"शिक्षक दिवस पर बच्चों से मिला प्रेम मुझे ज़िंदगी भर याद रहेगा'

ममता सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय, नरायनपुर, अमेठी की प्रधानाध्यापिका हैं, टीचर्स डायरी में शिक्षक दिवस के दिन का किस्सा साझा कर रहीं हैं।

Mamta SinghMamta Singh   12 Sep 2023 6:30 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
शिक्षक दिवस पर बच्चों से मिला प्रेम मुझे ज़िंदगी भर याद रहेगा

कहने को कई दिन बीत गए उस पल को गुज़रे, उस उत्सव को मने पर मेरा मन बस उस एक बात पर अटका है कि बच्चों ने सुबह पाँच बजे आकर स्कूल खोलकर कमरा सजा लिया, खाने पीने की तैयारी कर लिए ताकि जब मैम सात बजे की एक्स्ट्रा क्लास में आएँ तो उन्हें कुछ पता न चले..

मेरा दिल उनकी मोहब्बत से और दिमाग चिंताओं से भरा हुआ है कि उस अंधेरे में, पानी कीचड़ वाले रास्ते पर कैसे भला वह सामान लेकर आए होंगे.. कहीं कोई बच्चा गिर पड़ता या कोई जंतु काट लेता तो.. इतने भीतर के गाँव में उन्होंने कैसे पैसे और सजावट के संसाधन जुटाए होंगे। घरवालों ने इतनी सुबह कैसे स्कूल आने दिया होगा। इतना भरोसा, इतना प्रेम, इतना लगाव और इतना उत्साह यह सब मैं कैसे सम्भालूँ, कैसे सहेजूँ..


मेरे इतने छोटे बच्चे जो अभी छठी कक्षा में हैं, कहाँ से यह सब सीखे.. इनमें स्कूल के आसपास रहने वाले बच्चे ही नहीं बल्कि डेढ़ दो किमी दूर से आने वाले बच्चे भी शामिल थे। उस दिन जब मैंने सब देख थोड़ा दुखी होकर कहा कि बेटा मैंने मना किया था न यह सब करने को, क्यों किया तो उनका जवाब था मैम आप भी तो हमारे लिए कितना करती हैं और हमने पढ़ाई का नुकसान बिना किए इसे किया है।

बच्चों की बात सही थी क्योंकि शिक्षकों की कमी के नाते हम लोग किसी भी दिन किसी भी उत्सव की आड़ में पढ़ाई से समझौता नहीं कर सकते। किसी को दुनिया से शिकायत हो तो इन बच्चों से ग्रैटिट्यूड सीख सकता है ..

मुझे नहीं पता था कि इनके द्वारा हफ़्तों पहले मेरे खाने पीने की पसंद पूछने का क्या मकसद था। गोलगप्पों का जुगाड़, उसका पानी, मटर उफ़ कैसे किया होगा उन्होंने, टॉफी, बिस्किट, नमकीन, घर का बना और बाज़ार का बना दोनों तरह का केक क्या नहीं लाए थे यह बच्चे। प्रेम का प्रतिदान नहीं हो सकता पर प्रेम के बदले दुगना प्रेम तो हो ही सकता है। मेरे बच्चों की मुहब्बत मुझे और मजबूत बनाती है और प्रेमिल करती है.. मैं अब भी अवाक हूँ, भाव विह्वल हूँ और पता नहीं कितने दिन तक और रहूँगी।

आप भी टीचर हैं और अपना अनुभव शेयर करना चाहते हैं, हमें [email protected] पर भेजिए

साथ ही वीडियो और ऑडियो मैसेज व्हाट्सएप नंबर +919565611118 पर भेज सकते हैं।

TeacherConnection Teacher's Diary 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.