कश्मीर हिंसा: भीड़ की आड़ में पुलिस थाने पर आतंकियों का हमला, 1 की मौत

अमित सिंहअमित सिंह   16 July 2016 5:30 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कश्मीर हिंसा: भीड़ की आड़ में पुलिस थाने पर आतंकियों का हमला, 1 की मौतकश्मीर हिंसा: भीड़ की आड़ में पुलिस थाने पर आतंकियों का हमला, 1 की मौत

गाँव कनेक्शन नेटवर्क (श्रीनगर)। कश्मीर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को हुई हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई जबकि नौ सुरक्षाकर्मियों समेत 23 लोग बुरी तरह से ज़ख्मी हो गए। घाटी के कई हिस्सों में भीड़ ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए पथराव किया, वहीं भीड़ की आड़ में संदिग्ध आतंकियों ने एक पुलिस थाने पर ग्रेनेड से हमला किया गया। आतंकियों की ओर से जारी गोलीबारी में कुछ पुलिसकर्मियों की घायल होने की ख़बर है। कश्मीर में समस्या के चलते अमरनाथ यात्रा लगातार दूसरे दिन रुकी रही। जम्मू से किसी तीर्थयात्री को घाटी की ओर जाने की मंज़ूरी नहीं दी जा रही है। अधिकारियों ने बीते हफ्ते हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी की मौत के पहले जुमे के मौके पर माहौल बिगड़ने की आशंका के चलते कश्मीर के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया था। हालांकि एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि भीड़ ने कुपवाड़ा, बारामूला, सोपोर, गंदेरबल, राफियाबाद, बांदीपुरा, कुलगाम और पुलवामा समेत कई जगहों पर कर्फ्यू का उल्लंघन किया। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक़ कुपवाड़ा जिले के द्रगमुल्ला में भीड़ ने सुरक्षा बलों पर हमला किया, जिन्होंने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई और तीन नागरिक घायल हो गये।

अधिकारी ने बताया कि इनमें से एक घायल मुश्ताक अहमद गनी की बाद में मौत हो गयी। इसके साथ घाटी में पिछले कुछ दिन से चल रही हिंसा में मरने की तादात बढ़कर 37 हो गई है जिनमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। अधिकारी ने कहा कि बारामूला ज़िले के डेलिना क़स्बे में आज सुबह भीड़ ने सुरक्षा बलों के एक गश्ती दल पर हमला किया जिसमें तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गये। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में गोलीबारी की जिसमें तीन नागरिक घायल हो गये। सभी घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है। अधिकारी ने कहा कि मध्य कश्मीर में गंदेरबल जिले के मनिगाम में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल की एसएमएचएस अस्पताल में सर्जरी की जा रही है।

सोपोर में भीड़ ने पथराव किया और जवाबी कार्रवाई में चार लोग रबड़ की गोली लगने से घायल हो गये। अधिकारी ने कहा कि पास के पट्टन कस्बे में संघर्ष में दो अन्य लोग घायल हो गये। अधिकारी के अनुसार दक्षिण कश्मीर में कुलगाम के यारीपुरा इलाके में एक थाने पर पथराव के बीच ही ग्रेनेड हमला किया गया और उसके बाद गोली चलाई गयीं, जिसमें छह पुलिसकर्मी घायल हो गये।

उन्होंने कहा, ‘यारीपुरा थाने पर पथराव के दौरान भीड़ में से किसी ने पुलिसकर्मियों की ओर ग्रेनेड फेंक दिया। ग्रेनेड हमले के बाद गोलीबारी भी की गयी।’ पुलिस का कहना है कि आतंकवादी सुरक्षाबलों पर हमलों को अंजाम देने के लिए पथराव करने वालों में शामिल हो जाते हैं और इस तरह वह नागरिकों का इस्तेमाल ढाल के तौर पर कर रहे हैं। घाटी में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिहाज से एहतियातन कदम के तौर पर कर्फ्यू लगा दिया गया है जहां कोकेरनाग में हुई मुठभेड़ में बुरहान की मौत के बाद सप्ताह भर से चल रही हिंसा में 37 लोगों की मौत हो गयी और 1500 सुरक्षाकर्मियों समेत 3100 से ज्यादा लोग घायल हो गये।

एक अधिकारी ने बताया कि कर्फ्यू लगाने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि इस तरह की आशंकाएं थीं कि निहित स्वार्थ वाले लोग नये सिरे से हिंसा भड़काने के लिए जुमे की नमाज के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने का फायदा उठा सकते हैं। इस बीच अलगाववादियों ने आज कश्मीर में बंद के अपने आह्वान को 18 जुलाई तक दो दिन के लिए बढ़ा दिया।

अधिकारियों ने घाटी में किसी तरह की अफवाह फैलने से रोकने के लिए मोबाइल टेलीफोन सेवाएं भी रोक दी हैं। एक अधिकारी ने बताया, ‘केवल बीएसएनएल के पोस्टपेड कनेक्शन काम कर रहे हैं।’ अधिकारी ने बीएसएनएल के पोस्टपेड कनेक्शनों की अनुमति की कोई वजह नहीं बताई लेकिन माना जा रहा है कि अपेक्षाकृत कम संख्या में मोबाइल फोन इसलिए चालू हैं क्योंकि अधिकतर सरकारी और पुलिस अधिकारी इस सेवा का उपयोग करते हैं।

मोबाइल इंटरनेट सेवाएं आज लगातार सातवें दिन ठप रहीं, वहीं एहतियात के तौर पर घाटी में पटरियों से ट्रेनें भी नदारद रहीं। जम्मू में कारोबारी समुदाय का कहना है कि मोबाइल इंटरनेट सेवाएं ठप होने से उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है क्योंकि क्रेडिट कार्डों और डेबिट कार्डों से लेनदेन नहीं हो पा रहा। जम्मू के लोगों का कहना है कि जम्मू क्षेत्र में किसी तरह के उकसावे की कोई घटना नहीं देखी गयी इसलिए यहां मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में सुरक्षा हालात की समीक्षा के बाद इस बाबत फैसला किया जाएगा।

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.