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श्रमिकों का सहारा बन रहा श्रम विभाग

Bidyut Majumdar | Sep 16, 2016, 16:27 IST
India
लालगंज (रायबरेली)। भवन निर्माण मजदूर दीनानाथ मौर्य (47 वर्ष) को श्रम विभाग से उनके खाते में 6,000 रुपए की सहायता राशि मिली है। पिछले महीने उनके घर में बेटे ने जन्म लिया था, जिससे उन्हें विभाग की मातृत्व हित लाभ योजना के अंर्तगत यह राशि भेजी गई है।

रायबरेली जिला मुख्यालय से 35 किमी. दक्षिण दिशा में लालगंज गाँव के दीनानाथ बताते हैं, “दो वर्ष पहले हमने अपना पंजीकरण श्रम विभाग में करवाया था। बच्चा होने पर हमने इसका प्रमाण पत्र कार्यलय में जमा करा दिया और सात दिन में ही हमें पैसे मिल गए।”

उत्तरप्रदेश भवन और अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (श्रम विभाग) की मदद से प्रदेश में श्रम विभाग में पंजीकृत मजदूरों के हित के लिए मातृत्व हित लाभ योजना चलाई जा रही है। इस योजना में लाभार्थी महिला श्रमिकों औऱ पुरुष श्रमिकों की पत्नियों को प्रसव के उपरान्त पौष्टिक आहार व सहायता राशि दी जाती है।

उत्तर प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार विभाग की मातृत्व हितलाभ योजना के अन्तर्गत जनवरी 2016 तक कुल 28,163 श्रमिकों को लाभ मिल चुका है और 10.4 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है।

जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले श्रमिकों तक मातृत्व हित लाभ योजना की जागरुकता बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार द्वारा ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी, सीएचसी और पीएचसी में तैनात कर्मचारियों को अपने क्षेत्रों में इस योजना की जागरुकता बढ़ाने का ज़िम्मा सौंपा गया है, जिससे अधिक से अधिक मजदूरों को इसका लाभ मिल सके।

इस योजना में महिला निर्माण श्रमिक को तय राशि भुगतान से पहले अतिरिक्त 1,000 (एक हजार मात्र) की धनराशि चिकित्सा बोनस के रूप में दी जाती है। योजना का लाभ सिर्फ पहले दो बच्चों के जन्म पर ही लाभार्थी को मिलता है। अगर महिला श्रमिक का नसबन्दी ऑपरेशन होता है, तो उसे उसके 02 सप्ताह के वेतन के बराबर धनराशि दी जाती है। योजना के अंतर्गत पुरूष कामगारों की पत्नियों को इस योजना के अन्तर्गत लाभ की परिधि में लाते हुए उन्हें भी कुल रुपए 6,000 दिए जाते हैं।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

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