A Visually Impaired Teacher Illuminated The Lives Of Children Of Tea-Garden Workers
A Visually Impaired Teacher Illuminated The Lives Of Children Of Tea-Garden Workers

By Sayantani Deb

Karna Telenga helped set up a school in a village in Sivasagar district of Assam to educate underprivileged children of tea garden workers. Despite losing his vision in an accident, he continued to teach them. He passed away this month on August 1.

Karna Telenga helped set up a school in a village in Sivasagar district of Assam to educate underprivileged children of tea garden workers. Despite losing his vision in an accident, he continued to teach them. He passed away this month on August 1.

इन वजहों से छुट्टियों में भी बच्चे अपने टीचर से मिलने स्कूल आ जाते हैं
इन वजहों से छुट्टियों में भी बच्चे अपने टीचर से मिलने स्कूल आ जाते हैं

By Ambika Tripathi

भारत सिंह वर्मा उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में मॉडर्न स्कूल रोहिनिया बीसपुर में शिक्षक हैं, त्यौहारों का सीजन आते ही उनके स्कूल के बच्चों के चेहरे पर एक चमक आ जाती है। वजह है उनके टीचर भरत सिंह वर्मा।

भारत सिंह वर्मा उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में मॉडर्न स्कूल रोहिनिया बीसपुर में शिक्षक हैं, त्यौहारों का सीजन आते ही उनके स्कूल के बच्चों के चेहरे पर एक चमक आ जाती है। वजह है उनके टीचर भरत सिंह वर्मा।

इस स्कूल से निकले छात्र क्यों कह रहे हैं मेरे गुरु जी का जवाब नहीं है
इस स्कूल से निकले छात्र क्यों कह रहे हैं मेरे गुरु जी का जवाब नहीं है

By Ambika Tripathi

भोपाल जैसे शहर में रहने वाले डॉ यशपाल सिंह की नियुक्ति जब साल 1987 में आदिवासी बच्चों के एक आवासीय विद्यालय में हुई तब संसाधनों का काफी आभाव था। लेकिन डॉ यशपाल ने हिम्मत नहीं हारी, उन बच्चों के बीच रहते हुए ही उन्हें बहुत कुछ सीखा दिया। राष्ट्रपति ने हालही में उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।

भोपाल जैसे शहर में रहने वाले डॉ यशपाल सिंह की नियुक्ति जब साल 1987 में आदिवासी बच्चों के एक आवासीय विद्यालय में हुई तब संसाधनों का काफी आभाव था। लेकिन डॉ यशपाल ने हिम्मत नहीं हारी, उन बच्चों के बीच रहते हुए ही उन्हें बहुत कुछ सीखा दिया। राष्ट्रपति ने हालही में उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।

दिव्यांग छात्रों को मिलेगी मुफ्त आवासीय शिक्षा, कन्नौज, औरैया और इलाहाबाद में जल्द शुरू होंगे विशेष स्कूल
दिव्यांग छात्रों को मिलेगी मुफ्त आवासीय शिक्षा, कन्नौज, औरैया और इलाहाबाद में जल्द शुरू होंगे विशेष स्कूल

By Ajay Mishra

प्रदेश के कन्नौज, औरैया और इलाहाबाद में समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय जल्द शुरू होंगे। कक्षा छह से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई दिव्यांगों के लिए पूरी तरह से निशुल्क होगी। साथ ही रहने और खाने की भी सुविधा मिलेगी।

प्रदेश के कन्नौज, औरैया और इलाहाबाद में समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय जल्द शुरू होंगे। कक्षा छह से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई दिव्यांगों के लिए पूरी तरह से निशुल्क होगी। साथ ही रहने और खाने की भी सुविधा मिलेगी।

शैक्षिक संकट से उबारने में विफल रहा केंद्रीय बजट: राइट टू एजुकेशन फोरम
शैक्षिक संकट से उबारने में विफल रहा केंद्रीय बजट: राइट टू एजुकेशन फोरम

By गाँव कनेक्शन

शिक्षा पर करने वाले कार्यकर्ताओं व विशेषज्ञों ने 1 फरवरी को पेश बजट 2022 को स्कूलों को फिर से खोलने, सरकारी स्कूल व्यवस्था की मजबूती और शिक्षा अधिकार कानून के क्रियान्वयन और विस्तार पर ज़ोर देने के बजाय महज डिजिटल लर्निंग पर ध्यान केन्द्रित करने और ई-विद्या के विस्तार का प्रस्ताव को निराशाजनक बताया है।

शिक्षा पर करने वाले कार्यकर्ताओं व विशेषज्ञों ने 1 फरवरी को पेश बजट 2022 को स्कूलों को फिर से खोलने, सरकारी स्कूल व्यवस्था की मजबूती और शिक्षा अधिकार कानून के क्रियान्वयन और विस्तार पर ज़ोर देने के बजाय महज डिजिटल लर्निंग पर ध्यान केन्द्रित करने और ई-विद्या के विस्तार का प्रस्ताव को निराशाजनक बताया है।

A Science Teacher In The Andaman Islands Is Making His Students ‘Conservators’
A Science Teacher In The Andaman Islands Is Making His Students ‘Conservators’

By Laraib Fatima Warsi

A science teacher in north and middle Andaman trains his students to map natural resources and identify ecological hotspots for conservation

A science teacher in north and middle Andaman trains his students to map natural resources and identify ecological hotspots for conservation

'हमारी गलती क्या है?' - स्कूल बंद, घर में न इंटरनेट न मोबाइल, गाँव के बच्चे बोर्ड परीक्षाओं को लेकर परेशान
'हमारी गलती क्या है?' - स्कूल बंद, घर में न इंटरनेट न मोबाइल, गाँव के बच्चे बोर्ड परीक्षाओं को लेकर परेशान

By Virendra Singh

बोर्ड परीक्षाएं मुश्किल से एक महीने दूर हैं लेकिन कोविड-19 ओमीक्रोन वेरियंट के बढ़ते खतरे के कारण स्कूल अभी भी बंद हैं। ग्रामीण छात्र परेशान हैं क्योंकि उनमें से ज्यादातर के पास ऑनलाइन क्लास के लिए न तो स्मार्टफोन है और न ही इंटरनेट। उन्हें डर है कि डिजिटल डिवाइड से उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा।

बोर्ड परीक्षाएं मुश्किल से एक महीने दूर हैं लेकिन कोविड-19 ओमीक्रोन वेरियंट के बढ़ते खतरे के कारण स्कूल अभी भी बंद हैं। ग्रामीण छात्र परेशान हैं क्योंकि उनमें से ज्यादातर के पास ऑनलाइन क्लास के लिए न तो स्मार्टफोन है और न ही इंटरनेट। उन्हें डर है कि डिजिटल डिवाइड से उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा।

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