्ध खाना चाहिए तो किसान के पास जाना होगा, कंपनी से खाना लेंगे तो वही होगा जो शहद के साथ हो रहा: सुनीता नारायण
अगर हमें शुद्ध खाना चाहिए तो किसान के पास जाना होगा, कंपनी से खाना लेंगे तो वही होगा जो शहद के साथ हो रहा: सुनीता नारायण

By गाँव कनेक्शन

देश के सबसे चहेते स्टोरीटेलर और गांव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा के खास शो 'दी स्लो कैफे' में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की महानिदेशक सुनीता नारायण ने बताया कि कैसे उन्होंने और उनकी टीम ने शहद में मिलावट के खेल पर रिपोर्ट तैयार किया और यह आम लोगों के लिए जरूरी क्यों है? और भी कई मुद्दों पर जरूरी बात हुई, आप भी देखिये, पढ़िये-

देश के सबसे चहेते स्टोरीटेलर और गांव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा के खास शो 'दी स्लो कैफे' में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की महानिदेशक सुनीता नारायण ने बताया कि कैसे उन्होंने और उनकी टीम ने शहद में मिलावट के खेल पर रिपोर्ट तैयार किया और यह आम लोगों के लिए जरूरी क्यों है? और भी कई मुद्दों पर जरूरी बात हुई, आप भी देखिये, पढ़िये-

बढ़ती ज़हरीली हवा से कम हो रही है देश में इंसान की उम्र
बढ़ती ज़हरीली हवा से कम हो रही है देश में इंसान की उम्र

By Seema Agrawal

देश में प्रदूषण का बढ़ता स्तर कितना घातक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंसान की औसत आयु में लगभग 3 साल की कमी आई है।

देश में प्रदूषण का बढ़ता स्तर कितना घातक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंसान की औसत आयु में लगभग 3 साल की कमी आई है।

मरुस्थलीकरणः बंजर होते देश और दुनिया, अब चेतने का समय
मरुस्थलीकरणः बंजर होते देश और दुनिया, अब चेतने का समय

By Daya Sagar

देश की 30 तो दुनिया की 23 फीसदी जमीन मरुस्थलीकरण की चपेट में। लगातार बढ़ रहा है खतरा।

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