बरेली और बदायूं में मलेरिया, टायफाइड से अब तक 19 की मौत, 1063 लोग चपेट में

बरेली और बदायूं जिले में बुखार ने सबको सकते में डाल दिया है। प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गये हैं।

Deepanshu MishraDeepanshu Mishra   10 Sep 2018 6:05 AM GMT

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बरेली और बदायूं में मलेरिया, टायफाइड से अब तक 19 की मौत, 1063 लोग चपेट में

बरेली। स्ट्रेचर पर बच्ची आंखें बंद किए लेटी है, कुछ बोल नहीं पा रही। शरीर बुखार से तप रहा है। बच्ची के चाचा बगल में खड़े हैं और बार-बार डॉक्टर के कमरे की तरफ झांक रहे हैं, सोच रहे हैं कि कब मेरा नंबर आ जाये।

बरेली जिले में पिछले १५ दिनों में बुखार का प्रकोप इतनी तेजी से फैला है कि क्या बच्चे, क्या बड़े, सब इसकी चपेट में हैं। लगभग हर घर में कोई न कोई बुखार से पीड़ित मिल जायेगा।

बरेली जिले के क्यारा ब्लॉक के कैंट लखवरा गांव से अपनी भतीजी रीना (12 वर्ष) का इलाज करवाने आए प्रमोद (30 वर्ष) महाराणा प्रताप जिला संयुक्त चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड के बाहर अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं। जब उनसे बात की तो उन्होंने बताया "रीना अच्छी खासी खेल रही थी, पिछले तीन दिनों से इसे बुखार है। हमने इसे वहीं के प्राइवेट अस्पताल में दिखाया लेकिन आज सुबह इसकी हालत ज़्यादा खराब हो गयी थी इसलिए यहाँ लेकर आया हूं।" अपने गांव की स्थिति के बारे में प्रमोद बताते हैं "गाँव में बुखार बहुत तेजी से फैला हुआ है। शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां आपको बुखार का मरीज न मिले।" कुछ देर बाद डॉक्टर ने प्रमोद को बुलाया और रीना का इलाज बाल रोग विभाग में शुरू हो गया।

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पूरे जिला अस्पताल में बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है। इस बारे में अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. केएस गुप्ता ने बताया, "इस समय बुखार बहुत तेजी से फैला हुआ है। रोजाना इमरजेंसी में लगभग 160 मरीज आ रहे हैं, जिनमें से 80-90 सिर्फ बुखार के होते हैं। यह कोई नया बुखार नहीं है। इसमें वायरल, मलेरिया, टायफाइड ही है। अस्पताल में अभी तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। लोग मरीजों को अस्पताल लाने में देरी जरूर कर रहे हैं।"

बाल रोग विभाग के बेड नंबर एक पर बदायूँ जिले के समरेर ब्लॉक के सिसैराइयाँ खुर्द से आयी मरीज रामबेटी (10 वर्ष) का इलाज चल रहा है। उसके साथ उसकी दादी और पापा भी हैं। रामबेटी भी बुखार से पीड़ित है। उसके पिता रामरतन ने बताते हैं "हमारी लड़की को पिछले सात-आठ दिनों से बुखार है। हम आज सुबह (रविवार) इसे यहाँ लेकर आए हैं।"

बरेली जिला अस्पताल

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इतने वक़्त बाद अस्पताल लाने के बारे में पूछने पर वे कहते हैं "हम गाँव के ही डॉक्टर से इलाज करवा रहे थे। हमने सोचा था वहाँ ठीक हो जाएगी लेकिन जब ठीक नहीं हुई तो यहाँ लेकर आए हैं।"

वहीं बरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीके शुक्ला बताते हैं "जिले में बुखार से 67 गाँव प्रभावित हैं। जिनमें 1063 लोग बीमार हैं। 19 लोगों की मौत बुखार से हुई है और जबकि 17 लोगों की मौतें अन्य बीमारियों से हुई है। यह बुखार वायरल, टायफाइड और मलेरिया ही है। कोई नये तरह का या जापानी बुखार जैसा कोई मामले अभी सामने नहीं आया है।"

रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग का काम तेज़ी पर

सीएमओ ने बताया "हमारी कुल 17 टीमें प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप कर रहीं हैं। इसके अलावा प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और बड़े अस्पतालों से भी हमने मदद मांगी है और वो मदद कर भी रहे हैं। बुखार से पीड़ित हर मरीज की रक्तपट्टिका बनायी जा रही है और ब्लडसैंपल भी लिया जा रहा है। इसके अलावा तेज़ी से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। मच्छरों से बचाव के लिए स्प्रे और फोगिंग कराया जा रहा है। क्लोरीन, ओआरएस पाउडर और दवाइयों का वितरण कराया जा रहा है।"

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले को गंभीरता से लिया है और उनके निर्देश पर राज्य स्तर से तीन दलों का गठन किया गया है, जिसमें दो दल बदायूं के लिए और एक दल बरेली के लिए बनाया गया है। इन दल जनपद के प्रशासनिक अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के संपर्क में रहकर बुखार नियंत्रण के लिए काम करेंगे।

दलों का काम

जनपद स्तरीय प्रशासन से मिलकर सफाई व्यवस्था और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता करायी जाएगी।

बुखार से प्रभावित रोगी की जांच और उपचार के लिए जनपद स्तरीय दलों की संख्या बढ़वाई जाएगी। विशेष शिविरों के माध्यम से बुखार पीड़ितों की रक्त पट्टिका/आर.डी.टी. किट द्वारा जांच करके नेशनल ड्रग पॉलिसी ऑन मलेरिया मानक के अनुसार इलाज किया जाएगा।

प्रभावित गांव में मच्छरों से बचने के लिए स्प्रे, फोगिंग कराई जाएगी।

सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर कीटनाशक और दवाइयों की उपलब्धता करवाई जाएगी।

लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जायेगा।


     

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