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जंगल जैसा खेत: 1000 पेड़-पौधों के साथ खेती का नया मॉडल
जंगल जैसा खेत: 1000 पेड़-पौधों के साथ खेती का नया मॉडल

By Gaon Connection

मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है

मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है

जब गाँव बदले, खेती बदली और किसान अकेला पड़ गया
जब गाँव बदले, खेती बदली और किसान अकेला पड़ गया

By Dr SB Misra

भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।

भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।

उत्तराखंड में जैविक ख़ेती की एक पाठशाला कैसे बदल रही है महिलाओं की किस्मत
उत्तराखंड में जैविक ख़ेती की एक पाठशाला कैसे बदल रही है महिलाओं की किस्मत

By Gaon Connection

उत्तराखंड में औरतें भी अब जैविक ख़ेती से जुड़ कर खुद पूरे परिवार का ख़र्च उठा रही हैं। ये बदलाव आया है एक ऐसे किसान की बदौलत जो अबतक 2 हज़ार से अधिक किसानों को इसकी ट्रेनिंग दे चुके हैं।

उत्तराखंड में औरतें भी अब जैविक ख़ेती से जुड़ कर खुद पूरे परिवार का ख़र्च उठा रही हैं। ये बदलाव आया है एक ऐसे किसान की बदौलत जो अबतक 2 हज़ार से अधिक किसानों को इसकी ट्रेनिंग दे चुके हैं।

उत्तराखंड में जैविक ख़ेती की एक पाठशाला कैसे बदल रही है महिलाओं की किस्मत
उत्तराखंड में जैविक ख़ेती की एक पाठशाला कैसे बदल रही है महिलाओं की किस्मत

By Ambika Tripathi

उत्तराखंड में औरतें भी अब जैविक ख़ेती से जुड़ कर खुद पूरे परिवार का ख़र्च उठा रही हैं। ये बदलाव आया है एक ऐसे किसान की बदौलत जो अबतक 2 हज़ार से अधिक किसानों को इसकी ट्रेनिंग दे चुके हैं।

उत्तराखंड में औरतें भी अब जैविक ख़ेती से जुड़ कर खुद पूरे परिवार का ख़र्च उठा रही हैं। ये बदलाव आया है एक ऐसे किसान की बदौलत जो अबतक 2 हज़ार से अधिक किसानों को इसकी ट्रेनिंग दे चुके हैं।

कीटनाशकों के विकल्प की जरूरत, इससे पहले कि देर हो जाए
कीटनाशकों के विकल्प की जरूरत, इससे पहले कि देर हो जाए

By Dr. Satyendra Pal Singh

देखने में आ रहा है कि फसलों में लगने वाले कीट, रोग, बीमारियां और खरपतवार साल दर साल और अधिक ताकतवर होते जा रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि यह अनेकों रूप, रंग और प्रजाति बदलकर आ रहे हैं। इसके चलते प्रयोग होने वाली दवाऐं बेअसर हो रहीं हैं। परिणाम स्वरूप इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियां और अधिक घातक रसायनों की मात्रा बढ़ाने में लगी हैं जिससे इन पर काबू पाया जा सके।

देखने में आ रहा है कि फसलों में लगने वाले कीट, रोग, बीमारियां और खरपतवार साल दर साल और अधिक ताकतवर होते जा रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि यह अनेकों रूप, रंग और प्रजाति बदलकर आ रहे हैं। इसके चलते प्रयोग होने वाली दवाऐं बेअसर हो रहीं हैं। परिणाम स्वरूप इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियां और अधिक घातक रसायनों की मात्रा बढ़ाने में लगी हैं जिससे इन पर काबू पाया जा सके।

राजस्थान: बांसवाड़ा के आदिवासी किसान कर रहे हैं जैविक खेती की ओर रुख
राजस्थान: बांसवाड़ा के आदिवासी किसान कर रहे हैं जैविक खेती की ओर रुख

By Laxmikanta Joshi

आदिवासी बाहुल्य राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के किसान रसायनिक खेती छोड़ जैविक खेती करने लगे हैं। यही नहीं एक किसान को देखकर दूसरे किसान भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं।

आदिवासी बाहुल्य राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के किसान रसायनिक खेती छोड़ जैविक खेती करने लगे हैं। यही नहीं एक किसान को देखकर दूसरे किसान भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं।

बिहार का पहला जैविक गाँव, जहाँ बदल रही है महिलाओं की जिंदगी
बिहार का पहला जैविक गाँव, जहाँ बदल रही है महिलाओं की जिंदगी

By Nidhi Jamwal

हाथों में पड़े छालों और खांसते हुए चेहरे की बेबसी से लेकर आर्थिक बचत और उज्ज्वल मुस्कान तक - यह बिहार में केडिया की उन महिलाओं की कहानी है जिन्होंने जैविक खेती को अपनाया। इसने न केवल उनके परिवार के स्वास्थ्य और खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों में सुधार हुआ है, बल्कि उनके खुद के जीवन में भी काफी बदलाव आया है।

हाथों में पड़े छालों और खांसते हुए चेहरे की बेबसी से लेकर आर्थिक बचत और उज्ज्वल मुस्कान तक - यह बिहार में केडिया की उन महिलाओं की कहानी है जिन्होंने जैविक खेती को अपनाया। इसने न केवल उनके परिवार के स्वास्थ्य और खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों में सुधार हुआ है, बल्कि उनके खुद के जीवन में भी काफी बदलाव आया है।

जैविक खेती की वजह से श्रीलंका में आयी है आर्थिक अस्थिरता; अफवाह है या फिर हकीकत समझना होगा
जैविक खेती की वजह से श्रीलंका में आयी है आर्थिक अस्थिरता; अफवाह है या फिर हकीकत समझना होगा

By Dr. Pawan K. Tak

किसी देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वहां की खेती को स्वावलम्बी बनाना होगा इसके लिए बाजार आधारित उत्पाद से दूरी बनाना कर खेत आधारित व्यवस्था का सर्जन करके जैविक खेती के अभियान को आगे बढ़ाना होगा।

किसी देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वहां की खेती को स्वावलम्बी बनाना होगा इसके लिए बाजार आधारित उत्पाद से दूरी बनाना कर खेत आधारित व्यवस्था का सर्जन करके जैविक खेती के अभियान को आगे बढ़ाना होगा।

Rural employment generation through biogas production in villages of India
Rural employment generation through biogas production in villages of India

By AR Shukla

Biogas is emerging as a promising renewable energy industry in India with a potential of 1,108 Terawatt-hour of biogas production in the country. The industry is labour-intensive and can provide employment opportunities in both skilled and unskilled categories.

Biogas is emerging as a promising renewable energy industry in India with a potential of 1,108 Terawatt-hour of biogas production in the country. The industry is labour-intensive and can provide employment opportunities in both skilled and unskilled categories.

Organic black rice, organic pineapple, vermicomposting and bio solutions — Chemical-free farming picks pace in Manipur
Organic black rice, organic pineapple, vermicomposting and bio solutions — Chemical-free farming picks pace in Manipur

By Gaon Connection

Manipur Organic Mission Agency (MOMA) aims to convert the maximum farming area in the state into chemical-free organic zones by 2025. By working with state and central level institutions, MOMA is training farmers to adopt organic farming.

Manipur Organic Mission Agency (MOMA) aims to convert the maximum farming area in the state into chemical-free organic zones by 2025. By working with state and central level institutions, MOMA is training farmers to adopt organic farming.

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