By Gaon Connection
औषधीय व सगंध फसलों के अवशेष से बनी खाद में दूसरी गोबर की खाद की तुलना में ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे कि मेंथा के फसल अवशेष से बनी खाद में 1.5% तक नाइट्रोजन की मात्रा रहती है, जबकि आम गोबर की खाद में .5% नाइट्रोजन ही रहता है। ये खाद दो-तीन गुना ज्यादा पोषक तत्व युक्त खाद होती है।
औषधीय व सगंध फसलों के अवशेष से बनी खाद में दूसरी गोबर की खाद की तुलना में ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे कि मेंथा के फसल अवशेष से बनी खाद में 1.5% तक नाइट्रोजन की मात्रा रहती है, जबकि आम गोबर की खाद में .5% नाइट्रोजन ही रहता है। ये खाद दो-तीन गुना ज्यादा पोषक तत्व युक्त खाद होती है।
By गाँव कनेक्शन
पोल्ट्री फार्म शुरू करके आप चिकन और अंडे से कमाई तो कर ही सकते हैं, साथ ही उसके बीट (अपशिष्ट) और पराली को मिलाकर बढ़िया खाद भी बना सकते हैं।
पोल्ट्री फार्म शुरू करके आप चिकन और अंडे से कमाई तो कर ही सकते हैं, साथ ही उसके बीट (अपशिष्ट) और पराली को मिलाकर बढ़िया खाद भी बना सकते हैं।
By Divendra Singh
औषधीय व सगंध फसलों के अवशेष से बनी खाद में दूसरी गोबर की खाद की तुलना में ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे कि मेंथा के फसल अवशेष से बनी खाद में 1.5% तक नाइट्रोजन की मात्रा रहती है, जबकि आम गोबर की खाद में .5% नाइट्रोजन ही रहता है। ये खाद दो-तीन गुना ज्यादा पोषक तत्व युक्त खाद होती है।
औषधीय व सगंध फसलों के अवशेष से बनी खाद में दूसरी गोबर की खाद की तुलना में ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे कि मेंथा के फसल अवशेष से बनी खाद में 1.5% तक नाइट्रोजन की मात्रा रहती है, जबकि आम गोबर की खाद में .5% नाइट्रोजन ही रहता है। ये खाद दो-तीन गुना ज्यादा पोषक तत्व युक्त खाद होती है।
By गाँव कनेक्शन
By Kirti Shukla
By Brijendra Dubey
मिर्जापुर में युवाओं ने वर्मी कम्पोस्ट का व्यवसाय शुरू किया है, आज वर्मी कम्पोस्ट की मांग यूपी ही नहीं दूसरे भी कई राज्यों में होने लगी है।
मिर्जापुर में युवाओं ने वर्मी कम्पोस्ट का व्यवसाय शुरू किया है, आज वर्मी कम्पोस्ट की मांग यूपी ही नहीं दूसरे भी कई राज्यों में होने लगी है।
By गाँव कनेक्शन
एक गैर-सरकारी संगठन और राज्य सरकार द्वारा संचालित एक संयुक्त आजीविका प्रोत्साहन कार्यक्रम के जरिए मध्य प्रदेश के धार जिले के आठ गाँव वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं। इसने न केवल जैविक खेती में योगदान दिया है बल्कि महंगे उर्वरकों पर निर्भरता भी कम हुई है।
एक गैर-सरकारी संगठन और राज्य सरकार द्वारा संचालित एक संयुक्त आजीविका प्रोत्साहन कार्यक्रम के जरिए मध्य प्रदेश के धार जिले के आठ गाँव वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं। इसने न केवल जैविक खेती में योगदान दिया है बल्कि महंगे उर्वरकों पर निर्भरता भी कम हुई है।
By Virendra Shukla
By Diti Bajpai
By Divendra Singh
बहुत से लोग तालाब में बढ़ती हुई जलकुंभी से परेशान रहते हैं कि इससे निजात कैसे पाएं, लेकिन यही जलकुंभी किसानों के काम की साबित हो सकती है, कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे बढ़िया वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर सकते हैं।
बहुत से लोग तालाब में बढ़ती हुई जलकुंभी से परेशान रहते हैं कि इससे निजात कैसे पाएं, लेकिन यही जलकुंभी किसानों के काम की साबित हो सकती है, कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे बढ़िया वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर सकते हैं।