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मिलिए 130 बेटियों की माँ और सतना की 'मदर टेरेसा' सोनिया जौली से जो उठाती हैं सारी ज़िम्मेदारी
मिलिए 130 बेटियों की माँ और सतना की 'मदर टेरेसा' सोनिया जौली से जो उठाती हैं सारी ज़िम्मेदारी

By Ambika Tripathi

नौ साल पहले छह बच्चियों की ज़िम्मेदारी उठाने वाली सतना की सोनिया जौली आज 130 लड़कियों की माँ हैं, इन लड़कियों की पढ़ाई से लेकर सारी ज़िम्मेदारी वहीं उठाती हैं।

नौ साल पहले छह बच्चियों की ज़िम्मेदारी उठाने वाली सतना की सोनिया जौली आज 130 लड़कियों की माँ हैं, इन लड़कियों की पढ़ाई से लेकर सारी ज़िम्मेदारी वहीं उठाती हैं।

सड़क दुर्घटना में भाई की मौत के बाद युवा ग्राम प्रधान अपने गाँव में बाँटते हैं हेलमेट
सड़क दुर्घटना में भाई की मौत के बाद युवा ग्राम प्रधान अपने गाँव में बाँटते हैं हेलमेट

By Ramji Mishra

भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर घंटे 19 लोग अपनी जान गँवा देते हैं। ऐसे ही एक हादसे में ग्राम प्रधान अभय प्रताप सिंह ने अपने भाई को खो दिया, जिसके बाद उन्होंने हेलमेट पहनने के बारे में जागरूकता अभियान शुरू किया; अब वो न सिर्फ हेलमेट पहनने के लिए सभी को प्रेरित करते हैं बल्कि गाँवों में बाँटते भी हैं।

भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर घंटे 19 लोग अपनी जान गँवा देते हैं। ऐसे ही एक हादसे में ग्राम प्रधान अभय प्रताप सिंह ने अपने भाई को खो दिया, जिसके बाद उन्होंने हेलमेट पहनने के बारे में जागरूकता अभियान शुरू किया; अब वो न सिर्फ हेलमेट पहनने के लिए सभी को प्रेरित करते हैं बल्कि गाँवों में बाँटते भी हैं।

उत्तर प्रदेश के गाँवों से निकलकर शेफ बनने का सपना पूरा कर रहीं किसान की बेटियां
उत्तर प्रदेश के गाँवों से निकलकर शेफ बनने का सपना पूरा कर रहीं किसान की बेटियां

By Pankaja Srinivasan

ग्रामीण उत्तर प्रदेश में पहली बार किसान परिवार की तीन लड़कियां अपने घरों से बाहर निकलकर 1000 किमी से भी ज्यादा दूर कोलकाता के मशहूर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने पहुंची हैं। यह उनकी लड़कियों की आशा, महत्वाकांक्षा और उनके सपनों को साकार करने की यात्रा है।

ग्रामीण उत्तर प्रदेश में पहली बार किसान परिवार की तीन लड़कियां अपने घरों से बाहर निकलकर 1000 किमी से भी ज्यादा दूर कोलकाता के मशहूर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने पहुंची हैं। यह उनकी लड़कियों की आशा, महत्वाकांक्षा और उनके सपनों को साकार करने की यात्रा है।

'अब माँग कर नहीं मेहनत से सम्मान की रोटी खाते हैं'
'अब माँग कर नहीं मेहनत से सम्मान की रोटी खाते हैं'

By Gaon Connection

कभी रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और मँदिरों की सीढ़ियों पर बैठे भीख माँगने वाले ख़ुद का रोज़गार शुरूकर समाज में सम्मान की ज़िंदगी जी रहे हैं। लेकिन इन लोगों की ज़िंदगी में ये बदलाव इतनी आसानी से नहीं आया।

कभी रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और मँदिरों की सीढ़ियों पर बैठे भीख माँगने वाले ख़ुद का रोज़गार शुरूकर समाज में सम्मान की ज़िंदगी जी रहे हैं। लेकिन इन लोगों की ज़िंदगी में ये बदलाव इतनी आसानी से नहीं आया।

'अब माँग कर नहीं मेहनत से सम्मान की रोटी खाते हैं'
'अब माँग कर नहीं मेहनत से सम्मान की रोटी खाते हैं'

By Abhishek Verma

कभी रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और मँदिरों की सीढ़ियों पर बैठे भीख माँगने वाले ख़ुद का रोज़गार शुरूकर समाज में सम्मान की ज़िंदगी जी रहे हैं। लेकिन इन लोगों की ज़िंदगी में ये बदलाव इतनी आसानी से नहीं आया।

कभी रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और मँदिरों की सीढ़ियों पर बैठे भीख माँगने वाले ख़ुद का रोज़गार शुरूकर समाज में सम्मान की ज़िंदगी जी रहे हैं। लेकिन इन लोगों की ज़िंदगी में ये बदलाव इतनी आसानी से नहीं आया।

75-yo Lalti Devi is no more an 'angootha-chaap' — because of an adult literacy initiative in Varanasi
75-yo Lalti Devi is no more an 'angootha-chaap' — because of an adult literacy initiative in Varanasi

By Ankit Rathore

It is Beena Singh's mission to teach old women to read and write. Since 2019, through her NGO, Ideal Women Welfare Society, Devi has been teaching grandmothers and mothers, without charging any fee. The initiative has helped elderly women feel empowered and independent.

It is Beena Singh's mission to teach old women to read and write. Since 2019, through her NGO, Ideal Women Welfare Society, Devi has been teaching grandmothers and mothers, without charging any fee. The initiative has helped elderly women feel empowered and independent.

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