दोस्त की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए शुरू की नशा छुड़ाने की मुहिम

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दोस्त की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए शुरू की नशा छुड़ाने की मुहिमgaonconnection

लखनऊ। “मैं तो चला दोस्त, पर बाकी लोगों की जान बचा लेना” ये थे मेरे दोस्त के आखिरी शब्द, जिसका अर्थ समझने के लिए मुझे एक साल का वक़्त लगा। 2009 से लेकर अब तक 30 हजार लोगों को नशा छोड़ने के लिए जागरूक किया, जिसमें तीन हजार लोगों ने पूरी तरह से नशा करना छोड़ दिया है” ये कहना है मनजीत सिंह का।

मनजीत सिंह (32 वर्ष) ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई और रणजीत सिंह (33 वर्ष) ने एमबीए की पढ़ाई करने के बाद बड़ी-बड़ी कंपनियों के ऑफर छोड़कर वो किया, जिससे उनके मन को सकून मिला। दोनों साथियों ने मिलकर एक गैर सरकारी संस्था वॉलंटियर फॉर ड्रग फ्री पंजाब में सन् 2009 में स्थापित की। जिसका उद्देश्य पूरे पंजाब को नशे की गिरफ्त से मुक्त कराना है। पंजाब से 60 किलोमीटर दूर लुधियाना के 150 गाँवों में 15 से 35 साल के युवाओं को घर-घर जाकर नशे के दुष्प्रभाव को बताते हुए मई 2016 तक इन दोनों साथियों ने 30 हजार युवाओं को जागरूक किया।

रणजीत सिंह बताते हैं, “150 गाँव में चार कलस्टर बने हुए हैं, जहां 4 से 5 हमारे लोकल वालेंटियर हैं, जिनकी मदद से हम गाँवों में पहुंचते हैं और वहां के 20 से 25 लोगों को समूह में एकत्र करके उन्हें नशे के दुष्परिणाम बताते हुए जागरूक करते हैं, और शिविर में बुलाते हैं। ये कार्य हम गाँव में, स्पोर्ट क्लब में, गुरुद्वारों में, संतों के डेरे में जाकर करते हैं।”

आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर के सहयोग से हर महीने में कम से कम चार शिविर लगते हैं, जिसमे एक शिविर में 250 लोगों को एक साथ चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्हें काउंसलिंग, मेडीटेशन, योग जैसी तमाम गतिविधियां कराई जाती हैं, 250 लोग तो नहीं पर आठ लोग तो नशा पूरी तरह से छोड़ ही देते हैं। 20 लोग छोड़ने के प्रयास में रहते हैं और 30 लोग आपस में नशा छोड़ने को लेकर चर्चा करते हैं|” मनजीत सिंह बताते हैं, “जब इस अभियान की शुरुआत की तो हमारे पिताजी कहने लगे कि जब बाबा ही बनना था तो फिर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके इतना पैसा बर्बाद क्यों किया। पिताजी की ये बात सुनकर मैंने फैसला लिया कि मैं जो कर रहा हूं वो सही कर रहा हूं। आज नहीं तो कल वो मान ही जायेंगे, पर आज जब पंजाब में हमारे काम के लिए सराहना मिली, तो पिताजी गर्व करते हैं।” “शुरुआती दिनों में बहुत धमकियां मिलीं, जो ड्रग्स बेचते थे वो मारने की धमकी देने लगे । हम अपने मिशन से नहीं हटे और आज सफल हो गये। अब पंजाब सरकार भी हमे सपोर्ट करने का आश्वासन दे रही है।'' ये कहना है रणजीत सिंह का।

पंजाब में हर तीसरा छात्र ड्रग्स की गिरफ्त में

ड्रग्स एंड अल्कोहल अवर्नेस नेटवर्क की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में हर तीसरा छात्र और हर दसवीं लड़की ड्रग्स की गिरफ्त में हैं। नशीली दवाओं का इस्तेमाल दोआबा में 68 फीसदी, मालवा में 64 फीसदी, माझा में 61 फीसदी होता है। अगर एचआईवी की बात करें तो पूरे भारत में इसका प्रसार 9.19 फीसदी है जबकि पंजाब में ये संख्या 26.1 फीसदी है। पंजाब के 73.5 प्रतिशत युवा नशीली दवाओं का सेवन करते हैं। एनसीआरबी की 2014-2015 की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के गाँव में 56 प्रतिशत लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं।

रिपोर्टर - नीतू सिंह

 

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