नहीं मिला पैसा, आंगनबाड़ी के बच्चों का पोषाहार बंद

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नहीं मिला पैसा, आंगनबाड़ी के बच्चों का पोषाहार बंदगाँव कनेक्शन

प्रतापगढ़। जिले में हॉट कुक्ड योजना के तहत संस्थाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्म ताजा खाना पहुंचाने का काम दिया गया, लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी संस्थाओं का भुगतान नहीं हुआ। साथ ही खाना न मिलने से केन्द्रों पर बच्चों की संख्या भी कम हो गयी।

ज़िला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दक्षिण में शिवगढ़ ब्लॉक के भिखनापुर गाँव के आंगनबाड़ी केन्द्र पर जहां पहले बच्चों की भीड़ लगी रहती थी, वहीं पर अब चार-पांच बच्चे ही आते हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकर्त्री अनीता मिश्रा बताती हैं, ''जब केन्द्र पर खाना मिलना शुरू हुआ तो काफी बच्चे आते थे, फिर हॉट कुक्ड योजना से खाना आने लगा वो भी 31 जनवरी 2015 से बंद कर दिया गया। अब बच्चों को घर पर बुलाने जाओ तब भी बच्चे नहीं आते हैं।’’

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 03 से 06 वर्ष आयु के बच्चों को हॉट कुक्ड योजना के तहत पका गरम खाना खिचड़ी, दलिया, हलवा, तहरी दिया जाता है। प्रदेश के सभी जिलों में ये योजना शुरू की गयी कहीं पर चली और कहीं पर बंद हो गयी।

जिले के 17 विकास खण्ड के लगभग 3500 केन्द्रों पर आठ संस्थाओं के माध्यम से हॉट कुक्ड योजना का खाना दिया जाता है।  जिला कार्यक्रम अधिकारी नेे विज्ञापन के माध्यम से गैर सरकारी संस्थाओं से आवेदन मांगा था।

संस्थाओं को हर दूसरे महीने की सात तारीख तक बिल देना होता था, बिल देने के 15 दिनों के अंदर ही संस्थाओं का पूरा भुगतान किया जाता था।

ज्ञान विज्ञान संस्था को जिले के गौरा ब्लॉक के 182 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खाना देने का काम मिला था। ज्ञान विज्ञान संस्था के संचालक हेमंत नंदन ओझा बताते हैं, ''हॉट कुक्ड योजना का काम मिलने के पहले बताया गया था कि हर महीने बिल का भुगतान कर दिया जाएगा। किचेन का सामान खरीदने, किचेन बनाने में ही लाखों रूपए खर्च हो गए। खाना पहुंचाने के लिए गाड़ी भी खरीदनी पड़ी।'' वो आगे कहते हैं, ''कई महीनों तक खाना देने के बाद बीस लाख रुपए अभी बकाया हैं, जो अभी तक नहीं मिल पाए, जबकि विभाग की तरफ से की गयी   जांच में सभी के बिल सही पाए गए हैं, फिर भी अभी तक भुगतान की कोई बात नहीं हुई।’’

ज्ञान विज्ञान संस्था की तरह ही जनहित सेवा एवं शोध संस्थान, जनहित चेतना जागृति एवं शैक्षणिक विकास मंच, नव प्रयास संस्थान, बाल विकास सेवा संस्थान, सीएनडीआई और वल्र्ड वेलफेयर सोसायटी जैसी गैर सरकारी संस्थाएं जिले के अलग-अलग ब्लॉकों में खाना पहुंचाने का काम करती थी। इन संस्थानों ने समय से खाना पहुंचाया और सभी के बिल चेकिंग के दौरान सही भी पाए गए लेकिन अब भुगतान न हो पाया।बिल का भुगतान न होने से कई संस्थाएं बंद होने की कागार पर आ गयी हैं। मानधाता ब्लॉक के खरवई गाँव के आंगनबाड़ी केन्द्र पर नव प्रयास संस्था खाना पहुंचाती थी। आंगनबाड़ी केन्द्र की सहायिका सुनीता धुरिया कहती हैं, ''कुछ दिन हम लोगों को खाना बनाने को कहा गया खाना भी बनता था, लेकिन वो बंद करके एक संस्था को काम दे दिया गया, कुछ दिन बाद वो भी बंद हो गया।’’ जिला कार्यक्रम अधिकारी आरती सिंह संस्थाओं के भुगतान न होने के बारे में कहती हैं,  ''संस्थाओं के बिल भुगतान के बारे में मुझसे बात मत करिये, निदेशक के आदेश पर उनके बिल का भुगतान होगा।’’

 

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