By गाँव कनेक्शन
शराब के हानिकारक प्रभावों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए चलाई जा रही विशेष सीरीज के इस भाग में बाबूजी की कहानी है, जिन्होंने अपनी पत्नी की मौत के बाद शराब पीना शुरू कर दिया था। उनके बेटे ने उन्हें एक ऑनलाइन अभियान के बारे में बताया जिसमें एक महीने के लिए शराब से दूरी बनानी होती है। 30 दिनों के लिए खुद को संयमित करने के बाद बाबूजी ने हमेशा के लिए शराब छोड़ दी।
शराब के हानिकारक प्रभावों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए चलाई जा रही विशेष सीरीज के इस भाग में बाबूजी की कहानी है, जिन्होंने अपनी पत्नी की मौत के बाद शराब पीना शुरू कर दिया था। उनके बेटे ने उन्हें एक ऑनलाइन अभियान के बारे में बताया जिसमें एक महीने के लिए शराब से दूरी बनानी होती है। 30 दिनों के लिए खुद को संयमित करने के बाद बाबूजी ने हमेशा के लिए शराब छोड़ दी।
By गाँव कनेक्शन
झूला एक ऐसी लड़की की कहानी है, जिसने अपने गाँव से शराब को दूर कर एक बार फिर लोगों की जिंदगी में खुशहाली ला दी। नीलेश मिसरा कहानी सुनाने के शक्तिशाली माध्यम की मदद इस बारे में जागरूकता फैला रहे हैं कि किस तरह से शराब छोड़ने के सुखद परिणाम हो सकते हैं।
झूला एक ऐसी लड़की की कहानी है, जिसने अपने गाँव से शराब को दूर कर एक बार फिर लोगों की जिंदगी में खुशहाली ला दी। नीलेश मिसरा कहानी सुनाने के शक्तिशाली माध्यम की मदद इस बारे में जागरूकता फैला रहे हैं कि किस तरह से शराब छोड़ने के सुखद परिणाम हो सकते हैं।
By गाँव कनेक्शन
देश के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया प्लेटफार्म गांव कनेक्शन और WHO दक्षिण-पूर्व एशिया (WHO SEARO) एक साथ मिलकर, शराब के खिलाफ एक सामाजिक अभियान चला रहे हैं। पंद्रह ऑडियो कहानियां, 10 वीडियो और मीम्स से 'मेरी प्यारी जिंदगी' सीरीज को तैयार किया गया है। इसका मकसद, शराब के कारण शरीर और मन पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। शराब की लत से बेहाल हेमंत ने किस तरह से अपने आपको इस दलदल से निकाला। जाने उनके संघर्ष की कहानी ..
देश के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया प्लेटफार्म गांव कनेक्शन और WHO दक्षिण-पूर्व एशिया (WHO SEARO) एक साथ मिलकर, शराब के खिलाफ एक सामाजिक अभियान चला रहे हैं। पंद्रह ऑडियो कहानियां, 10 वीडियो और मीम्स से 'मेरी प्यारी जिंदगी' सीरीज को तैयार किया गया है। इसका मकसद, शराब के कारण शरीर और मन पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। शराब की लत से बेहाल हेमंत ने किस तरह से अपने आपको इस दलदल से निकाला। जाने उनके संघर्ष की कहानी ..
By गाँव कनेक्शन
वह कभी-कभार शराब पीता था। लेकिन जब से पड़ोस में एक बार खुला, दिन ब दिन उसका शराब पीना बढ़ता गया। एक साल बाद उसने माता-पिता के साथ अपने संबंध तोड़ लिए थे और अब वह बार में बैठकर शराब पीता रहता था। लेकिन क्या बार में उसकी गर्भवती बड़ी बहन को देखना उसे इतना शर्मिंदा कर देगा कि उसने शराब पीना छोड़ दिया? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर।
वह कभी-कभार शराब पीता था। लेकिन जब से पड़ोस में एक बार खुला, दिन ब दिन उसका शराब पीना बढ़ता गया। एक साल बाद उसने माता-पिता के साथ अपने संबंध तोड़ लिए थे और अब वह बार में बैठकर शराब पीता रहता था। लेकिन क्या बार में उसकी गर्भवती बड़ी बहन को देखना उसे इतना शर्मिंदा कर देगा कि उसने शराब पीना छोड़ दिया? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर।
By Gaon Connection
वह कभी-कभार शराब पीता था। लेकिन जब से पड़ोस में एक बार खुला, दिन ब दिन उसका शराब पीना बढ़ता गया। एक साल बाद उसने माता-पिता के साथ अपने संबंध तोड़ लिए थे और अब वह बार में बैठकर शराब पीता रहता था। लेकिन क्या बार में उसकी गर्भवती बड़ी बहन को देखना उसे इतना शर्मिंदा कर देगा कि उसने शराब पीना छोड़ दिया? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर।
वह कभी-कभार शराब पीता था। लेकिन जब से पड़ोस में एक बार खुला, दिन ब दिन उसका शराब पीना बढ़ता गया। एक साल बाद उसने माता-पिता के साथ अपने संबंध तोड़ लिए थे और अब वह बार में बैठकर शराब पीता रहता था। लेकिन क्या बार में उसकी गर्भवती बड़ी बहन को देखना उसे इतना शर्मिंदा कर देगा कि उसने शराब पीना छोड़ दिया? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर।
By गाँव कनेक्शन
उसे विश्वास था कि जिम की गई घंटों एक्सरसाइज और बहाया गया पसीना उसे मिस्टर फिट का खिताब जिता सकता है, लेकिन बॉडी बिल्डर मोंटी ने कभी नहीं सोचा था कि दोस्तों के साथ खाली की गईं शराब की कुछ बोतलें उससे यह खिताब छीन लेंगी।
उसे विश्वास था कि जिम की गई घंटों एक्सरसाइज और बहाया गया पसीना उसे मिस्टर फिट का खिताब जिता सकता है, लेकिन बॉडी बिल्डर मोंटी ने कभी नहीं सोचा था कि दोस्तों के साथ खाली की गईं शराब की कुछ बोतलें उससे यह खिताब छीन लेंगी।
By Pankaja Srinivasan
शराब की राह पर चलना भले ही दोस्तों के साथ हंसी-मजाक, मस्ती या खेल के तौर पर शुरू हुआ हो, लेकिन इसकी लत लग जाए तो जिंदगी को हाथ से निकलते देर नहीं लगती। जैसा कि महेश घरे के साथ हुआ था। महेश के जीवन की सच्ची कहानी ‘मेरी प्यारी जिंदगी’ सीरीज का एक हिस्सा है जो गांव कनेक्शन और विश्व स्वास्थ्य संगठन, दक्षिण पूर्व एशिया का साझा प्रयास है। ये अभियान शराब के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।
शराब की राह पर चलना भले ही दोस्तों के साथ हंसी-मजाक, मस्ती या खेल के तौर पर शुरू हुआ हो, लेकिन इसकी लत लग जाए तो जिंदगी को हाथ से निकलते देर नहीं लगती। जैसा कि महेश घरे के साथ हुआ था। महेश के जीवन की सच्ची कहानी ‘मेरी प्यारी जिंदगी’ सीरीज का एक हिस्सा है जो गांव कनेक्शन और विश्व स्वास्थ्य संगठन, दक्षिण पूर्व एशिया का साझा प्रयास है। ये अभियान शराब के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।
By गाँव कनेक्शन
अजय और अंजलि प्यार में पागल थे और एक बार एक साथ रहने का सपना देखा था। जब अजय ने शराब पीना शुरू किया और उनका वैवाहिक जीवन एक दर्दनाक जीवन में सिमट गया। लेकिन वह रुक गया। क्या वह और उसके जीवन का प्यार, फिर एक हो पाएंगे?
अजय और अंजलि प्यार में पागल थे और एक बार एक साथ रहने का सपना देखा था। जब अजय ने शराब पीना शुरू किया और उनका वैवाहिक जीवन एक दर्दनाक जीवन में सिमट गया। लेकिन वह रुक गया। क्या वह और उसके जीवन का प्यार, फिर एक हो पाएंगे?
By गाँव कनेक्शन
अवैध शराब बनाने के लिए बदनाम और जहां शराब की लत और घरेलू हिंसा आम बात थी, लेकिन उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के चैनपुरवा गाँव में भी बदलाव की लहर आयी। यहां एक पुलिस अधिकारी ने गाँव की महिलाओं की मदद से शराब की धुंध के हटाया।
अवैध शराब बनाने के लिए बदनाम और जहां शराब की लत और घरेलू हिंसा आम बात थी, लेकिन उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के चैनपुरवा गाँव में भी बदलाव की लहर आयी। यहां एक पुलिस अधिकारी ने गाँव की महिलाओं की मदद से शराब की धुंध के हटाया।
By गाँव कनेक्शन
छह साल हो गए थे, उसने शराब पीना छोड़ दिया था। लेकिन फिर भी अतीत उसका पीछा करता रहा। मेरी प्यारी जिंदगी सीरीज में नीलेश मिसरा सुना रहे हैं टप्पू की कहानी, जो एक ऐसे इंसान के अंतहीन दुःख और अपराध के बारे में है, जिसकी जिंदगी सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति को मारने के बाद नरक बन गई।
छह साल हो गए थे, उसने शराब पीना छोड़ दिया था। लेकिन फिर भी अतीत उसका पीछा करता रहा। मेरी प्यारी जिंदगी सीरीज में नीलेश मिसरा सुना रहे हैं टप्पू की कहानी, जो एक ऐसे इंसान के अंतहीन दुःख और अपराध के बारे में है, जिसकी जिंदगी सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति को मारने के बाद नरक बन गई।