मायावती पर FIR दर्ज करने के निर्देश
गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:28 IST
हाजीपुर (भाषा)। बिहार के वैशाली जिले की एक अदालत ने समाज में विद्वेष फैलाने वाला भाषण देने के आरोप में बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने का गुरुवार को निर्देश दिया।
मायावती और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ हाजीपुर निवासी अजीत कुमार सिंह द्वारा दायर एक परिवाद पत्र पर गुरुवार सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जयराम प्रसाद ने भादंवि की धारा 156(3) के तहत स्थानीय थाने में FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है।
अजीत के वकील रविशंकर सिंह ने बताया कि उक्त परिवाद पत्र BSP प्रमुख मायवती और उनकी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, उत्तर प्रदेश के BSP प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और उनकी पार्टी के प्रदेश सचिव मेवालाल के खिलाफ दायर किया गया है।
उन्होंने BSP प्रमुख सहित उनकी पार्टी के इन नेताओं पर सामाजिक विद्वेष फैलाने वाला भाषण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे उन्हें आघात पहुंचा है और इससे राष्ट्रीय एकता और अखंडता को क्षति पहुंची है।
परिवादी ने भादंवि की धारा 153 ए और 153 बी-295 ए, 506, 34-120 बी और पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 16 के तहत दायर करते हुए आरोप लगाया है कि गत 21 जुलाई को लखनऊ में एक सभा में मायावती ने अपने को भगवान और देवी कहकर लोगों को छलने का काम किया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के बसपा प्रमुख के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के विरोध में बसपा प्रमुख और उनके नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को दयाशंकर, उनकी पत्नी, पुत्री और मां को निशाना बनाने के लिए उकसाया।
मायावती और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ हाजीपुर निवासी अजीत कुमार सिंह द्वारा दायर एक परिवाद पत्र पर गुरुवार सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जयराम प्रसाद ने भादंवि की धारा 156(3) के तहत स्थानीय थाने में FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है।
अजीत के वकील रविशंकर सिंह ने बताया कि उक्त परिवाद पत्र BSP प्रमुख मायवती और उनकी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, उत्तर प्रदेश के BSP प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और उनकी पार्टी के प्रदेश सचिव मेवालाल के खिलाफ दायर किया गया है।
उन्होंने BSP प्रमुख सहित उनकी पार्टी के इन नेताओं पर सामाजिक विद्वेष फैलाने वाला भाषण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे उन्हें आघात पहुंचा है और इससे राष्ट्रीय एकता और अखंडता को क्षति पहुंची है।
परिवादी ने भादंवि की धारा 153 ए और 153 बी-295 ए, 506, 34-120 बी और पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 16 के तहत दायर करते हुए आरोप लगाया है कि गत 21 जुलाई को लखनऊ में एक सभा में मायावती ने अपने को भगवान और देवी कहकर लोगों को छलने का काम किया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के बसपा प्रमुख के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के विरोध में बसपा प्रमुख और उनके नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को दयाशंकर, उनकी पत्नी, पुत्री और मां को निशाना बनाने के लिए उकसाया।