By Daya Sagar
लॉकडाउन होते ही सरकार ने लोगों के लिए मुफ्त राशन की घोषणा की थी ताकि किसी को काम या पैसे के अभाव में बिना राशन के भूखे पेट ना सोना पड़ा। सरकार की इस योजना का गरीबों को लाभ होता दिखा और लगभग 71 फीसदी राशन कार्डधारकों ने कहा कि उन्हें मुफ्त राशन मिला। हालांकि जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे, उनमें से लगभग तीन चौथाई (73 फीसदी) लोग इस योजना से वंचित रह गए।
लॉकडाउन होते ही सरकार ने लोगों के लिए मुफ्त राशन की घोषणा की थी ताकि किसी को काम या पैसे के अभाव में बिना राशन के भूखे पेट ना सोना पड़ा। सरकार की इस योजना का गरीबों को लाभ होता दिखा और लगभग 71 फीसदी राशन कार्डधारकों ने कहा कि उन्हें मुफ्त राशन मिला। हालांकि जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे, उनमें से लगभग तीन चौथाई (73 फीसदी) लोग इस योजना से वंचित रह गए।
By Ajay Mishra
कोरोना की पहली लहर के दौरान कार्डधारकों को खुला और तौलकर चना दिया गया था, लेकिन इस बार सभी वस्तुएं पैकिंग में हैं। इससे कोटेदार कम भी नहीं दे सकेंगे और समय की भी बचत होगी। न ही मिलावट का डर होगा। पैकिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो भी छपी है।
कोरोना की पहली लहर के दौरान कार्डधारकों को खुला और तौलकर चना दिया गया था, लेकिन इस बार सभी वस्तुएं पैकिंग में हैं। इससे कोटेदार कम भी नहीं दे सकेंगे और समय की भी बचत होगी। न ही मिलावट का डर होगा। पैकिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो भी छपी है।
By गाँव कनेक्शन
गरीब लोगों के लिए राहत की खबर है। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। करीब 15 महीने से जारी ये योजना नवंबर 2021 में बंद हो रही थी, जिसे 4 महीने के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।
गरीब लोगों के लिए राहत की खबर है। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। करीब 15 महीने से जारी ये योजना नवंबर 2021 में बंद हो रही थी, जिसे 4 महीने के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।
By Shivani Gupta
कोरोना की दूसरी लहर के बीच कई राज्यों में लगे लॉकडाउन को देखते हुए पिछले दिनों केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई और जून में 5 किलो अतिरिक्त अनाज देने की घोषणा की है। इस पर खाद्य विशेषज्ञों ने योजना को बढ़ाने और बिना राशन कार्ड वालों को राशन देने की मांग की है।
कोरोना की दूसरी लहर के बीच कई राज्यों में लगे लॉकडाउन को देखते हुए पिछले दिनों केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई और जून में 5 किलो अतिरिक्त अनाज देने की घोषणा की है। इस पर खाद्य विशेषज्ञों ने योजना को बढ़ाने और बिना राशन कार्ड वालों को राशन देने की मांग की है।
By गाँव कनेक्शन
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि लाभार्थियों को बिना किसी कठिनाई के दुकानों पर खाद्यान्न का समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए और इस संबंध में किए गए उपायों का व्यापक प्रचार भी करें।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि लाभार्थियों को बिना किसी कठिनाई के दुकानों पर खाद्यान्न का समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए और इस संबंध में किए गए उपायों का व्यापक प्रचार भी करें।
By गाँव कनेक्शन
कोरोना की दूसरी लहर में वायरस ने ग्रामीण भारत में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। इस बीच दोबारा लगे लॉकडाउन ने फिर ग्रामीण भारत के लोगों के काम-धंधे को नुकसान पहुंचाया है। यही वजह है कि गाँवों में लोग कम खा रहे हैं, बहुत से लोग दाल और सब्जियां नहीं खरीद पा रहे हैं। कई परिवार नमक-चावल या चटनी रोटी खा रहे हैं, लेकिन कब तक? पढ़िए गांव कनेक्शन की ये रिपोर्ट।
कोरोना की दूसरी लहर में वायरस ने ग्रामीण भारत में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। इस बीच दोबारा लगे लॉकडाउन ने फिर ग्रामीण भारत के लोगों के काम-धंधे को नुकसान पहुंचाया है। यही वजह है कि गाँवों में लोग कम खा रहे हैं, बहुत से लोग दाल और सब्जियां नहीं खरीद पा रहे हैं। कई परिवार नमक-चावल या चटनी रोटी खा रहे हैं, लेकिन कब तक? पढ़िए गांव कनेक्शन की ये रिपोर्ट।
By Shivani Gupta
Wooed for their votes with free ration, gas cylinders, smartphones, and scooters, here is what Uttar Pradesh's 44 per cent electorate – its women – expect from the new government that is set to be formed.
Wooed for their votes with free ration, gas cylinders, smartphones, and scooters, here is what Uttar Pradesh's 44 per cent electorate – its women – expect from the new government that is set to be formed.
By Gaon Connection
The changing climate is causing a dent in the country's foodgrains production, and farmers are facing a loss of several billions of dollars due to export curbs and other trade restrictions.
The changing climate is causing a dent in the country's foodgrains production, and farmers are facing a loss of several billions of dollars due to export curbs and other trade restrictions.
By Pratyaksh Srivastava
The changing climate is causing a dent in the country's foodgrains production, and farmers are facing a loss of several billions of dollars due to export curbs and other trade restrictions.
The changing climate is causing a dent in the country's foodgrains production, and farmers are facing a loss of several billions of dollars due to export curbs and other trade restrictions.
By गाँव कनेक्शन
Two years into the pandemic and the hunger and food insecurity crisis continues. A survey reported decline in nutritional quality and quantity of food despite some of the government schemes on food grains having performed well. Details here.
Two years into the pandemic and the hunger and food insecurity crisis continues. A survey reported decline in nutritional quality and quantity of food despite some of the government schemes on food grains having performed well. Details here.