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बिहार: शिक्षकों के तीन लाख से ज्यादा पद खाली, 3,000 से ज्यादा प्राथमिक स्कूलों में मात्र एक टीचर, फिर क्यों नहीं हो रही शिक्षकों की भर्ती?
बिहार: शिक्षकों के तीन लाख से ज्यादा पद खाली, 3,000 से ज्यादा प्राथमिक स्कूलों में मात्र एक टीचर, फिर क्यों नहीं हो रही शिक्षकों की भर्ती?

By Mithilesh Dhar

Bihar govt schools faltering on multiple fronts, at risk of mass displacement by pvt coaching centres: Survey
Bihar govt schools faltering on multiple fronts, at risk of mass displacement by pvt coaching centres: Survey

By गाँव कनेक्शन

A survey conducted in Bihar by Jan Jagran Shakti Sangathan highlighted the ‘abysmal’ condition of the government schools. It advocated for measures like compliance with the Right to Education Act, providing eggs every day with the midday meal and a ban on tuition centres during school hours.

A survey conducted in Bihar by Jan Jagran Shakti Sangathan highlighted the ‘abysmal’ condition of the government schools. It advocated for measures like compliance with the Right to Education Act, providing eggs every day with the midday meal and a ban on tuition centres during school hours.

बिहार में टीचर बनना है तो कर सकते हैं आवेदन, 16 मई है आख़िरी तारीख़
बिहार में टीचर बनना है तो कर सकते हैं आवेदन, 16 मई है आख़िरी तारीख़

By गाँव कनेक्शन

बिहार के सरकारी स्कूलों में फिर शिक्षकों की भर्ती हो रही है, आप दूसरे राज्य के हैं, तो भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

बिहार के सरकारी स्कूलों में फिर शिक्षकों की भर्ती हो रही है, आप दूसरे राज्य के हैं, तो भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

बिहार में टीचर बनना है तो कर सकते हैं आवेदन, 16 मई है आख़िरी तारीख़
बिहार में टीचर बनना है तो कर सकते हैं आवेदन, 16 मई है आख़िरी तारीख़

By गाँव कनेक्शन

बिहार के सरकारी स्कूलों में फिर शिक्षकों की भर्ती हो रही है, आप दूसरे राज्य के हैं, तो भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

बिहार के सरकारी स्कूलों में फिर शिक्षकों की भर्ती हो रही है, आप दूसरे राज्य के हैं, तो भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

शिक्षा देने की बजाय भिक्षा मांगने को क्यों मजबूर हैं बिहार के नियोजित और टीईटी शिक्षक?
शिक्षा देने की बजाय भिक्षा मांगने को क्यों मजबूर हैं बिहार के नियोजित और टीईटी शिक्षक?

By Daya Sagar

बिहार: नियुक्ति पत्र के लिए धरना दे रहे टीईटी अभ्यर्थी, स्टेशन पर रात गुजार रहीं महिलाएं
बिहार: नियुक्ति पत्र के लिए धरना दे रहे टीईटी अभ्यर्थी, स्टेशन पर रात गुजार रहीं महिलाएं

By Umesh Kumar Ray

बिहार के एक गाँव का जेंडर फ्री स्कूल, जहां बच्चे पेड़ पर चढ़कर अंग्रेजी सीखते हैं और मिलेट केक बनाते हैं
बिहार के एक गाँव का जेंडर फ्री स्कूल, जहां बच्चे पेड़ पर चढ़कर अंग्रेजी सीखते हैं और मिलेट केक बनाते हैं

By Aishwarya Tripathi

अनंतमूल ग्रामीण बिहार में एक ऐसा गैर-सरकारी शिक्षण संस्थान है, जिसके संस्थापक शिवानी कुमारी और निवास कुमार लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आदिवासी बच्चे, लैंगिग रुढ़ियों की परवाह किए बिना अंग्रेजी सीखते हैं क्योंकि वे पेड़ों पर बैठते हैं, मोटे अनाज की केक बेक करते हैं और फुटबॉल खेलते हैं।

अनंतमूल ग्रामीण बिहार में एक ऐसा गैर-सरकारी शिक्षण संस्थान है, जिसके संस्थापक शिवानी कुमारी और निवास कुमार लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आदिवासी बच्चे, लैंगिग रुढ़ियों की परवाह किए बिना अंग्रेजी सीखते हैं क्योंकि वे पेड़ों पर बैठते हैं, मोटे अनाज की केक बेक करते हैं और फुटबॉल खेलते हैं।

'अ' से अनार नहीं अब्दुल कलाम और अर्जुन पढ़ाया जाता है, अनोखा है इंजीनियर से टीचर बने मोनू कुमार का 'गुरुकुल'
'अ' से अनार नहीं अब्दुल कलाम और अर्जुन पढ़ाया जाता है, अनोखा है इंजीनियर से टीचर बने मोनू कुमार का 'गुरुकुल'

By Manoj Choudhary

इंजीनियर से शिक्षक बने मोनू कुमार बिहार के नालंदा जिले में एक अनोखा ‘गुरुकुल’ चला रहे हैं, जहां बच्चों को ‘अ’ से अनार नहीं बल्कि अब्दुल कलाम या अर्जुन पढ़ाया जाता है। मोनू अपने इस गुरुकुल के जरिए प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की सीखने की परंपराओं को फिर से वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। यहां छात्र न सिर्फ साइंस, गणित, दर्शन, मेटा फिजिक्स, इतिहास और संस्कृत सीखते हैं, बल्कि उन्हें रामानुजन, बुद्ध, विवेकानंद, आर्यभट्ट और अन्य बड़ी हस्तियों के बारे में भी पढ़ाया जाता है।

इंजीनियर से शिक्षक बने मोनू कुमार बिहार के नालंदा जिले में एक अनोखा ‘गुरुकुल’ चला रहे हैं, जहां बच्चों को ‘अ’ से अनार नहीं बल्कि अब्दुल कलाम या अर्जुन पढ़ाया जाता है। मोनू अपने इस गुरुकुल के जरिए प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की सीखने की परंपराओं को फिर से वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। यहां छात्र न सिर्फ साइंस, गणित, दर्शन, मेटा फिजिक्स, इतिहास और संस्कृत सीखते हैं, बल्कि उन्हें रामानुजन, बुद्ध, विवेकानंद, आर्यभट्ट और अन्य बड़ी हस्तियों के बारे में भी पढ़ाया जाता है।

Libraries of Opportunities in Bihar
Libraries of Opportunities in Bihar

By Rahul Jha

There are community libraries functioning in 45 blocks in small towns and villages in Bihar. Jeevika, an initiative of the state government to alleviate poverty and enhance the quality of life amongst the rural population, hopes to have libraries up and running in 100 blocks across 32 districts in the state.

There are community libraries functioning in 45 blocks in small towns and villages in Bihar. Jeevika, an initiative of the state government to alleviate poverty and enhance the quality of life amongst the rural population, hopes to have libraries up and running in 100 blocks across 32 districts in the state.

कैसे एक टीचर ने गरीब बेटियों के सपनों को दिए पंख
कैसे एक टीचर ने गरीब बेटियों के सपनों को दिए पंख

By Ambika Tripathi

बिहार के कैमूर जिले के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्राओं को न सिर्फ स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया उन्हें खेल और संगीत जैसे क्षेत्र में चैम्पियन भी बना दिया है। शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति ने उन्हें सम्मानित किया।

बिहार के कैमूर जिले के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्राओं को न सिर्फ स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया उन्हें खेल और संगीत जैसे क्षेत्र में चैम्पियन भी बना दिया है। शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति ने उन्हें सम्मानित किया।

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