बिल्डिंग बनाने में नियमों की अनदेखी

गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:12 IST
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लखनऊ। आग से भवनों में जान-माल की हिफाजत के लिए कई नियम बनाए गए हैं। इसमें सबसे अहम एनबीसी (नेशनल बिल्डिग कोड) है। इसके तहत भवनों को भूकंप और अग्निकांड से बचाव के नियम बनाए गए हैं। आवासीय, संस्थागत, सभागार, भंडारण, औद्योगिक और व्यावसायिक भवनों को नियमों का पालन नहीं हो रहा है। नियम के मुताबिक स्कूल, अस्पताल तक 12 मीटर चौड़ा मार्ग, आपात स्थिति में भागने के लिए दो रास्ते और बिल्डिंग के कवर एरिया के चारों तरफ छह मीटर का सेटबैक और सीढ़ियां चौड़ाई 1.2 मीटर होनी चाहिए। भवन की ऊंचाई के हिसाब से वॉटर टैंक और आग के बचाव के उपकरण भवन में होना जरूरी है, लेकिन इन सब को धता बताते हुए भवन खड़े हो गए हैं।

कार्रवाई के लिए हाथ बंधे: शहरों में तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन समेकित विकास पर जोर नहीं दिया जा रहा। नियमत: एनबीसी (नेशनल बिल्डिग कोड ) के तहत भवनों का निर्माण होना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। नक्शों में बिल्डर एनबीसी के नियमों का दिखा कर बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी कर रहे हैं।

विभाग के एक अफसर बताते हैं, “नियम के मुताबिक एनबीसी का उल्लंघन करने वालों पर भवन सीज किया जा सकता है। रीयल स्टेट कम्पनियों की हर सत्ता में पैठ बनी हुई है। लिहाजा अफसरों पर कार्रवाई नहीं किए जाने का दवाब बना रहता है, और इन भवनों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। भवनों के नक्शे पास करने वाली संस्थाएं विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत, आवास विकास और अन्य जिम्मेदार विभाग भी आंख मूंदे है।

उल्लंघन पर 10 वर्ष की जेल

फायर के नियमों का उल्लघंन करने वाले भवन स्वामियों के खिलाफ चीफ फायर अफसर कार्रवाई कर सकते हैं। उल्लंघन करने वाले भवन स्वामी को 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश फायर प्रोवेशन अधिनियम-2005 के तहत नियम का उल्लंघन करने वाले पर एक लाख रुपए जुर्माना, 10 वर्ष की सजा और उल्लंघन जारी रहने पर रोजाना पांच हजार रुपए का जुर्माने का प्रावधान है।

सीएफओ के पास एनओसी की सूची नहीं

लखनऊ में करीब 3.50 लाख बहुमंजिला, छोटे-बड़े और मंझले भवन हैं। इनमें व्यवसायिक, शैक्षिक और अस्पताल भी हैं। करीब 80 फीसदी स्कूल मानक के विपरित चल रहे हैं। इसके साथ अलावा लोगों के स्वास्थ्य की देख-रेख के लिए बनाए गए अस्पतालों में भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। लेकिन सीएफओ के पास इसकी सूची नहीं है। गाँव कनेक्शन ने मुख्य फायर ऑफिसर (सीएफओ) एबी द्विवेदी से जब इसकी सूची मांगी तो उन्होंने उल्टा सीएमओ और बीएसए से सूची ले लेने को कहा।

रिपोर्टर - जसवंत सोनकर

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