'यह अंधायुग अवतरित हुआ, जिसमें स्थितियां, मनोवृतियां, आत्माएं, सब विकृत हैं'
'यह अंधायुग अवतरित हुआ, जिसमें स्थितियां, मनोवृतियां, आत्माएं, सब विकृत हैं'

By Sunil Kumar Gupta

धर्मवीर भारती अगर आज जीवित होते तो शायद नई कृषि नीतियों के खिलाफ, उन्हें वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सरहदों पर कड़कड़ाती ठंड के बीच 30 दिनों से अनवरत प्रदर्शन कर रहे, शहीद हो रहे किसानों के अब तक के सबसे बड़े और अनुशासित आंदोलन को देखकर जेपी आंदोलन के दौरान लिखी कविता जैसा ही कुछ जरूर लिखते।

धर्मवीर भारती अगर आज जीवित होते तो शायद नई कृषि नीतियों के खिलाफ, उन्हें वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सरहदों पर कड़कड़ाती ठंड के बीच 30 दिनों से अनवरत प्रदर्शन कर रहे, शहीद हो रहे किसानों के अब तक के सबसे बड़े और अनुशासित आंदोलन को देखकर जेपी आंदोलन के दौरान लिखी कविता जैसा ही कुछ जरूर लिखते।

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