By Ranvijay Singh
Thousands of women are earning their own livelihood after joining self-help groups that are helping them to be self-sufficient and financially independent
Thousands of women are earning their own livelihood after joining self-help groups that are helping them to be self-sufficient and financially independent
By Gaon Connection
पिछले कुछ सालों में खेती-किसानी में कई तरह की तकनीक आई हैं, उनमें से एक ड्रोन भी है; स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें ड्रोन दिए जाएँगे।
पिछले कुछ सालों में खेती-किसानी में कई तरह की तकनीक आई हैं, उनमें से एक ड्रोन भी है; स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें ड्रोन दिए जाएँगे।
By गाँव कनेक्शन
पिछले कुछ सालों में खेती-किसानी में कई तरह की तकनीक आई हैं, उनमें से एक ड्रोन भी है; स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें ड्रोन दिए जाएँगे।
पिछले कुछ सालों में खेती-किसानी में कई तरह की तकनीक आई हैं, उनमें से एक ड्रोन भी है; स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें ड्रोन दिए जाएँगे।
By गाँव कनेक्शन
By Divendra Singh
कुछ महीने पहले तक गाँव की इन महिलाओं को अंदाज़ा नहीं था कि वो अपना कारोबार शुरू कर लेंगी। आज इन्हे न काम से निकाले जाने की चिंता है और न ही छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की; क्यों मजदूरी करने वाली महिलाएँ बन गईं हैं बिजनेस वूमेन
कुछ महीने पहले तक गाँव की इन महिलाओं को अंदाज़ा नहीं था कि वो अपना कारोबार शुरू कर लेंगी। आज इन्हे न काम से निकाले जाने की चिंता है और न ही छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की; क्यों मजदूरी करने वाली महिलाएँ बन गईं हैं बिजनेस वूमेन
By Mohit Saini
By Sumit Yadav
पारंपरिक सब्जियों का सही दाम न मिलने से परेशान उत्तर प्रदेश के उन्नाव में महिलाओं के एक स्वयं सहायता समूह ने थाई अमरूद की खेती शुरू की है। विदेशी फल स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले अमरूद की कीमत से लगभग तीन गुना अधिक दाम में बेचा जाता है और ग्रामीण महिलाओं को बेहतर कमाई का मौका मिल गया है।
पारंपरिक सब्जियों का सही दाम न मिलने से परेशान उत्तर प्रदेश के उन्नाव में महिलाओं के एक स्वयं सहायता समूह ने थाई अमरूद की खेती शुरू की है। विदेशी फल स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले अमरूद की कीमत से लगभग तीन गुना अधिक दाम में बेचा जाता है और ग्रामीण महिलाओं को बेहतर कमाई का मौका मिल गया है।
By Neetu Singh
कभी दूसरों के खेत में मेहनत मजदूरी करने वाली झारखंड की ये महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आज कृषि उत्पादक कम्पनियों की मालिक बन गई हैं। ये महिलाएं 'एग्री पार्ट' जैसे केन्द्रों को खोलकर किसानों को बाजार से कम दामों में कृषि से जुड़े सामान बेचती हैं और कृषि से जुड़ी समस्याओं का नि:शुल्क समाधान करती हैं।
कभी दूसरों के खेत में मेहनत मजदूरी करने वाली झारखंड की ये महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आज कृषि उत्पादक कम्पनियों की मालिक बन गई हैं। ये महिलाएं 'एग्री पार्ट' जैसे केन्द्रों को खोलकर किसानों को बाजार से कम दामों में कृषि से जुड़े सामान बेचती हैं और कृषि से जुड़ी समस्याओं का नि:शुल्क समाधान करती हैं।
By Ramji Mishra
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में एक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 20 महिलाएं अपने घरों में रहकर काम करके पर्यावरण के अनुकूल बांस और खस से पुआल, टोकरी और चप्पल जैसे उत्पाद बना रही हैं और अपने परिवार में आय लाने का एक जरिया बन रही हैं।
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में एक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 20 महिलाएं अपने घरों में रहकर काम करके पर्यावरण के अनुकूल बांस और खस से पुआल, टोकरी और चप्पल जैसे उत्पाद बना रही हैं और अपने परिवार में आय लाने का एक जरिया बन रही हैं।
By Akash Deep Mishra
कई बार स्वयं सहायता समूह जुड़ी महिलाओं को ये नहीं पता होता है कि बैंक से मिले लोन को वो किस तरह इस्तेमाल कर सकती हैं, वो जो खर्च कर रहीं क्या वो तरीका सही है, ऐसे ही कई मुद्दों पर उन्हें जागरूक करने की जरूरत है।
कई बार स्वयं सहायता समूह जुड़ी महिलाओं को ये नहीं पता होता है कि बैंक से मिले लोन को वो किस तरह इस्तेमाल कर सकती हैं, वो जो खर्च कर रहीं क्या वो तरीका सही है, ऐसे ही कई मुद्दों पर उन्हें जागरूक करने की जरूरत है।