एक रक्षाबंधन ऐसा भी : जेल में बंद भाई की कलाई में राखी बांधी तो छलक पड़े आंसू

Abhishek PandeyAbhishek Pandey   7 Aug 2017 7:17 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
एक रक्षाबंधन ऐसा भी : जेल में बंद भाई की कलाई में राखी बांधी तो छलक पड़े आंसूआदर्श कारागार के बाहर अपने भाइयों को राखी बांधकर लौटतीं महिलाएं ( फोटो साभार : विनय गुप्ता)

लखनऊ। यूपी की जेलों में बंद कैदियों के लिए रक्षाबंधन अपनों से मिलने की सौगात लेकर आया। जेल में बंद भाइयों को उनकी बहनों ने जेल में जाकर राखी बांधी और उनकी लंबी उम्र की दुआ मांगी। वहीं कारगार में बंद महिला कैदियों से भी उनके भाइयों ने शाम चार बजे के बाद जेल पहुंच कर राखी बंधवाई।

देर शाम तक लखनऊ के आदर्श कारागार के बाहर बहनों का तांता लगाकर रहा, जिन्हें समय के अनुरूप मुलाकात कराकर भाइयों की सूनी कलाइयों पर राखी बांधने का अवसर दिया गया।

ये भी पढ़ें- फोटो : किसी ने छोटी बच्चियों से बंधवाई राखी तो किसी ने अपने सिक्योरिटी गार्ड को माना भाई

वरिष्ठ जेल अधिक्षक पीपी पाण्डेय ने बताया कि लखनऊ आदर्श कारागार में करीब 3250 कैदी विचाराधीन बंद हैं, जिसमें करीब महिला बैरक में 105 महिला कैदी बंद हैं। इसी को देखते हुए रक्षाबंधन जैसे पर्व पर कैदियों से उनकी बहनों को राखी बंधवाने का इंतजाम किया गया है। जो सुबह दस बजे से शुरू हो गया था। पीपी पाण्डेय ने आगे बताया, ‘बहनों को जेल के अंदर केवल राखी और मिठाई ले जाने की इजाजत थी, जिसे वह अपनी भाइयों की कलाई पर बांध उन्हें मिठाई खिला सकें। इस अवसर पर करीब 435 बहनों ने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर भाइयों के जेल से जल्द छूटने की कामना की है। इस दौरान जेल प्रशासन ने हर बहन को भाई से मिलने का आधा घंटे का समय दिया। वहीं दूसरी ओर महिला कैदियों से मिलने का समय शाम चार बजे रखा गया था, जहां पहले से कारागार पर पहुंचे भाइयों ने रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बंदी बहनों से मुलाकात की।

बंदी बहनों के लिए उनके भाई पहले से राखी और मिठाई जेल के अंदर साथ ले गए थे, जिसे उन्होंने अपनी बहनों से बंधवाया। दहेज प्रथा में जेल में बंद चमनलाल की बहन गुड़िया, सुनिता और विनिता ने बताया कि भाइया की कलाइयों पर राखी बांधने वक्त आंखों से आंसू आ गया, लेकिन भाइया ने हमें चुप कराया। चमनलाल ने अपनी बहनों से एक ही बात कही खुश रहो और मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन मेरा प्यार हमेशा तुम लोगों के साथ रहेगा।

ये भी पढ़ें- महाकाल को सवा लाख लड्डू का भोग तो खजराना के गणेश को बांधी गई 44 इंच की राखी

वहीं बीना कश्यप भी अपने भाई विनय से मिलकर जेल के अंदर से आईं तो उनकी आंखों से आंसू बह रह थे। उनका यही कहना था कि अगले वर्ष भगवान से कामना है कि मेरा भाई जेल से रिहा हो जाए और इस तरह से रक्षाबंधन जैसा पर्व मनाने की नौबत न आए। मलिहाबाद से आई जूली और रुचि बताती हैं कि भाई राकेश कुछ दिन पहले ही तेल चोरी के आरोप में जेल में बंद हुआ था, जिसके चलते हमारी यह राखी खराब हुई, लेकिन रक्षाबंधन पर भगवान से एक ही चीज मांगी है कि वह मेरे भाई को जल्द रिहा करा दें।

ये भी पढ़ें- वसुंधरा राजे ने अपनी सुरक्षा करने वाले आरएसी कमांडोज को बांधी राखी

उधर, रक्षाबंधन पर पूरे जेल परिसर पर बहनों की भीड़ चारों ओर थी, जिन्हें संभालने के लिए जेल प्रशासन ने टोकन सिस्टम कर रखा था और बारी-बारी से जेल के बाहर लगे माइक से एनाउंस कर बंदी भाइयों से मिलवाने का कार्यक्रम करवाया जा रहा था। साथ ही जेल के अंदर बनी कैंटीन में भी जेल प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किया गया था।

गायत्री प्रजापति की कलाई राखी बगैर रही सूनी

पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति लखनऊ के आदर्श जेल में ही काफी समय से बंद हैं। रक्षाबंधन जैसे पर्व पर कोई बहन उनसे मुलाकात करने नहीं आई। इसके चलते गायत्री की राखी बगैर हाथ सूने रहे। वहीं दूसरी ओर बाहुबली विधायक विजय सिंह से भी मिलने कोई नहीं आया। जेल प्रशासन ने आम और खास के लिए जेल में राखी बंधवाने का एक जैसा ही इंतजाम किया था।

          

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.