बाढ़ में जिनके घर कटे उन्हें 95 हजार रुपए तत्काल, नई जगह जमीन और सीएम आवास मिलेगा: योगी आदित्यनाथ

नेपाल से छोड़ा गया पानी पूर्वी यूपी के कई जिलों में भारी नुकसान कर रहा है। सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी खतरे के निशान के 2 मीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार हर तरह से बाढ़ पीड़ितों के साथ है।

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बाढ़ में जिनके घर कटे उन्हें 95 हजार रुपए तत्काल, नई जगह जमीन और सीएम आवास मिलेगा: योगी आदित्यनाथ

सिद्धार्थनगर में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात करते सीएम योगी आदित्यनाथ। 

सिद्धार्थनगर/ लखनऊ (यूपी)। भीषण रुप से बाढ़ से प्रभावित यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोग घबराएं नहीं सरकार हर तरह से उनके साथ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी पीड़ित का मकान गिरने की दशा में उसे तत्काल 95 हजार रुपए दिए जाएंगे। जिन लोगों के घर गिर गए हैं या नदी की धारा की चपेट में आ गए हैं उन्हें भूमि का पट्टा आवंटित करने के साथ ही मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक-एक आवास दिया जाएगा। इसके साथ ही दुर्भाग्य से किसी की पानी में डूबने या किसी तरह से मौत होने पर 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों पूर्वी यूपी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। शनिवार को जनपद सिद्धार्थनगर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने डुमरियागंज में कृषि उत्पादन मण्डी समिति और किसान इण्टर कॉलेज, उसका बाजार, नौगढ़ में स्थापित बाढ़ राहत केन्द्र पहुंचकर बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की। शनिवार को ही उन्होंने गोरखपुर में बाढ़ पीड़ित इलाकों, राहत कार्यों का भी जायजा लिया।

इससे पहले सिद्धार्थनगर में मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश में 15 से 20 जनपद बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे हैं। इन जनपदों के लगभग 200 गांव और लगभग 2 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। 400 ऐसी ग्राम पंचायते हैं, जहां पर फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद सिद्धार्थनगर की 05 तहसीलें-इटवा, शोहरतगढ़, डुमरियागंज, बांसी एवं नौगढ़ बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें डुमरियागंज और नौगढ़ तहसीलें सर्वाधिक प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से पीड़ित सभी परिवारों को बचाव व राहत कार्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है। कन्ट्रोल रूम के माध्यम से एक-एक गतिविधि पर नजर रखने एवं बाढ़ चौकियों के माध्यम से प्रत्येक बाढ़ पीड़ित परिवार को समय से राहत पहुंचाने के कार्य किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में धनराशि व संसाधन जनपदों को उपलब्ध कराये गये हैं।

खतरे के निशान के 2 मीटर ऊपर बह रही है राप्ती नदी-सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा, "पिछले 12 से 15 दिनों तक लगातार बारिश होने के कारण एवं नेपाल से सटे जनपद होने एवं नेपाल में भारी बरसात के कारण सिद्धार्थनगर जनपद में भारी जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी। राप्ती, नदी खतरे के निशान से लगभग 2 मीटर ऊपर बह रही है। ऐसे ही बूढ़ी राप्ती, पूर्णा नदी और अन्य छोटी-बड़ी नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने के कारण एक बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट में आयी है।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद सिद्धार्थनगर में राप्ती, बूढ़ी राप्ती, पूर्णा नदी व अन्य नदियों के कारण प्रत्येक वर्ष बाढ़ आती है। जनपद में प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ से राहत एवं बचाव के लिए तटबन्धों की मरम्मत, पुलों का निर्माण एवं अन्य कार्य समय से किये गये। सभी 11 कार्यों को पूरा करते हुए समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है। इन कार्यों के द्वारा बड़े पैमाने पर जन व धन की हानियों को रोकने में मदद मिली है। लेकिन नेपाल से छोड़े गए पानी के चलते हालात बिगड़े हैं।

सिद्धार्थनगर में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग प्रभावित

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत व बचाव की व्यवस्था सुनिश्चित की है। बाढ़ प्रभावित जनपदों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं पीएसी फ्लड यूनिट पहले से तैनात की गई हैं, जो बचाव व राहत कार्यों में अपना योगदान दे रही हैं। जनपद की डुमरियागंज और नौगढ़ तहसीलों में क्रमशः 75 से 80 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

बाढ़ प्रभावित इन सभी परिवारों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 2 किलो अरहर दाल, 10 किलो आलू, नमक, हल्दी, मिर्च, मसाला, धनिया, रिफाइन्ड तेल, लाई, चना, गुड़, मोमबत्ती, दियासलाई उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। बाढ़ पीड़ित परिवारों को छाता या बरसाती भी उपलब्ध करवायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों को कम्युनिटी किचन के माध्यम से प्रत्येक जनपद में शुद्ध भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे कोई इस आपदा में भूखा न रहे। पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह अलर्ट करते हुए वर्तमान में जलजमाव व बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में क्लोरिन की टैबलेट उपलब्ध करायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की आपदा में सांप, बिच्छू एवं अन्य जंगली जानवरों के साथ कुत्तों के काटने की शिकायतें आती है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रत्येक जनपद में पर्याप्त मात्रा में एन्टी स्नेक वेनम, एन्टी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के प्रति हमारी बड़ी संवेदना है। हमारे जनप्रतिनिधिगण यहां पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यों में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने सभी बाढ़ पीड़ितों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार एवं पूरा प्रशासन आपके साथ खड़ा है। प्रत्येक बाढ़ पीड़ित को हर सम्भव मदद प्रदान की जाएगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसलों में जो नुकसान हुआ है, उसका सर्वे कराकर उसकी क्षतिपूर्ति धनराशि देने हेतु प्रशासन को निर्देश दिये गये हैं।

5-12 सितंबर के बीच यूपी में चलेगा विशेष अभियान

बाढ़ के अलावा यूपी के कई जिलों इन दिनों रहस्यमयी बुखार और डेंगू आदि से पीड़ित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के बाद जल एवं विषाणु जनित बीमारियों का खतरा बना रहता है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा 5 से 12 सितम्बर के बीच स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फॉगिंग का एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पंचायतीराज, बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग इसमें सहयोग करेंगे। स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन अभियान के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के बारे में जागरूकता प्रदान की जाएगी। जिससे इंसेफ्लाइटिस, डेंगू, मलेरिया जैसी तमाम बीमारियों के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी।


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