सालाना 40 फीसदी फल-सब्जियां हो जाती हैं बर्बाद

अमित सिंहअमित सिंह   16 July 2016 5:30 AM GMT

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लखनऊ। आम, आंवला, आलू, मटर, तरबूज़, खरबूज़ा, दूध, बीफ और पोर्क के उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश का नंबर-1 राज्य है। इतनी बड़ी मात्रा में उत्पादन होने के बावजूद यूपी के किसान इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं।

हर साल उत्पादन का करीब 40 फीसदी हिस्सा बर्बाद हो जाता है। इसकी वजह है उत्तर प्रदेश की खस्ताहाल कोल्ड सप्लाई चेन। किसान हर साल फल, सब्जियां और दूध तो पैदा करता है लेकिन स्टोरेज की सही व्यवस्था नहीं होने के चलते करीब 40 फीसदी उत्पाद यूं ही बर्बाद हो जाते हैं। 

किसानों के नुकसान के लिए नीतियां ज़िम्मेदार

फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के सचिव संजय गोयल कहते हैं,’’ उत्तर प्रदेश में कोल्ड सप्लाई चेन की हालत खराब होने के पीछे सरकार की नीतिया ज़िम्मेदार हैं। कोल्ड स्टोर खोलने वालों को हर साल अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराना पड़ता है।

इसके अलावा हर साल फिटनेस, कूलिंग और तमाम तरह की रूटीन चेकिंग में बहुत समय बर्बाद होता है। इसके लिए सिंगल विंडों क्लीयरेंस की व्यवस्था की जानी चाहिए। लाइसेंस कम से कम पांच साल में एक बार रीन्यू कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। कोल्ड स्टोर चलाने वालों के सामने सबसे बड़ी समस्या बिजली की भी है। आलू मंडी समिति का कॉन्सेप्ट भी खत्म किए जाने की ज़रूरत है। किसानों को कोल्ड स्टोर में तो पैसा देना ही पड़ता है साथ ही मंडी समीतियां भी उनसे पैसा खाती हैं।’’

यूपी में कुल 1400 कोल्ड स्टोर

उत्तर प्रदेश में कुल 1400 कोल्ड स्टोर हैं। 100 नए बन रहे हैं। 20 निजी कोल्ड स्टोर हैं बंद पड़े हैं। कुछ सरकारी कोल्ड स्टोर भी काम नहीं कर रहे हैं लेकिन इसके लिए सरकार ने कोई आधिकारिक आंकड़े मुहैया नहीं कराए हैं।

आगरा कोल्ड स्टोरेज मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुदर्शन सिंगल के मुताबिक़, “किसान का उत्पाद इसलिए बर्बाद हो रहा है क्योंकि उसका कोई लेखा जोखा नहीं है। किसी के पास ये आंकड़े ही नहीं रहते हैं कि आलू कितना पैदा हुआ। स्टोरेज की क्षमता कितनी है।”

कोल्ड स्टोर नहीं होने से प्रोसेसिंग पर असर

उत्तर प्रदेश में हर साल हज़ारों-लाखों टन दूध, फल और सब्ज़ियां पैदा होती हैं लेकिन कोल्ड सप्लाई चेन की व्यवस्था नहीं होने की वजह से प्रोसेसिंग की भी दिक्कत है।  

अगर यूपी की कोल्ड सप्लाई चेन बेहतर होती तो है उन उत्पादों को स्टोर कर बाद में इनकी प्रोसेसिंग की जा सकती थी जिससे किसान ज्यादा मुनाफ़ा कमा सकता है।

बिजली कटौती सबसे बड़ी समस्या

यूपी के ज्यादातर कोल्ड स्टोरेज के ठीक से काम नहीं करने की वजह है खराब बिजली सप्लाई। फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के नेशनल क्वार्डिनेटर भुवेश अग्रवाल के मुताबिक़, ‘’बिजली कटौती की वजह से गाँव-देहात में बने कोल्ड स्टोर्स को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। ज्यादातर वक्त वो बंद ही रहते हैं। किसानों को स्टोरेज व्यवस्था और प्रोसेसिंग से जुड़ी चीज़ों के बारे में बताए जाने की ज़रूरत है।

कोल्ड स्टोरेज को लेकर आने वाली दिक्कतें

  • कोल्ड स्टोर में स्टोरेज की उपलब्धता ना होना 
  • कोल्ड स्टोर में रखा होने के बावजूद चीज़ें खराब होना
  • ग्रामीण इलाकों में कोल्ड स्टोर ना होना
  • बिजली की कटौती की वजह से बंद होना
  • कोल्ड स्टोरों द्वारा लाइसेंस रीन्यू ना कराना

 

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