सहूलियत के नाम पर स्कूलों की मनमाना वसूली

गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:12 IST
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लखनऊ। नया सत्र शुरू होते ही बच्चों के एडमिशन की भागदौड़ शुरू हो जाती है, और इसके साथ ही शुरू हो जाता है निजी स्कूलों का कमाई का धंधा।

निजी स्कूल एडमिशन के समय कभी एसी लगाने के नाम पर, तो कभी नई बिल्डिंग बनाने के नाम पर ज्यादा फीस का बम अभिभावकों के सिर पर फोड़ रहे हैं। इस सत्र में शहर में निजी व मिशनरी स्कूलों में न्यूनतम 20 से लेकर 30 प्रतिशत तक फीस में बढ़ोतरी की गई है।

गोमतीनगर के जयपुरिया स्कूल प्रबंधन ने मनमाने तौर पर 30 से 60 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी। इसके विरोध में वहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने सोमवार को स्कूल के बाहर प्रदर्शन भी किया। स्कूल प्रबंधन एसी लगाने के नाम पर हर बच्चे से करीब छह हजार रुपये वसूल रहा है।

जयपुरिया यहां पढ़ने वाले कक्षा पांच के एक छात्र की माँ ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “लाइब्रेरी, लैब और एक्टिविटी रूम जैसी जगहों पर पहले से लगे एसी भी दोपहर में कुछ ही समय के लिए चलते हैं, तो कभी नहीं भी। कक्षाओं में एसी लगने के बाद बिजली के बिल का हमें पकड़ा दिया जाएगा, जबकि एसी केवल देखने के काम आएगा।”

फीस बढ़ोत्तरी को लेकर उपले विवाद के बारे में गोयनका पब्लिक स्कूल, लखनऊ के मैनेजर सर्वेश गोयल ने कहा, “हमारे यहां फीस इतनी ज्यादा नहीं है। नए एडिमशन और काशनमनी के लिए जो फीस जमा होती है, वह उस समय वापस हो जाती है, जब बच्चा स्कूल से नाम कटवाता है या कालेज से पास आउट होकर जाता है।”

लखनऊ के नामी स्कूलों में शामिल सिटी मांटेसरी स्कूल, लखनऊ पब्लिक स्कूल, विबग्योर, स्ट्डी हॉल, जीडी गोयनका स्कूल के साथ मिशनरी स्कूलों में शामिल लामार्ट्स, लॉरेटो कांवेंट, सेंट फ्रांसिस सहित कई स्कूलों में फीस स्ट्रेक्चर ऐसा है कि प्रति वर्ष नर्सरी से कक्षा आठ तक की पढ़ाई पर लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च आसानी से आता है।

इस बारे में डीआईओएस उमेश त्रिपाठी कहते हैं, “हम लोग अभी इस बारे में कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि जो शासनादेश इस सम्बन्ध में लागू होना था, उस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। अब इसके बारे में जो भी कार्रवाई होगी, वह बाल संरक्षण आयोग के द्वारा ही की जायेगी।”

“29 जून 2009 में शासनादेश जारी हुआ था कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाए। इसमें यह तय किया जाए कि किस मद में कितनी फीस बढ़ानी है। यह भी कहा गया था कि 10 प्रतिशत से ज्यादा फीस बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकती है। इस पर स्कूल एसोसिएशन के द्वारा स्टे ले लिया गया था।

अभिभावक कल्याण संघ के अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव कहते हैं, “हम लोग फीस बढ़ोत्तरी और अभिभावकों की कई अन्य परेशानियों के संबंध में सरकार को ज्ञापन सौंपते रहे हैं। आगामी 20 अप्रैल को भी हम गांधी प्रतिमा पर फीस बढ़ोत्तरी को लेकर धरना करेंगे।”

रिपोर्टर - मीनल टिंगल

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