0

गंगा नदी के निचले हिस्सों में पानी की गुणवत्ता चिंताजनक
गंगा नदी के निचले हिस्सों में पानी की गुणवत्ता चिंताजनक

By Gaon Connection

गंगा नदी के निचले हिस्से में नगरपालिका और औद्योगिक सीवेज के अशोधित कचरे में वृद्धि हुई है, जिसके कारण जैव विविधता पारिस्थितिक तंत्र जैसे सुंदरबन मैनग्रोव और गंगा में रहने वाली लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे डॉल्फिन के लिए खतरा बढ़ रहा है।

गंगा नदी के निचले हिस्से में नगरपालिका और औद्योगिक सीवेज के अशोधित कचरे में वृद्धि हुई है, जिसके कारण जैव विविधता पारिस्थितिक तंत्र जैसे सुंदरबन मैनग्रोव और गंगा में रहने वाली लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे डॉल्फिन के लिए खतरा बढ़ रहा है।

विज्ञान व प्रौद्योगिकी से आम लोगों को जोड़ने की पहल है राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान संगोष्ठी-2022
विज्ञान व प्रौद्योगिकी से आम लोगों को जोड़ने की पहल है राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान संगोष्ठी-2022

By India Science Wire

इस संगोष्ठी के आयोजन के दौरान आम लोगों और छात्रों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें छात्रों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिताएं विशेष रूप से शामिल हैं।

इस संगोष्ठी के आयोजन के दौरान आम लोगों और छात्रों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें छात्रों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिताएं विशेष रूप से शामिल हैं।

गंगा नदी के निचले हिस्सों में पानी की गुणवत्ता चिंताजनक: अध्ययन
गंगा नदी के निचले हिस्सों में पानी की गुणवत्ता चिंताजनक: अध्ययन

By गाँव कनेक्शन

गंगा नदी के निचले हिस्से में नगरपालिका और औद्योगिक सीवेज के अशोधित कचरे में वृद्धि हुई है, जिसके कारण जैव विविधता पारिस्थितिक तंत्र जैसे सुंदरबन मैनग्रोव और गंगा में रहने वाली लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे डॉल्फिन के लिए खतरा बढ़ रहा है।

गंगा नदी के निचले हिस्से में नगरपालिका और औद्योगिक सीवेज के अशोधित कचरे में वृद्धि हुई है, जिसके कारण जैव विविधता पारिस्थितिक तंत्र जैसे सुंदरबन मैनग्रोव और गंगा में रहने वाली लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे डॉल्फिन के लिए खतरा बढ़ रहा है।

वैज्ञानिकों ने विकसित किया अपनी टूट-फूट को खुद से रिपेयर कर लेने वाला पदार्थ
वैज्ञानिकों ने विकसित किया अपनी टूट-फूट को खुद से रिपेयर कर लेने वाला पदार्थ

By India Science Wire

अंतरिक्ष अभियानों में, चंद्रमा या मंगल पर लैंडिंग के समय क्षतिग्रस्त हो जाने की आशंका वाले उपकरणों में भी स्वयं मरम्मत की ये तकनीक उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

अंतरिक्ष अभियानों में, चंद्रमा या मंगल पर लैंडिंग के समय क्षतिग्रस्त हो जाने की आशंका वाले उपकरणों में भी स्वयं मरम्मत की ये तकनीक उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.