डॉक्टर बने पंडित, पुलिस बनी बाराती, अस्पताल में हुई शादी

अस्पताल में अंतिम सांसे गिन रहे बुजुर्ग पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए पुलिस ने अस्पताल में करायी बेटी की शादी। बेटी को आशीर्वाद देते हुए थम गयी साँसे।

Ashwani Kumar DwivediAshwani Kumar Dwivedi   28 May 2018 10:28 AM GMT

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डॉक्टर बने पंडित, पुलिस बनी बाराती, अस्पताल में हुई शादी

बनारस। अस्पताल में भर्ती केे पिता के साथ उनकी देख-रेख को गई बेटी की शादी तो तय हो गई, लेकिन पिता की बीमारी उसकी शादी में रोड़ा बन गई, ऐसे मेेंं डॉक्टर और पुलिस की मदद से बेटी के हाथ पीले हो गए।


बनारस से सटे गाजीपुर जिले के गाँव बहरिया बद के बुजुर्ग फूलचन्द्र सोनकर की तबियत जब बहुत ज्यादा ख़राब हुई और बुजुर्ग को ये एहसास हुआ की जिन्दगी अब और साथ देने वाली नहीं तो उन्होंने अपने रिश्तेदारों से बनारस जाने की इच्छा जताई,परिजनों ने बुजुर्ग को बनारस के कबीर चौरा मंडलीय अस्पताल में भर्ती करा दिया। बुजुर्ग पिता जब अस्पताल में भर्ती हुए तो उनकी बेटी संजू भी देखरेख के लिए पिता के साथ अस्पताल आ गयी, बुजुर्ग की बेटी की विवाह की बात बनारस के ही एक परिवार में चल रहीं थी l जब बुजुर्ग के होने वाले रिश्तेदारों को उनके बनारस के अस्पताल में भर्ती होने की खबर मिली तो वो लोग भी अस्पताल में बुजुर्ग से मिलने आए।

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बीते शनिवार दिनांक 26 मई जब बेटी के होने वाले पति के परिवार वालों से बुजुर्ग मिले तो बुजुर्ग की भावुक हो कर रोने लगे, अस्पष्ट शब्दों और इशारों से उन्होंने होने वाले रिश्तेदारों से अपनी आँखों के सामने बेटी की शादी हो जाने की इच्छा जताई l

अस्पताल में ही तय होने लगी दान दहेज़ की बात

बिना दहेज़ के शादी भला ऐसा भी कहीं होता दहेज़ की रकम क्या होगी, कितने बाराती आयेंगे, बरीक्षा कब होंगी तिलक, शादी कुछ भी तय नहीं हो पा रहा था रिश्तेदारों में भी खुसर- पुसर शुरु हो गयी धीरे-धीरे बात शोर -शराबे में बदल गयी शोर-शराबे से परेशांन किसी तीमारदार ने 100 नम्बर पर फोन करके पुलिस बुला ली मामला न संभल पाने पर कबीर चौरा पुलिस चौकी के इंचार्ज शमशाद खां भी मौके पर पहुच गए।

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बुजुर्ग की इच्छा का सम्मान करते हुए वर पक्ष को मनाकर करायी शादी


कबीर चौरा के चौकी इंचार्ज शमशाद खां ने गाँव कनेक्शन को फोन पर बताया ,"वहां पहुच कर पता चला की बुजुर्ग फूलचंद्र सोनकर का आधा शरीर लकवाग्रस्त है और अस्पताल प्रशासन, पुलिस वहां मौजूद हर नाते -रिश्तेदार से उसने अपनी आँखों के सामने, इशारो में हाथ जोड़ते हुए बेटी की शादी कराने की इच्छा जाहिर की। पुलिस की नौकरी में ऐसी स्थिति मेरे सामने कभी नहीं आई आमतौर पर पुलिस भावुक नहीं समझी जाती पर ऐसी स्थितियों में कोई भी इंसान भावुक हो सकता है इतने में अस्पताल के डॉ. सर्जन जयेश मिश्रा भी आ गये। मामला समझने के बाद वर पक्ष के लोगो को डॉक्टर जयेश और और हमलोगों द्वारा काफी देर तक समझाया गया और आख़िरकार हम सबकी साझा मेहनत रंग लायी, और वर पक्ष के लोग तैयार हो गयेl

डॉक्टर जयेश मिश्रा पंडित बने और हम लोग इस शादी के साक्षी, सिंदूर मंगवाया गया मंत्रों के बीच ग्राम शिवदासपुर जिला बनारस के विनोद सोनकर पुत्र छंगामल सोनकर ने हंसी-ख़ुशी संजू की मांग भरी। साथ ही इस शादी की लिखापढ़ी भी कराई गयीl

दो मिनट में खुशियाँ गम में बदल गयी

चौकी इंचार्ज शमशाद ने बताया कि ऐसा लगा की बुजुर्ग फूलचंद सिर्फ बेटी की शादी देखने के लिए ही जिन्दा थे, सिंदूर की रस्म के बाद मिठाई मंंगायी ही जा रही थी संजू अपने पति के साथ के साथ जब पिता के पैर छुए तो बुजुर्ग फूलचंद्र की आँखों से आंसू निकल रहे रहे बेटी को आशीर्वाद देने के लिए मुश्किल से बुजुर्ग फूलचन्द्र अपने हाथ उठा पाए और उनकी मौत हो गयील चौकी इंचार्ज ने आगे बताया की एक ही दिन में एक साथ कई अनुभव हो गये अपने नौकरी का ये दिन मुझे जिन्दगी भर याद रहेगा मुझे ख़ुशी है की और लोगो के साथ मै भी घटना का साक्षी बन सका।

फूलचंद्र की बेटी संजू ने बताया, "परिवार में हम पांच बहने हैं मै चौथे नम्बर पर हूं, शनिवार को अस्पताल में शादी हुई थी पिताजी की भीं मौत हो गयी ये सब ऐसे हुआ है की अभी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा कल पिताजी को आग दी गयी है ससुराल पक्ष के लोग भी गाँव आये थे। भगवान् जाने आगे क्या होगा।"

     

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