समुद्र के पानी में उगता नया भरोसा - सीवीड
समुद्र के पानी में उगता नया भरोसा - सीवीड

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एक समय था जब सीवीड को, सिर्फ "समुद्री कचरा" समझा जाता था… आज वही तटीय परिवारों की नई आजीविका, नई उम्मीद बन रहा है।

एक समय था जब सीवीड को, सिर्फ "समुद्री कचरा" समझा जाता था… आज वही तटीय परिवारों की नई आजीविका, नई उम्मीद बन रहा है।

जंगल जैसा खेत: 1000 पेड़-पौधों के साथ खेती का नया मॉडल
जंगल जैसा खेत: 1000 पेड़-पौधों के साथ खेती का नया मॉडल

By Gaon Connection

मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है

मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है

हाईटेक गौशाला: जहाँ गायों के साथ सपने भी पलते हैं
हाईटेक गौशाला: जहाँ गायों के साथ सपने भी पलते हैं

By Gaon Connection

भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।

भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।

आबादी नियंत्रण के साथ बजट की राष्ट्रनीति ज़रूरी
आबादी नियंत्रण के साथ बजट की राष्ट्रनीति ज़रूरी

By Dr SB Misra

हमारी सरकार बजट पेश करके गदगद हो रही है कि हम 5 ट्रिलियन डॉलर वाले हो जाएंगे, लेकिन यदि आबादी इसी प्रकार बढ़ती रही तो देहाती भाषा में हर भारतीय के पास होगी एक अठन्नी।

हमारी सरकार बजट पेश करके गदगद हो रही है कि हम 5 ट्रिलियन डॉलर वाले हो जाएंगे, लेकिन यदि आबादी इसी प्रकार बढ़ती रही तो देहाती भाषा में हर भारतीय के पास होगी एक अठन्नी।

सरकार संसद में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार: सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा
सरकार संसद में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार: सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा

By गाँव कनेक्शन

Union Budget 2020 Live: इनकम टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव, जानिये और क्या रहा खास
Union Budget 2020 Live: इनकम टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव, जानिये और क्या रहा खास

By गाँव कनेक्शन

बजट से पहले चर्चा में कृषि का आना शुभ संकेत
बजट से पहले चर्चा में कृषि का आना शुभ संकेत

By Suvigya Jain

देश की मौजूदा माली हालत के नजरिए से भी कृषि क्षेत्र की अहमियत को समझा जाना चाहिए। यह भी देखा जा सकता है कि देश की आर्थिकी में कृषि का योगदान कम नहीं होता।

देश की मौजूदा माली हालत के नजरिए से भी कृषि क्षेत्र की अहमियत को समझा जाना चाहिए। यह भी देखा जा सकता है कि देश की आर्थिकी में कृषि का योगदान कम नहीं होता।

लोकसभा में राहुल गांधी पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पलटवार, कहा- हम दामाद के लिए नहीं करते काम, 'हम दो हमारे दो' का भी दिया जवाब
लोकसभा में राहुल गांधी पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पलटवार, कहा- हम दामाद के लिए नहीं करते काम, 'हम दो हमारे दो' का भी दिया जवाब

By गाँव कनेक्शन

लोकसभा में बजट पर उठे सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कई सवालों का जवाब दिया तो कई सवाल भी उठाए...

लोकसभा में बजट पर उठे सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कई सवालों का जवाब दिया तो कई सवाल भी उठाए...

वित्त मंत्री से एक किसान की गुहार: हमें कुछ नहीं चाहिए बस हमारी फसलों का उचित दाम दे दो
वित्त मंत्री से एक किसान की गुहार: हमें कुछ नहीं चाहिए बस हमारी फसलों का उचित दाम दे दो

By गाँव कनेक्शन

गांव कनेक्शन ने आम बजट से ग्रामीण भारत की उम्मीदों को लेकर एक सीरीज शुरु की है, ये उसका पहला भाग है.. कोविड-19 महामारी, लॉकडाउन के चलते मंदी की चपेट में आई देश की अर्थव्यवस्था को कृषि ने सहारा दिया। अब आम बजट 2021-22 से देश के करोड़ों किसान उम्मीदें लगाए बैठे हैं...

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संवाद: संसद में छाया रहा किसान आंदोलन, बजट सत्र के दूसरे चरण में भी व्यापक चर्चा के आसार
संवाद: संसद में छाया रहा किसान आंदोलन, बजट सत्र के दूसरे चरण में भी व्यापक चर्चा के आसार

By Arvind Kumar Singh

संसद के बजट सत्र में सरकार को ना चाहते हुए भी किसान आंदोलन पर चर्चा करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तक कहा दिया कि ये कृषि कानून बाध्यकारी नहीं बल्कि ऐच्छिक हैं।

संसद के बजट सत्र में सरकार को ना चाहते हुए भी किसान आंदोलन पर चर्चा करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तक कहा दिया कि ये कृषि कानून बाध्यकारी नहीं बल्कि ऐच्छिक हैं।

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