By Daya Sagar
महामारी और आर्थिक मंदी को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्र में बड़ी घोषणाएं की गई, वहीं कृषि कानूनों पर चल रहे विवाद और आंदोलन को देखते हुए कृषि क्षेत्र में हुई घोषणाएं भी अहम रहीं।
महामारी और आर्थिक मंदी को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्र में बड़ी घोषणाएं की गई, वहीं कृषि कानूनों पर चल रहे विवाद और आंदोलन को देखते हुए कृषि क्षेत्र में हुई घोषणाएं भी अहम रहीं।
By Daya Sagar
हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार कोरोना के बाद लगभग 37% छात्र और छात्राएं इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि वे अब कभी स्कूल लौट सकेंगे। इसमें भी अधिकतर ग्रामीण और आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों की लड़कियाँ शामिल हैं।
हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार कोरोना के बाद लगभग 37% छात्र और छात्राएं इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि वे अब कभी स्कूल लौट सकेंगे। इसमें भी अधिकतर ग्रामीण और आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों की लड़कियाँ शामिल हैं।
By Nidhi Jamwal
'दलित आदिवासी बजट विश्लेषण 2021-22' के मुताबिक बजट आवंटन के दौरान अनुसूचित जाति के लिए बजट में 112,863 करोड़ रुपए और अनुसूचित जन जाति के लिए बजट में 60,247 करोड़ रुपए कम आवंटित किए हैं। नेशनल कैम्पेन ऑन दलित ह्यूमन राइट ने कहा है कि निर्धारित मानकों के आधार पर बजट का तुरंत आवंटन और उसका कार्यान्वयन किया जाए।
'दलित आदिवासी बजट विश्लेषण 2021-22' के मुताबिक बजट आवंटन के दौरान अनुसूचित जाति के लिए बजट में 112,863 करोड़ रुपए और अनुसूचित जन जाति के लिए बजट में 60,247 करोड़ रुपए कम आवंटित किए हैं। नेशनल कैम्पेन ऑन दलित ह्यूमन राइट ने कहा है कि निर्धारित मानकों के आधार पर बजट का तुरंत आवंटन और उसका कार्यान्वयन किया जाए।
By गाँव कनेक्शन
स्टार्ट अप खोलने और होम लेने वाले लोगों को इस बजट से खासी राहत मिली है। उन्हें अब अगले साल तक कोई टैक्स नहीं देना होगा। होम लोन के 1.5 लाख रुपए तक के ब्याज पर छूट भी एक साल तक बढ़ा दी गई है।
स्टार्ट अप खोलने और होम लेने वाले लोगों को इस बजट से खासी राहत मिली है। उन्हें अब अगले साल तक कोई टैक्स नहीं देना होगा। होम लोन के 1.5 लाख रुपए तक के ब्याज पर छूट भी एक साल तक बढ़ा दी गई है।
By Daya Sagar
जब कोरोना के कारण बेरोजगारी चरम पर है और लगभग 3 करोड़ लोग अभी भी सक्रिय श्रम क्षेत्र से बाहर हैं और रोजगार की तलाश कर रहे हैं, उस समय रोजगार परक योजनाओं के बजट में भारी कमी करना बड़े सवाल खड़े करता है।
जब कोरोना के कारण बेरोजगारी चरम पर है और लगभग 3 करोड़ लोग अभी भी सक्रिय श्रम क्षेत्र से बाहर हैं और रोजगार की तलाश कर रहे हैं, उस समय रोजगार परक योजनाओं के बजट में भारी कमी करना बड़े सवाल खड़े करता है।
By Daya Sagar
कोविड महामारी के कारण शिक्षा जगत पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वहीं नई शिक्षा नीति लागू होने के कारण भी कई तरह के नए बदलाव हुए हैं और आगे भी होने हैं। ऐसे में शिक्षा जगत को बजट से काफी उम्मीदें थीं।
कोविड महामारी के कारण शिक्षा जगत पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वहीं नई शिक्षा नीति लागू होने के कारण भी कई तरह के नए बदलाव हुए हैं और आगे भी होने हैं। ऐसे में शिक्षा जगत को बजट से काफी उम्मीदें थीं।
By गाँव कनेक्शन
In the recent response shared in the Lower House by the Union Ministry of Rural Development, MGNREGS, a wage-employment guarantee scheme for rural India has failed to provide the minimum guaranteed 100 days of wage-work to rural residents.
In the recent response shared in the Lower House by the Union Ministry of Rural Development, MGNREGS, a wage-employment guarantee scheme for rural India has failed to provide the minimum guaranteed 100 days of wage-work to rural residents.
By Pratibha Singh
Despite MGNREGS being a demand-driven scheme, the allocation of funds has not been able to keep up with the increased demand for work. During the peak of the COVID-19 pandemic in 2020-21 and 2021-22, revised estimates for the scheme were 81 per cent and 31 per cent higher than budget estimates for the corresponding years. However, for the financial year 2023-24, the allocation for MGNREGS has decreased 33% from the previous year's revised estimates.
Despite MGNREGS being a demand-driven scheme, the allocation of funds has not been able to keep up with the increased demand for work. During the peak of the COVID-19 pandemic in 2020-21 and 2021-22, revised estimates for the scheme were 81 per cent and 31 per cent higher than budget estimates for the corresponding years. However, for the financial year 2023-24, the allocation for MGNREGS has decreased 33% from the previous year's revised estimates.
By Daya Sagar
कोविड महामारी और अर्थव्यवस्था में मंदी को देखते हुए इस साल स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में कुछ विशेष घोषणाएं की गई हैं। इसके अलावा रोड व ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी बजट बढ़ाया गया है।
कोविड महामारी और अर्थव्यवस्था में मंदी को देखते हुए इस साल स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में कुछ विशेष घोषणाएं की गई हैं। इसके अलावा रोड व ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी बजट बढ़ाया गया है।
By Gargi Verma
In forested hinterlands of Chhattisgarh, solar powered generators, which were pushed at a massive scale for nearly a decade, have fallen to disuse. Poor maintenance of solar units remains a huge problem. Maintenance technicians complain about irregular payments.
In forested hinterlands of Chhattisgarh, solar powered generators, which were pushed at a massive scale for nearly a decade, have fallen to disuse. Poor maintenance of solar units remains a huge problem. Maintenance technicians complain about irregular payments.