"लड़कियों के साथ दोस्त बनकर रहती हूँ, जिससे बेहतर तरीके से चलता रहे स्कूल"

सरोज पंत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उच्च प्राथमिक कन्या विद्यालय, चिनहट में प्रधानाध्यिका हैं, अकेले होने के कारण उनकी ज़िम्मेदारियाँ बढ़ गईं हैं । टीचर्स डायरी में वो बता रहीं हैं कि किस तरह से वो घर और स्कूल को संभालती हैं।

Saroj PantSaroj Pant   25 May 2023 1:58 PM GMT

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लड़कियों के साथ दोस्त बनकर रहती हूँ, जिससे बेहतर तरीके से चलता रहे स्कूल

साल 2015 में मैंने स्कूल ज्वाइन किया तब स्कूल में सब सही चल रहा था, लेकिन 2019 में कुछ टीचर्स रिटायर हो गए तब से अकेले स्कूल और बच्चों को संभाल रही हूँ। लड़कियों का स्कूल है, जिसकी वज़ह से ज़िम्मेदारी बढ़ गईं है। लेकिन मैं हमेशा कोशिश करती हूँ कि बच्चियों के मन में कोई भी जिज्ञासा हों वो मैं दूर कर सकूँ, बच्चियों से के मेरी काफ़ी अच्छी दोस्ती है और वो भी मेरी काफ़ी मदद करती हैं।

स्कूल के साथ मुझे घर पर भी उतना ध्यान देना होता है, लेकिन स्कूल में एक ही टीचर होने के कारण मेरे ऊपर काम का बहुत ज़्यादा प्रेशर होता है। मेरी मम्मी जी (सास) 95 साल की हैं, अक्सर बीमार रहती हैं, वो चल भी नहीं पाती, उनका भी ध्यान रखना होता है। सुबह जल्दी उठकर उन्हें नहलाकर, नाश्ता कराके स्कूल के लिए निकलती हूँ। लेकिन स्कूल के कामों में पूरा दिन निकल जाता है, मेरे लिए स्कूल में एक टीचर होने के साथ घर को देखना भी उतना ही ज़रूरी है।


स्कूल की पढ़ाई के साथ बच्चियों के स्वास्थ्य सें जुड़े सभी मुद्दों पर मैं उनके लिए क्लास करवाती हूँ, जिससें बढ़ती उम्र की बच्चियों के मन में सवाल भी बढ़ते रहते हैं, उनके अन्दर हो रहे बदलाव को वो नहीं समझ पाती, जिससे वो हमेशा सवालों की एक पोटली के साथ खड़ी रहती हैं, जिनका ज़वाब देना मेरा दायित्व है। पढ़ायी के साथ साथ उनके लिए मैं हमेशा वर्कशॉप करवाती रहती हूँ, एक ऐसी क्लास जिसमें नारी सशक्तिकरण के बारे में बताते हैं। महिला सशक्तिकरण से जुड़ी फिल्में दिखाती हूँ, महिलाओं के हाइजीन पर बात करते हैं । बताती हूँ ख़ुद को साफ़ सुथरा कैसे रखें जिससें बीमारी से बचा जा सकें।

सही समय पर सही जानकारी होने से बच्चियों को इससे काफ़ी लाभ होगा। मैं उन्हें स्कूल के गार्डेन में लेकर जाती हूँ और वहाँ मैं उनकों खेती किसानी की जानकारी भी देती हूँ जिससें उन्हें खेती के बारे में भी अच्छी जानकारी हो।

मैं उन्हें ऐसे इवेंन्ट में भेजती हूँ, जिसमें महिलाओं ने कैसे मुक़ाम हासिल किया वो अपना सफ़र और अनुभव साझा करती हैं। हाल ही में प्रियंका चोपड़ा लखनऊ आयी थीं मेरे स्कूल की दस बच्चियाँ भी उस कार्यक्रम में गईं थीं।

सरोज पंत ने जैसा गाँव कनेक्शन की इंटर्न अंबिका त्रिपाठी से बताया

आप भी टीचर हैं और अपना अनुभव शेयर करना चाहते हैं, हमें [email protected] पर भेजिए

साथ ही वीडियो और ऑडियो मैसेज व्हाट्सएप नंबर +919565611118 पर भेज सकते हैं।

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