By India Science Wire
इस संगोष्ठी के आयोजन के दौरान आम लोगों और छात्रों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें छात्रों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिताएं विशेष रूप से शामिल हैं।
इस संगोष्ठी के आयोजन के दौरान आम लोगों और छात्रों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें छात्रों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिताएं विशेष रूप से शामिल हैं।
By India Science Wire
'विज्ञान सर्वत्र पूज्यते' कार्यक्रम कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु, उड़िया, बंगाली, असमिया, नेपाली, मैथिली और मणिपुरी सहित विभिन्न स्थानीय भाषाओं में आयोजित किया जाएगा और इसमें 75 फिल्मों की स्क्रीनिंग शामिल होगी।
'विज्ञान सर्वत्र पूज्यते' कार्यक्रम कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु, उड़िया, बंगाली, असमिया, नेपाली, मैथिली और मणिपुरी सहित विभिन्न स्थानीय भाषाओं में आयोजित किया जाएगा और इसमें 75 फिल्मों की स्क्रीनिंग शामिल होगी।
By गाँव कनेक्शन
The demonstration plant, which has been set up at the Indian Institute of Petroleum, Dehradun will be able to convert one tonne of plastic waste into 800 litres of diesel every day
The demonstration plant, which has been set up at the Indian Institute of Petroleum, Dehradun will be able to convert one tonne of plastic waste into 800 litres of diesel every day
By गाँव कनेक्शन
फलों को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए जहरीलों रसायनों से मुक्त ग्राफीन फ्रूट रैपर विकसित किया गया है, इसकी सबसे खास बात है कि इसे दोबारा भी उपयोग में ला सकते हैं।
फलों को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए जहरीलों रसायनों से मुक्त ग्राफीन फ्रूट रैपर विकसित किया गया है, इसकी सबसे खास बात है कि इसे दोबारा भी उपयोग में ला सकते हैं।
By गाँव कनेक्शन
सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा एक साथ 75 स्थानों - उत्तर में लेह व श्रीनगर से लेकर दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर व लक्षद्वीप के कवरत्ती, पश्चिम में दमन व अहमदाबाद से लेकर पूरब में ईटानगर, कोहिमा, आइजवाल में किया जा रहा है।
सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा एक साथ 75 स्थानों - उत्तर में लेह व श्रीनगर से लेकर दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर व लक्षद्वीप के कवरत्ती, पश्चिम में दमन व अहमदाबाद से लेकर पूरब में ईटानगर, कोहिमा, आइजवाल में किया जा रहा है।
By गाँव कनेक्शन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने 'कृषि शिक्षा दिवस' पर कृषि विश्वविद्यालय की रैंकिंग जारी की है। जानिए किस नंबर पर कौन से विश्वविद्यालय को जगह मिली है और टॉप 20 विश्वविद्यालय कौन से हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने 'कृषि शिक्षा दिवस' पर कृषि विश्वविद्यालय की रैंकिंग जारी की है। जानिए किस नंबर पर कौन से विश्वविद्यालय को जगह मिली है और टॉप 20 विश्वविद्यालय कौन से हैं।
By Gaon Connection
शिक्षा मंत्रालय ने अटल नवाचार संस्थान उपलब्धि रैंकिंग (एआरआईआईए) के माध्यम से छात्रों और संकायों के बीच नवाचार, स्टार्ट-अप और उद्यमिता विकास के जरिए देश के सभी प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंक देने के लिए पहल शुरू की है।
शिक्षा मंत्रालय ने अटल नवाचार संस्थान उपलब्धि रैंकिंग (एआरआईआईए) के माध्यम से छात्रों और संकायों के बीच नवाचार, स्टार्ट-अप और उद्यमिता विकास के जरिए देश के सभी प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंक देने के लिए पहल शुरू की है।
By गाँव कनेक्शन
शिक्षा मंत्रालय ने अटल नवाचार संस्थान उपलब्धि रैंकिंग (एआरआईआईए) के माध्यम से छात्रों और संकायों के बीच नवाचार, स्टार्ट-अप और उद्यमिता विकास के जरिए देश के सभी प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंक देने के लिए पहल शुरू की है।
शिक्षा मंत्रालय ने अटल नवाचार संस्थान उपलब्धि रैंकिंग (एआरआईआईए) के माध्यम से छात्रों और संकायों के बीच नवाचार, स्टार्ट-अप और उद्यमिता विकास के जरिए देश के सभी प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंक देने के लिए पहल शुरू की है।
By Pankaja Srinivasan
Students, teachers, educators, mental health experts and policymakers discussed the impact of technology in classrooms, at a recently held National Conference on Education in Anaikatti, Tamil Nadu.
Students, teachers, educators, mental health experts and policymakers discussed the impact of technology in classrooms, at a recently held National Conference on Education in Anaikatti, Tamil Nadu.
By India Science Wire
पारंपरिक रूप से भवन निर्माण में मिट्टी से बनी और चिमनी में पकाई गई ईंटों का प्रयोग होता है। इसमें कई तरह की ईंटों का चलन है। इस प्रकार की ईंटों के निर्माण में न केवल अधिक ऊर्जा लगती है, बल्कि उनसे भारी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन भी होता है।
पारंपरिक रूप से भवन निर्माण में मिट्टी से बनी और चिमनी में पकाई गई ईंटों का प्रयोग होता है। इसमें कई तरह की ईंटों का चलन है। इस प्रकार की ईंटों के निर्माण में न केवल अधिक ऊर्जा लगती है, बल्कि उनसे भारी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन भी होता है।