टीचर्स डायरी: "एक-दूसरे को गिराकर आगे बढ़ने के बजाय, साथ चलना सीख रहे हैं बच्चे"

ममता सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय, नरायनपुर, अमेठी की प्रधानाध्यापिका हैं, टीचर्स डायरी में आज अपना अनुभव साझा कर रही हैं।

Mamta SinghMamta Singh   29 April 2023 10:08 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
टीचर्स डायरी: एक-दूसरे को गिराकर आगे बढ़ने के बजाय, साथ चलना सीख रहे हैं बच्चे

हम बच्चों से टीम भावना की बात तो करते हैं पर जाने अनजाने रोजमर्रा के जीवन में उन्हें एक दूसरे का प्रतिस्पर्धी भी बना देते हैं पर मुझे खुशी है कि मेरे स्कूल के बच्चे जिंदगी में सफल होने के लिए रोबोट बनने के बजाय संवेदनशील इंसान बन रहे हैं..

यूं तो यह किस्सा किसी रील लाइफ में होता तो इस पर तालियां मिलती पर यह रियल लाइफ की कहानी है, बिना अतिरिक्त मेलोड्रामा के खालिस प्यार और सहकार की कहानी जिसे बताते हुए मैं मुस्कुराती भी हूं और भावुक भी हो उठती हूं..

हुआ यूं कि मार्च महीने में वार्षिक परीक्षा चल रही थी, आठवीं के बच्चों का उस दिन विज्ञान विषय की परीक्षा थी। अभी परीक्षा का का समय खत्म नहीं हुआ था पर आठवीं के आदित्य ने अपना पेपर पूरा कर लिया और कॉपी को डेस्क पर ही रखकर विज्ञान की किताब खोल लिया, यूं वह नकल नहीं कर रहा था बस पेपर खत्म होते ही अपने किसी उत्तर की जांच कर रहा था..


बताती चलूं कि आदित्य बहुत ही मेधावी, सीधा और सरल बच्चा है जोकि विज्ञान की ही परीक्षा में ब्लॉक में टॉप किया था..

आदित्य को किताब खोले देख आकाश को शरारत सूझी, उन्होंने आदित्य की किताब के साथ तस्वीर खींच ली और बोले अब यह फ़ोटो जिले पर भेज दूंगा कि तुम नकल कर रहे थे और पुलिस तुम्हें जेल ले जायेगी, आदित्य घबराकर बोला नहीं भैया मैंने तो सब प्रश्न कर लिया है बस किताब से अपना उत्तर चेक कर रहा था..

आकाश बिना मुस्कुराए बोले तुमने बिना कॉपी जमा हुए ही किताब खोली है इसका मतलब तुम नकल ही कर रहे थे.. सब बच्चे सन्न थे और आदित्य रूआंसा.. उसने आकाश से सॉरी बोला पर आकाश टस से मस नहीं हुए और यही बोलते रहे अब जेल तो जाना पड़ेगा..

अचानक वह हुआ जो कल्पना से परे था.. क्लास के एक एक बच्चे उठे और किताब लाकर खोल लिए.. उन्होंने आकाश से अनुरोध किया कि उनकी भी तस्वीर किताब के साथ खींचकर उन्हें भी जेल भेजा जाए, वह आदित्य को अकेले जेल नहीं जाने देंगे..

यह #यूपीएसनरायनपुर के बच्चे थे जो किसी को गिराकर, पछाड़कर आगे बढ़ने के बजाय साथ चलना सीखे चुके थे.. यह बच्चे बड़े आदमी बनें या न बनें पर भले आदमी बनने के रास्ते पर चल चुके थे...

इनकी टीम भावना का एक किस्सा और सुनाऊंगी आपलोगों को जिसे सुनकर आपको भी हँसी आएगी।

आप भी टीचर हैं और अपना अनुभव शेयर करना चाहते हैं, हमें [email protected] पर भेजिए

साथ ही वीडियो और ऑडियो मैसेज व्हाट्सएप नंबर +919565611118 पर भेज सकते हैं।

TeacherConnection Teacher's Diary #story 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.