अब राज्यसभा में भी मज़बूत होगी बीजेपी, पास करा सकेगी विधेयक

Jamshed QamarJamshed Qamar   11 March 2017 2:44 PM GMT

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अब राज्यसभा में भी मज़बूत होगी बीजेपी, पास करा सकेगी विधेयकराज्यसभा

यूपी में प्रचंड बहुमत के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने का रास्ता साफ हो गया है। इसका असर ये होगा कि कई पुराने अटके बिल पास हो सकते हैं, हालांकि फिलहाल सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद बीजेपी को बीजेडी और एआईएडीएमके जैसी पार्टियों के समर्थन की ज़रूरत पड़ेगी लेकिन अगले एक साल में राज्यसभा में उसके सांसदों की संख्या बढ़ जाएगी। इस बढ़त का सबसे बड़ा असर ये भी होगा कि चार महीने बाद यानि जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव में अपने पसंद का प्रत्याशी चुन सकेगी।

क्या है वजह?

संसद भवन

संसद के अपर हाउस में 2018 में रिटायर होने वाले 68 सांसदों में से 58 सांसद अप्रैल 2018 में ही रिटायर हो जाएंगे। इनमें से 10 सांसद उत्तर प्रदेश से हैं। इसके अलावा 1 सांसद उत्तराखंड से भी है। विधानसभा चुनाव 2017 में ताबड़तोड़ जीत के बाद बीजेपी के पास राज्यसभा में अपने सांसद बढ़ाने का मौका होगा। मौजूदा स्थिति देखें तो राज्यसभा में एनडीए

के पास 73 सांसद हैं और यूपीए के खाते में 71 सांसद दर्ज हैं। बहुमत का आंकड़ा 123 है। विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या 10 और बढ़ जाएगी। हालांकि मणिपुर और पंजाब के विधानसभा चुनाव राज्यसभा के मौजूदा आंकड़ों में कोई फर्क नहीं करेंगे क्योंकि वहां साल 2019 से पहले कोई सीट खाली नहीं हो रही है। इस साल राज्यसभा की एक सीट गोवा में खाली होगी।

साल 2018 होगा निर्णायक

यूपी में साल 2018 में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होने हैं। राज्यसभा में यूपी की तरफ से मनोनीत सदस्यों पर नज़र डालें तो मायावती के पास 2, अखिलेश यादव के पास 6 जबकि बीजेपी और कांग्रेस के पास एक-एक सदस्य है। विधानसभा चुनाव 2017 में ताबड़तोड़ जीत के बाद बीजेपी दस में से 6 सीटें जीत सकती है और इसके उलट समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा।

संसद भवन

राज्यसभा में बीजेपी के सदस्य

  • 1 अकबर, श्री एम.जे. बी जे पी मध्य प्रदेश
  • 2 इरानी, श्रीमती स्‍मृति बी जे पी गुजरात
  • 3 कटियार, श्री विनय बी जे पी उत्तर प्रदेश
  • 4 कोरे, डा. प्रभाकर बी जे पी कर्णाटक
  • 5 गणेसन, श्री ला. बी जे पी मध्य प्रदेश
  • 6 गहलोत, श्री थावर चन्द बी जे पी मध्य प्रदेश
  • 7 गांगुली, श्रीमती रूपा बी जे पी नाम निर्देशित
  • 8 गोयल, श्री पीयूष बी जे पी महाराष्ट्र
  • 9 गोयल, श्री विजय बी जे पी राजस्थान
  • 10 गोहेल, श्री चुनीभाई बी जे पी गुजरात
  • 11 छत्रपती, श्री संभाजी बी जे पी नाम निर्देशित
  • 12 जेटली, श्री अरुण बी जे पी गुजरात
  • 13 जटिया, डा. सत्यनारायण बी जे पी मध्य प्रदेश
  • 14 जूदेव, श्री रणविजय सिंह बी जे पी छत्तीसगढ़
  • 15 जैन, श्री मेघराज बी जे पी मध्य प्रदेश
  • 16 जांगडे, डा. भूषण लाल बी जे पी छत्तीसगढ़
  • 17 जावडेकर, श्री प्रकाश बी जे पी मध्य प्रदेश
  • 18 झा, श्री प्रभात बी जे पी मध्य प्रदेश
  • 19 ठाकुर, डा. सी.पी. बी जे पी बिहार
  • 20 डुंगरपुर, श्री हर्षवर्धन सिंह बी जे पी राजस्थान
  • 21 डूडी, श्री राम नारायण बी जे पी राजस्थान
  • 22 तुंदिया, महंत शम्भुप्रसादजी बी जे पी गुजरात
  • 23 दवे, श्री अनिल माधव बी जे पी मध्य प्रदेश
  • 24 नक़वी, श्री मुख्तार अब्बास बी जे पी झारखंड
  • 25 नड्डा, श्री जगत प्रकाश बी जे पी हिमाचल प्रदेश
  • 26 नेताम, श्री राम विचार बी जे पी छत्तीसगढ़
  • 27 नायडु, श्री एम. वेंकैया बी जे पी राजस्थान
  • 28 निर्मला सीतारमण, श्रीमती बी जे पी कर्णाटक
  • 29 पंचारिया, श्री नारायण लाल बी जे पी राजस्थान
  • 30 पंडया, श्री दिलीपभाई बी जे पी गुजरात
  • 31 प्रधान, श्री धर्मेंद्र बी जे पी बिहार
  • 32 प्रभु, श्री सुरेश बी जे पी आन्ध्र प्रदेश
  • 33 पर्रिकर, श्री मनोहर बी जे पी उत्तर प्रदेश
  • 34 प्रसाद, श्री रवि शंकर बी जे पी बिहार
  • 35 पाटिल, श्री बसावाराज बी जे पी कर्णाटक
  • 36 पोद्दार, श्री महेश बी जे पी झारखंड
  • 37 मन्हास, श्री शमशेर सिंह बी जे पी जम्मू और कश्मीर
  • 38 मलिक, श्री श्वेत बी जे पी पंजाब
  • 39 महात्मे, डा. विकास बी जे पी महाराष्ट्र
  • 40 मांडविया, श्री मनसुख एल. बी जे पी गुजरात
  • 41 माथुर, श्री ओम प्रकाश बी जे पी राजस्थान
  • 42 यादव, श्री भूपेन्द्र बी जे पी राजस्थान
  • 43 रंगासायी रामाकृष्णा, श्री बी जे पी कर्णाटक
  • 44 रूपाला, श्री परषोत्तम बी जे पी गुजरात
  • 45 वेगड़, श्री शंकरभाई एन. बी जे पी गुजरात
  • 46 वड़ोदिया, श्री लाल सिंह बी जे पी गुजरात
  • 47 वर्मा, श्री रामकुमार बी जे पी राजस्थान
  • 48 शुक्ल, श्री शिव प्रताप बी जे पी उत्तर प्रदेश
  • 49 संचेती, श्री अजय बी जे पी महाराष्ट्र
  • 50 सुरेश गोपी, श्री बी जे पी नाम निर्देशित
  • 51 स्वामी, डा. सुब्रमण्यम बी जे पी नाम निर्देशित
  • 52 सहस्रबुद्धे, डा. विनय पी. बी जे पी महाराष्ट्र
  • 53 साबले, श्री अमर शंकर बी जे पी महाराष्ट्र
  • 54 सिन्हा, श्री आर.के. बी जे पी बिहार
  • 55 सिंह, श्री गोपाल नारायण बी जे पी बिहार
  • 56 सिंह, चौधरी बीरेन्द्र बी जे पी हरियाणा

कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव?

राज्यसभा संसद का उच्च सदन होता है। किसी भी बिल को कानून में बदलने के लिए उसे लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास करवाना ज़रूरी होता है। राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 सदस्यों को भारत के राष्ट्रपति के नामांकित करते हैं। राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव विधानसभा चुनाव में जीते हुए प्रत्याशी यानि विधायक करते हैं, हालांकि इस चुनाव में विधान परिषद के सदस्यों को वोट करने का अधिकार नहीं होता। अगर कोई भी प्रत्याशी खुद को नामांकित करना चाहे तो उसे कम से कम दस सदस्यों की सहमति चाहिए होती है। सदस्‍यों का चुनाव एक खास इलेक्टोरल सिस्टम के तहत होता है, जिसके तहत राज्य की कुल विधानसभा सीटों को राज्यसभा की सदस्य संख्या में एक जोड़ कर उसे विभाजित किया जाता है फिर उसमें 1 जोड़ दिया जाता है। उदाहरण - यूपी में कुल 403 विधानसभा और 11 राज्यसभा सीटें है। 11 में एक जोड़कर, यानि 12 से 403 को विभाजित करेंगे। जवाब आएगा 33.5 इसमें एक जोड़ेंगे तो जवाब आएगा 34.5 यानि यहां चुनाव जीतने के लिए कम से कम 34 वोट चाहिए होंगे। इस चुनाव में विधायक अपनी वरीयता के मुताबिक वोट देते हैं, पहली वरीयता के न्यूनतम वोट जिसे मिल जाते हैं वह व्यक्ति विजयी हो जाता है।

     

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