UPPSC PCS: यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा में भाग लेने वाले सैकड़ों अभ्यर्थी कोविड पॉजिटिव, परीक्षा टालने की मांग

उत्तर प्रदेश राज्य सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा 28 से 31 जनवरी के बीच है। इस परीक्षा के लिए चयनित हुए 7600 परीक्षार्थियों में से 100 से ज्यादा परीक्षार्थी कोविड-पॉजिटिव हैं। कोरोना महामारी का तैयारियों पर असर पड़ा है, कई छात्र बीमार हैं ऐसे वो लोक सेवा आयोग से परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। ज्ञापन, खत के अलावा ऑनलाइन भी आवाज उठाई जा रही है।

Aman GuptaAman Gupta   18 Jan 2022 11:34 AM GMT

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UPPSC PCS: यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा में भाग लेने वाले सैकड़ों अभ्यर्थी कोविड पॉजिटिव, परीक्षा टालने की मांग

यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा 28 से 31 जनवरी के बीच प्रदेश के 3 सेंटर पर आयोजित की जाएगी।  

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा की मुख्य परीक्षा लिखने तक पहुंचना किसी प्रतिभागी के लिए कितना अहम होता है, यह हर कोई जानता है। महीनों-सालों तक रोज़ घंटों की पढ़ाई और तैयारी के बाद, परीक्षा के लिए मिला उनका एक-एक अटेम्प्ट एक-एक लाइफलाइन की तरह होता है। इनमें से एक को भी गंवाने के बारे में सोचना उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होता। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जानी वाली उत्तर प्रदेश राज्य सिविल सेवा-2021 की मुख्य परीक्षा के प्रतिभागी लगातार उसे स्थगित कराने की मांग कर रहे हैं।

राज्य सिविल सेवा-2021 की मुख्य परीक्षा का आयोजन 28-31 जनवरी तक किया जाना है। मुख्य परीक्षा दे रहे कई छात्र इस परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बाबत इन छात्रों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पत्र भी लिखा है। इसके लिए, वे सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चला रहे हैं। परीक्षा स्थगित कराने की मांग कर रहे छात्रों के मुताबिक परीक्षा में शामिल होने वाले करीब सौ से ज्यादा छात्र कोविड से प्रभावित हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होनें अपना टेस्ट कराया है और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बुखार, खांसी जैसे लक्षणों के बीच जो कि कोविड के लक्षण हैं, ऐसे में छात्रों को चार दिन लगातार छह-छह घंटे पेपर लिखना बहुत मुश्किल है। इनके अलावा भी, और प्रतिभागियों के संक्रमित होने की आशंका से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता।

मुख्य परीक्षा देने वालों छात्रों में से एक प्रयागराज (इलाहाबाद) के अभिषेक सिंह (29 साल) का सेंटर लखनऊ है। गांव कनेक्शन से बात करते हुए वह कहते हैं, 'मुख्य परीक्षा चार दिनों तक चलती है, जिसमें हर रोज थोड़े अंतराल के बाद छह घण्टे तक लगातार लिखना पड़ता है, जो कि पहले से ही बहुत चुनौती भरा होता है और बीमार व्यक्ति के लिए यह और भी मुश्किल है। अगर किसी बीमार व्यक्ति को यह परीक्षा लिखनी पड़ी, तो उसके लिए परीक्षा छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। किसी का अटेम्प्ट बर्बाद न हो, इसलिए हम परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।"

वे आगे कहते हैं, "नौकरियों का अकाल तो पहले से ही है। ऐसे में, कोई भी छात्र अपना एक अटेम्प्ट बर्बाद करने का जोखिम नहीं ले सकता, यहां तो सैकड़ों लोग बीमारी या उसके लक्षणों से ग्रसित हैं।'

कई अभ्यर्थियों ने आयोग को भेजे पत्र में अपनी कोविड रिपोर्ट भेजी है और परीक्षा आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है, ये रिपोर्ट आवेदकों की इच्छा के अनुसार पोस्ट की गई हैं।

यूपी पीसीएस की मुख्य परीक्षा में शामिल हो रहीं श्वेता सिंह (26 वर्ष) की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव हैं, जिसके कारण वे परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहती हैं। इस बारे में उन्होंने आयोग को पत्र लिखकर पीसीएस मुख्य परीक्षा को स्थगित करने की अपील की है। आयोग को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि पेपर के कुछ दिन पहले संक्रमित होने के कारण मेरी तैयारी में व्यवधान हुआ, जिसके कारण मेरा एक साल खराब हो सकता है। इसके साथ दूसरे लोगों के संक्रिमत होने का खतरा भी है। मेरी वजह से कोई और बीमार हो, यह कहीं से भी ठीक नहीं है। उनका कहना है कि ऐसे और प्रतिभागी भी हो सकते हैं जो उनकी तरह ही इस समस्या का सामना कर रहे हों।

प्रयागराज में रहकर सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे अभिषेक शुक्ला बताते हैं, "आयोग की तरफ से मुख्य परीक्षा के लिए लखनऊ, प्रयागराज और गाजियाबाद तीन सेंटर बनाये गये हैं। कोविड जैसी महामारी के बीच 7600 से ज्यादा छात्रों के लिए केवल तीन सेंटर हैं, जो बहुत कम हैं। सोशल डिस्टेंसिंग जैसी बुनियादी जरूरत कैसे पूरी हो पाएगी? ऐसे में कोविड से ग्रसित व्यक्ति के बीच चार दिन लगातार बैठकर पेपर देना और उम्मीद करना कि कोई व्यक्ति संक्रमित नहीं होगा, ऐसा कैसे संभव है? "

परीक्षा के लिए बनाये गए तीनों सेंटर पर बाकी जगहों के मुकाबले कोविड की तीसरी लहर का प्रकोप ज्यादा है। इस वजह से, यहां एहतियात के तौर पर पहले से ही काफी चीजों पर रोक लगाई है। ऐसे में बाहर से आने वाले परीक्षार्थियों को रहने-खाने जैसी बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है। जो छात्र बाहर से आएंगे उनके लिए यात्रा करके आना और फिर होटल, लॉज जैसी जगहों पर रुकना परेशानी का सबब बन सकता है। सरकार द्वारा कोरोना के लिए जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार, परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के लिए वैक्सीन के दोनों डोज अथवा आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट होना जरूरी है। इसके अलावा, परीक्षा में शामिल हो रहे बहुत से छात्र ऐसे भी हैं जिन्हें किन्हीं कारणों से वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी हैं और वे कोविड के लक्षणों से जूझ रहे हैं। इससे, उनकी परीक्षा तो प्रभावित होगी ही। साथ ही, वे लोग दूसरों को भी प्रभावित कर सकते हैं। अक्टूबर 2021 में हुई प्री-परीक्षा में पीसीसएस के 538 पदों के अलावा एससीएफ/आरएफओ के कुल 16 पदों के लिए 69173 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।

प्रयागराज में आवेदकों के गुट ने आयोग के दफ्तर में जाकर ज्ञापन भी सौंपा है।

प्रदेश के तीन शहरों बनाए गए हैं सेंटर, लखऩऊ, गाजियाबाद और प्रयागराज

परीक्षा में शामिल हो रहे छात्र अंकित कहते हैं, 'मुख्य परीक्षा में करीब 7600 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसमें उत्तर प्रदेश के साथ बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के भी प्रतिभागी परीक्षा में शामिल होते हैं। इस बात का बहुत डर है कि तीसरी लहर के बीच यह परीक्षा कहीं कम्युनिटी स्प्रेडर का केंद्र न बन जाए।'

उत्तराखंड की रहने वाली पूजा सिंह और हरियाणा की सुजाता, दोनों ही कोविड पॉजिटिव हैं। दोनों लोगों का सेंटर गाजियाबाद है। आयोग को लिखे पत्र में उन्होंने अपनी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव होने के आधार पर परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की है। वे कहती हैं कि हम लोग अपने निजी कारण से नहीं, बल्कि एहतियात के तौर परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने के लिए कह रहे हैं। एक साथ इतने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखा ही जाना चाहिए। वे कहती हैं कि हमारा सेंटर गाजियाबाद है, जो दिल्ली-एनसीआर के तहत आता है और कोविड की तीसरी लहर के बीच वहां के हालात क्या है, यह सबको पता है। अगर इस सबके बाद मुख्य परीक्षा का आयोजन होता है, तो हमारे पास पेपर छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। यकीनन, इस दुविधा और समस्या से जूझ रहे हम अकेले प्रतिभागी नहीं हैं। हाल ही में संपन्न हुई संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा में शामिल हुए कई छात्रों के गंभीर रूप से कोविड से संक्रमित होने की खबरें हैं। इसके एहतियातन आयोग को यूपीपीसीएस की मुख्य परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ा देना चाहिए, नहीं तो बहुत से छात्रों का अटेम्प्ट खराब हो जाएगा।

छात्रों का कहना है कि 23 जनवरी को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा की परीक्षा आयोजित की जानी थी, उसकी तारीख बढ़ाकर जनवरी से अप्रैल कर दी गई है। इसके लिए कोई निश्चित कारण भी नहीं बताया गया है, तो हम लोग मान रहे हैं कि कोविड के कारण ही यह फैसला लिया गया होगा। इसके अलावा, फ़ूड सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, इंडियन बैंकिंग एंड फाइनेंस और इंटेलिजेंस ब्यूरो जैसे संस्थानों ने भी अपनी परीक्षा और इंटरव्यू की तारीखें कोविड के कारण आगे बढ़ा दी हैं। ऐसे में यूपीपीसीएस की मुख्य परीक्षा को आगे बढ़ाने में किसी तरह की समस्या आयोग नहीं होना चाहिए। आखिर, जिनके लिए परीक्षा कराई जा रही है वे लोग ही पूरी तरह शामिल नहीं हो पाएंगे, तो फिर परीक्षा का मतलब क्या रह जाएगा। इसके अलावा, अगर फिर भी संक्रमित प्रतिभागी परीक्षा देने आते हैं, तो भी संक्रमण के प्रसार का खतरा बढ़ेगा। यह मामला भले ही सिर्फ यूपीपीसीएस की मुख्य परीक्षा के प्रतिभागियों का है, लेकिन परीक्षा के लिए सार्वजनिक परिवहनों से उनके आने-जाने से और असंक्रमित लोगों के बीच बैठकर परीक्षा लिखने से संक्रमण का विस्तार होगा, जो आमतौर पर भी कोविड से जुड़ी स्थिति को और बिगाड़ेगा।

छात्र-छात्राएं कई दूसरी परीक्षाओं के टलने का हवाला देकर मुख्य परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे हैं।

परीक्षा की इस तारीख से उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत है, जिनकी ये आखिरी अवसर है, उम्र और दूसरे तकनीकी बिंदुओं के चलते। आगरा जिले के रहने वाले 34 साल के राजीव गुप्ता लखनऊ में रहकर सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे हैं। फोन पर बात करते हुए वे बताते हैं, "ये मेरा आखिरी प्रयास है, और में कोविड से पीड़ित हूं इस कारण मेरे लिए पेपर देना बहुत मुश्किल है लेकिन आखिरी एटेंप्ट है तो पेपर तो दूंगा ही। अगर तारीख आगे बढ़ती है तो मेरे लिए बहुत आसान हो जाएगा।"

गांव कनेक्शन ने इस संबंध में आयोग के कार्यालय में भी बात की। जहां जन संपर्क कार्यालय में फोन उठाने वाले कर्मचारी ने अपना नाम न बताते हुए कहा, "हमारे पास छात्रों की मांग के संबध में पत्र आए हैं, जिस पर परीक्षा कमेटी में चर्चा होगी। उसके बाद जो भी निर्णय होगा बता दिया जाएगा।"

यूपी में कोरोना की तीसरी वेव

उत्तर प्रदेश में 17 जनवरी तक 106616 कोरोना के सक्रिय मामले थे। पिछले 24 घंटे में 15622 नए केस सामने आए थे। 17 जनवरी को लखनऊ में कोविड संक्रमण, बचाव और उपचार व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को अधिकारियों ने बताया कि 16जनवरी तक प्रदेश में 23 करोड़ 15 लाख 37 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। 08 करोड़ 72 लाख 52 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है।

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