यूपी: अलीगढ़ में देसी शराब पीने से तीन गांवों में 11 की मौत, एनएसए तहत कार्रवाई का आदेश

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में देसी शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गई है। परिजनों के मुताबिक शराब जहरीली थी, जिसकी जांच जारी है। डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देशानुसार कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

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यूपी: अलीगढ़ में देसी शराब पीने से तीन गांवों में 11 की मौत, एनएसए तहत कार्रवाई का आदेश

शराब की वो बोतल (पव्वा) दिखाते ग्रामीण, जिस नाम की शराब पीने से हुई मौत। फोटो- वीडियो स्क्रीन शॉट

अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के लोधा थाना इलाके में देसी शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग बीमार हैं। हादसे के बाद 3 गांवों कोहराम मचा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

लखनऊ से करीब 415 किलोमीटर दूर अलीगढ़ जिले के शुक्रवार को एक के बाद एक कई मौतों हों गई। जबकि कई लोगों का इलाज जारी है। डीएम और एसपी से लेकर एडीजी और दूसरे अधिकारी मौके पर डेरा जमाए हुए हैं। अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने बताया, अब तक 11 लोगों की मौत हुई। शराब की 3 दुकानों को सील करके आबकारी को जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं। प्रथमा दृष्टया इन दुकानों के सेल्समैन और मालिक दोषी हैं। न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। 15 दिन में रिपोर्ट मिली है। मामले की जांच जारी है, दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मीडिया से बात करते हुए एक मृतक राजेश की पत्नी विमलेश ने बताया, "उनके पति ने करसुआ स्थित सरकारी ठेके से शराब खरीदी थी, जिसे पीने के बाद उनकी मौत हो गई।" उन्होंने शराब में जहरीली चीज मिलाने के आरोप लगाए हैं।

शराब पीने से मौतें और बीमारी थाना लोधा क्षेत्र के करसुआ, निमाना, हैवतपुर, अंडला गाँवों में हुई है। 11 में से 2 लोगों की मौत इलाज के दौरान हुई है। मरने वालों में 2 ड्राइवर और दो लोग बिहार के शामिल हैं। मौतों के बाद नाराज लोगों ठेके के बाहर हंगामा किया।

अलीगढ़ के आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा ने मीडिया से कहा कि "दुकान (ठेके) की सैंपलिंग करके सील कर दिया गया है। कई पौव्वे मिले हैं। शराब जहरीली थी या नहीं ये जांच में मिला है। मृतकों के घरों से मिले सैंपल को भी जांच के लिए भेजा गया है। अगर सैंपल फेल होते हैं तो आईपीसी की धारा 60 ए के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।"

ये भी पढ़ें- कच्ची शराब की सच्ची कहानी...जानिए कैसी बनती है जहरीली शराब?

करसुआ गांव के निवासी अमित कुमार ने बताया कि गांव के पास ही सरकारी देसी शराब का ठेका बना हुआ है। यहां इंडियन गैस प्लांट पर काम करने वाले आसपास के हैवतपुर, निमानी,अंडला, गांव के लोगों ने शराब के ठेके से शराब खरीदी गई थी। थोड़ी मात्रा में शराब पीने के बाद लोगों को उल्टी दस्त के साथ लोग अंधे होने लगे और तबीयत बिगड़ने लगी थी, कई लोगों की मौत हो गई जबकि कुछ लोगों को दिखाई पड़ना बंद हो गया।"

जिला प्रशासन के मुताबिक मृतकों में दो लोग बिहार के रहने वाले है। इन सभी लोगों ने रात को करसुआ ठेके से शराब ली थी, जिसे पीने के बाद तबीयत बिगड़ी।

वहीं मौके पर पहुंचे डीआईजी अलीगढ़ रेंज दीपक कुमार (आईएएस) ने भी प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए अधिनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

देसी या कच्ची शराब जहरीली कैसे हो जाती है

गांव कनेक्शन ने कुछ साल पहले इस संबंध में बाकायदा कई खबरें की थी, और जागरुकता को लेकर मुहिम भी शुरु की थी। देसी शराब लाइसेंस वाली सरकारी दुकानों पर बिकती है लेकिन कई बार इसमें स्थानीय दुकानदार या शराब माफिया ज्यादा नशा के लिए मिलावट करते हैं। जिसके बाद ये जहरीली हो जाती है। उस समय राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा के फॉरेंसिक एक्सपर्ट प्रो. मुकेश यााद दव ने गाँव कनेक्शन को फोन पर बताया था कि " कच्ची शराब को बनाने के लिए ऑक्सीटोसिन, नौसादर और यूरिया मिलाते हैं। जहरीली शराब मिथाइल एल्कोहल कहलाती है। कोई भी एल्कोहल शरीर के अंदर जाने पर लीवर के माध्यम से एल्डिहाइड में बदल जाती है। लेकिन मिथाइल एल्कोहल फॉर्मेल्डाइड नामक के ज़हर में बदल जाता है। ये जहर सबसे पहले आंखों पर असर डालता है। इसके बाद लीवर को प्रभावित करता है। अगर शराब में मिथाइल की मात्रा ज्यादा है तो लीवर काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है।

वे आगे कहते हैं "ग्रामीण क्षेत्रों में जिस पेय पदार्थ को देसी दारू के नाम पर बेचा जाता है उसे एथेनॉल भी कहते हैं। ये गन्ने के रस, ग्लूकोज़, शोरा, महुए का फूल, आलू, चावल, जौ, मकई जैसे किसी स्टार्च वाली चीज़ को सड़ा कर तैयार किया जाता है। थोड़े पैसे की लालच में इस एथेनॉल को और नशीला बनाने के लिए इसमें मेथनॉल और स्प्रीट मिलाते हैं। इन चीजों के मिलने से फॉर्मिक एसिड बनती है जो मानव शरीर के लिए बहुत खतरनाक होती है। जो जहर की तरह काम करती है।"

इनपुट- अजय कुमार, अलीगढ़

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