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कर्नाटक में कोविड-19 प्रभावित परिवारों की आजीविका और बच्चों की पढ़ाई में कर रहे हैं मदद
कर्नाटक में कोविड-19 प्रभावित परिवारों की आजीविका और बच्चों की पढ़ाई में कर रहे हैं मदद

By Jyotsna Richhariya

कोविड-15 महामारी के चलते कर्नाटक में गरीब महिलाओं और बच्चों की जिंदगी पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा। कमाई का जरिया बंद होने से कई परिवारों में बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हुई है। ऐसे में एक एनजीओ ऐसे परिवारों को महामारी के कारण हुई आर्थिक तबाही से उबरने में मदद कर रहा है, जिसकी मुखिया महिला हैं।

कोविड-15 महामारी के चलते कर्नाटक में गरीब महिलाओं और बच्चों की जिंदगी पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा। कमाई का जरिया बंद होने से कई परिवारों में बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हुई है। ऐसे में एक एनजीओ ऐसे परिवारों को महामारी के कारण हुई आर्थिक तबाही से उबरने में मदद कर रहा है, जिसकी मुखिया महिला हैं।

उत्तरी कर्नाटक में 2 हज़ार साल पुरानी सिंचाई व्यवस्था की ये है वजह
उत्तरी कर्नाटक में 2 हज़ार साल पुरानी सिंचाई व्यवस्था की ये है वजह

By Gaon Connection

कर्नाटक के सूखाग्रस्त रायचूर जिले में, किसान सदियों पुराने तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें पानी से भरे मिट्टी घड़ों को खेत में गाड़ दिया जाता है। किसानों के लिए सिंचाई की ये विधि काफी कारगर साबित हो रही है।

कर्नाटक के सूखाग्रस्त रायचूर जिले में, किसान सदियों पुराने तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें पानी से भरे मिट्टी घड़ों को खेत में गाड़ दिया जाता है। किसानों के लिए सिंचाई की ये विधि काफी कारगर साबित हो रही है।

उत्तरी कर्नाटक में 2 हज़ार साल पुरानी सिंचाई व्यवस्था की ये है वजह
उत्तरी कर्नाटक में 2 हज़ार साल पुरानी सिंचाई व्यवस्था की ये है वजह

By Laraib Fatima Warsi

कर्नाटक के सूखाग्रस्त रायचूर जिले में, किसान सदियों पुराने तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें पानी से भरे मिट्टी घड़ों को खेत में गाड़ दिया जाता है। किसानों के लिए सिंचाई की ये विधि काफी कारगर साबित हो रही है।

कर्नाटक के सूखाग्रस्त रायचूर जिले में, किसान सदियों पुराने तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें पानी से भरे मिट्टी घड़ों को खेत में गाड़ दिया जाता है। किसानों के लिए सिंचाई की ये विधि काफी कारगर साबित हो रही है।

बेंगलुरू में उत्तर कर्नाटक का स्वाद परोसने वाला एक छोटा सा भोजनालय, जिसे चार प्रवासी भाई चलाते हैं
बेंगलुरू में उत्तर कर्नाटक का स्वाद परोसने वाला एक छोटा सा भोजनालय, जिसे चार प्रवासी भाई चलाते हैं

By Apoorva Sharma

श्री सिद्धेश्वर, बेलगावी के ऐनापुर गाँव के चार भाई एक ऐसे रेस्टोरेंट को चला रहे हैं जहां पर उत्तर कर्नाटक के ज्वार की रोटी, अवलाक्की, गिरमिट और होलिगे जैसे पारंपरिक और पौष्टिक व्यंजन परोसे जाते हैं।

श्री सिद्धेश्वर, बेलगावी के ऐनापुर गाँव के चार भाई एक ऐसे रेस्टोरेंट को चला रहे हैं जहां पर उत्तर कर्नाटक के ज्वार की रोटी, अवलाक्की, गिरमिट और होलिगे जैसे पारंपरिक और पौष्टिक व्यंजन परोसे जाते हैं।

इस छोटी सी पहल से कर्नाटक के हावेरी जिले के मजदूरों को अब काम की तलाश में भटकना नहीं पड़ता
इस छोटी सी पहल से कर्नाटक के हावेरी जिले के मजदूरों को अब काम की तलाश में भटकना नहीं पड़ता

By Jyotsna Richhariya

एक ग्रामीण विकास पहल जो कर्नाटक के हावेरी जिले के चार तालुकों में एक 'लेबर बैक' का रखरखाव करती है, जिसने न केवल उस क्षेत्र के किसानों के लिए मजूदरी के मुद्दों को सुलझाया है, बल्कि भूमिहीन मजदूरों को आजीविका भी सुनिश्चित की है, जिन्हें अब आसानी से काम मिल रहा है।

एक ग्रामीण विकास पहल जो कर्नाटक के हावेरी जिले के चार तालुकों में एक 'लेबर बैक' का रखरखाव करती है, जिसने न केवल उस क्षेत्र के किसानों के लिए मजूदरी के मुद्दों को सुलझाया है, बल्कि भूमिहीन मजदूरों को आजीविका भी सुनिश्चित की है, जिन्हें अब आसानी से काम मिल रहा है।

Ensuring livelihoods, education for COVID-hit poor families in Karnataka
Ensuring livelihoods, education for COVID-hit poor families in Karnataka

By Jyotsna Richhariya

As a fallout of the COVID-19 pandemic, the lives of poor women and children in Karnataka were adversely affected. Many of the families lost access to education following a loss of livelihood. An NGO is aiding such single-woman headed families to recover from the economic devastation caused by the pandemic. Details here.

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कर्नाटक संकट: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, अगली सुनवाई तक कोई भी फैसला ना करें स्पीकर
कर्नाटक संकट: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, अगली सुनवाई तक कोई भी फैसला ना करें स्पीकर

By गाँव कनेक्शन

सपनों को साकार कर रहे कर्नाटक के ग्रामीण पुस्तकालय
सपनों को साकार कर रहे कर्नाटक के ग्रामीण पुस्तकालय

By Nidhi Jamwal

कर्नाटक के ग्रामीण पुस्तकालय कई बेहतरीन मौकों की शुरुआत लेकर आएँ हैं। राज्य भर में कम से कम 5,573 ग्राम पंचायत पुस्तकालय खुल गए हैं, 35 लाख से अधिक बच्चे इन केंद्रों में पंजीकृत हैं। इन मुफ़्त पुस्तकालयों में आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के युवा एक बेहतर ज़िंदगी का सपना देख सकते हैं।

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कॉरपोरेट सेक्टर की नौकरी छोड़ कर रहे कॉफी की खेती, अब लाखों में है कमाई
कॉरपोरेट सेक्टर की नौकरी छोड़ कर रहे कॉफी की खेती, अब लाखों में है कमाई

By Virendra Singh

थिमइयाह पूरी तरह से जैविक तरीके कॉफी की खेती करते हैं, जिससे उनकी कॉफी कई बड़ी कंपनियां खरीदती हैं।

थिमइयाह पूरी तरह से जैविक तरीके कॉफी की खेती करते हैं, जिससे उनकी कॉफी कई बड़ी कंपनियां खरीदती हैं।

कर्नाटक: सुपारी की फसल को बर्बाद कर रहा है नया कीट, सीपीसीआरआई के वैज्ञानिकों ने की पहचान
कर्नाटक: सुपारी की फसल को बर्बाद कर रहा है नया कीट, सीपीसीआरआई के वैज्ञानिकों ने की पहचान

By Divendra Singh

देश के कई राज्यों में सुपारी की खेती होती है, इसमें कई तरह के कीट और रोग भी लगते हैं, ऐसे में कर्नाटक में वैज्ञानिकों ने सुपारी को नुकसान पहुंचाने वाले नए कीट की पहचान की है।

देश के कई राज्यों में सुपारी की खेती होती है, इसमें कई तरह के कीट और रोग भी लगते हैं, ऐसे में कर्नाटक में वैज्ञानिकों ने सुपारी को नुकसान पहुंचाने वाले नए कीट की पहचान की है।

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