By गाँव कनेक्शन
पूर्वोत्तर राज्यों में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए 1,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी) और 100 नए आयुष औषधालय खोले जाएंगे।
पूर्वोत्तर राज्यों में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए 1,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी) और 100 नए आयुष औषधालय खोले जाएंगे।
By गाँव कनेक्शन
पूर्वोत्तर के राज्यों में किसान कैसे आगे बढ़ें और कैसे खेती में प्रगति हो, इसे लेकर असम कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने आयुष आधारित उद्योग और प्राकृतिक खेती में संभावनाएं जताई हैं।
पूर्वोत्तर के राज्यों में किसान कैसे आगे बढ़ें और कैसे खेती में प्रगति हो, इसे लेकर असम कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने आयुष आधारित उद्योग और प्राकृतिक खेती में संभावनाएं जताई हैं।
By गाँव कनेक्शन
केरल के बाद त्रिपुरा 30,000 हेक्टेयर की खेती के साथ देश में रबर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में 2 लाख हेक्टेयर में रबर प्लांटेशन की योजना बनाई है।
केरल के बाद त्रिपुरा 30,000 हेक्टेयर की खेती के साथ देश में रबर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में 2 लाख हेक्टेयर में रबर प्लांटेशन की योजना बनाई है।
By गाँव कनेक्शन
सीएसआईआर-सीएमईआरआई ने कई सारी ऐसी तकनीकी विकसित की है, जिससे पुर्वोत्तर भारत के किसानों को कम से कम नुकसान उठाना पड़े।
सीएसआईआर-सीएमईआरआई ने कई सारी ऐसी तकनीकी विकसित की है, जिससे पुर्वोत्तर भारत के किसानों को कम से कम नुकसान उठाना पड़े।
By गाँव कनेक्शन
इस योजना के माध्यम से एनईडीएफआई जमीनी स्तर के हस्त शिल्पकारों (कारीगरों) को उन्हें काम शुरू करने, बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद करेगा।
इस योजना के माध्यम से एनईडीएफआई जमीनी स्तर के हस्त शिल्पकारों (कारीगरों) को उन्हें काम शुरू करने, बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद करेगा।
By Divendra Singh
एक बार फिर असम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से सुअरों की मौत हो रही है, पिछले साल भी यहां पर लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। पशुपालकों का कहना है कोविड-19 की तरह ही अफ्रीकन स्वाइन फीवर की भी दूसरी लहर आ गई है।
एक बार फिर असम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से सुअरों की मौत हो रही है, पिछले साल भी यहां पर लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। पशुपालकों का कहना है कोविड-19 की तरह ही अफ्रीकन स्वाइन फीवर की भी दूसरी लहर आ गई है।
By Umashankar Mishra
कृषि वैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि देश के अन्य हिस्सों में उगायी जाने वाली खीरे की सफेद गूदे की किस्मों के मुकाबले नारंगी-गूदे वाले खीरे की किस्म में कैरोटीनॉयड मात्रा चार से पांच गुना अधिक होती है।
कृषि वैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि देश के अन्य हिस्सों में उगायी जाने वाली खीरे की सफेद गूदे की किस्मों के मुकाबले नारंगी-गूदे वाले खीरे की किस्म में कैरोटीनॉयड मात्रा चार से पांच गुना अधिक होती है।
By गाँव कनेक्शन
The India Meteorological Department has issued an updated forecast for the upcoming monsoon rainfall today. The latest forecast mentions a 96 per cent of Long Period Average rainfall, which falls under the ‘normal’ category.
The India Meteorological Department has issued an updated forecast for the upcoming monsoon rainfall today. The latest forecast mentions a 96 per cent of Long Period Average rainfall, which falls under the ‘normal’ category.
By गाँव कनेक्शन
Overall, the country has received 10 per cent less than its normal rainfall for the month of June. Prolonged heat waves were observed for 11-19 days, as against a normal of 2-4 days in parts of West Bengal, Odisha, Bihar, east Uttar Pradesh, Jharkhand, Chhattisgarh, etc.
Overall, the country has received 10 per cent less than its normal rainfall for the month of June. Prolonged heat waves were observed for 11-19 days, as against a normal of 2-4 days in parts of West Bengal, Odisha, Bihar, east Uttar Pradesh, Jharkhand, Chhattisgarh, etc.
By गाँव कनेक्शन
Skymet Weather, a private weather analysis portal, has released its forecast for this year's monsoon season. As per its analysis, this year's monsoon is expected to be normal and the phenomenon called La Nina, which interferes with India's monsoon, is unlikely to impact the country this year. Details here.
Skymet Weather, a private weather analysis portal, has released its forecast for this year's monsoon season. As per its analysis, this year's monsoon is expected to be normal and the phenomenon called La Nina, which interferes with India's monsoon, is unlikely to impact the country this year. Details here.