By Chandra Bhushan
नई वैज्ञानिक जानकारियों की मदद से, एक व्यवस्थित रूपरेखा तैयार कर और स्वास्थ्य परिणामों के लिए बेहतर लक्ष्यों को तय कर हम चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को ख़त्म कर सकते हैं और करोड़ों जिंदगियों सहित देश की अर्थव्यवस्था को भी बचा सकते हैं।
नई वैज्ञानिक जानकारियों की मदद से, एक व्यवस्थित रूपरेखा तैयार कर और स्वास्थ्य परिणामों के लिए बेहतर लक्ष्यों को तय कर हम चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को ख़त्म कर सकते हैं और करोड़ों जिंदगियों सहित देश की अर्थव्यवस्था को भी बचा सकते हैं।
By Arvind Shukla
बुंदेलखंड शैली की चंदेरी साड़ियां हाथ से बनी महीन कारीगरी के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। दुबई से लेकर अमेरिका तक से डिमांड आती है, लेकिन लॉकडाउन में कारोबारी और बुनकर दोनों परेशान हैं।
बुंदेलखंड शैली की चंदेरी साड़ियां हाथ से बनी महीन कारीगरी के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। दुबई से लेकर अमेरिका तक से डिमांड आती है, लेकिन लॉकडाउन में कारोबारी और बुनकर दोनों परेशान हैं।
By Mithilesh Dhar
ऐसा कहा जा रहा है कि लॉकडाउन में गंगा का पानी काफी साफ हुआ है, लेकिन पूरा सच क्या है ? हमें बता रहे हैं आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर और संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष विशम्भर नाथ मिश्रा।
ऐसा कहा जा रहा है कि लॉकडाउन में गंगा का पानी काफी साफ हुआ है, लेकिन पूरा सच क्या है ? हमें बता रहे हैं आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर और संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष विशम्भर नाथ मिश्रा।
By Devinder Sharma
चाहे पर्यावरणीय विनाश हो या भारी आर्थिक असमानता, कोरोना संकट के इस दौर में सरकार को मजबूत आर्थिक व्यवस्था बनाने की ओर तत्काल आगे बढ़ना चाहिए, जहां बहुसंख्य आबादी रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित ना हो।
चाहे पर्यावरणीय विनाश हो या भारी आर्थिक असमानता, कोरोना संकट के इस दौर में सरकार को मजबूत आर्थिक व्यवस्था बनाने की ओर तत्काल आगे बढ़ना चाहिए, जहां बहुसंख्य आबादी रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित ना हो।
By Mohit Saini
अमरोहा जिले में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है, अब जब बाजारें खुल गईं हैं तब भी किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहा है।
अमरोहा जिले में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है, अब जब बाजारें खुल गईं हैं तब भी किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहा है।
By Arvind Singh Parmar
यहां के पाँच सौ किसान पान की खेती करते हैं, इन परिवारों के करीब तीन हजार लोगों की रोजी रोटी पान की खेती से चलती है। लॉकडाउन के दौरान पान की खेती करने वाले किसानों का नुकसान किसी की नजर में नहीं आया।
यहां के पाँच सौ किसान पान की खेती करते हैं, इन परिवारों के करीब तीन हजार लोगों की रोजी रोटी पान की खेती से चलती है। लॉकडाउन के दौरान पान की खेती करने वाले किसानों का नुकसान किसी की नजर में नहीं आया।
By गाँव कनेक्शन
कोरोना और लॉकडाउन को लेकर गांव कनेक्शन की नई सीरीज #CoronaFootprint में ग्रामीण भारत की वो कहानियां जो अभी तक आप तक नहीं पहुंची, करोड़ों मजदूर, कामगार जब बेरोजगार होकर गांव लौटे हैं, गांवों में क्या हो रहा है, उन घरों की महिलाओं और किसानों का हाल..पढ़िए और देखिए हमारी इस विशेष सीरीज में..
कोरोना और लॉकडाउन को लेकर गांव कनेक्शन की नई सीरीज #CoronaFootprint में ग्रामीण भारत की वो कहानियां जो अभी तक आप तक नहीं पहुंची, करोड़ों मजदूर, कामगार जब बेरोजगार होकर गांव लौटे हैं, गांवों में क्या हो रहा है, उन घरों की महिलाओं और किसानों का हाल..पढ़िए और देखिए हमारी इस विशेष सीरीज में..
By Arvind Singh Parmar
By Daya Sagar
प्रवासी मजदूरों पर जारी सियासत के बीच उत्तर प्रदेश के अलग-अलग नेशनल हाईवेज पर उनके पैदल चलकर घर पहुंचने का क्रम जारी है। हालांकि पिछले दो दिनों में पैदल चलने वाले इन मजदूरों की संख्या में थोड़ी कमी जरूर आई है।
प्रवासी मजदूरों पर जारी सियासत के बीच उत्तर प्रदेश के अलग-अलग नेशनल हाईवेज पर उनके पैदल चलकर घर पहुंचने का क्रम जारी है। हालांकि पिछले दो दिनों में पैदल चलने वाले इन मजदूरों की संख्या में थोड़ी कमी जरूर आई है।